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बिहार में लंबित SC-ST मामलों के निष्पादन के लिए खुलेगी 9 और विशेष कोर्ट, मिली मंजूरी

SC-ST मामलों का निपटारा तेजी से करने के लिए राज्य के 9 जिलों में SC-ST स्पेशल कोर्ट खुलेंगे. राज्य सरकार के स्तर से इन्हें खोलने की पहल शुरू कर दी गई है. विशेष कोर्ट खोलने के पीछे मकसद लंबित मामलों का त्वरित निष्पादन करना माना जा रहा है.

9 जिलों में एससी-एसटी के स्पेशल कोर्ट खुलेंगे
9 जिलों में एससी-एसटी के स्पेशल कोर्ट खुलेंगे
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Published : Oct 21, 2021, 4:02 PM IST

Updated : Oct 21, 2021, 4:38 PM IST

पटना: बिहार में लंबित पड़े अनुसूचित जाति एवं जनजाति मामलों (SC & ST Cases) की संख्यों में लगातार तेजी से बढ़ती जा रही है. साल 2019 में जहां 5,500 मामले थे. वहीं, यह आंकड़ा बढ़कर अब 7,500 पहुंच गया है. SC-ST मामलों का निपटारा तेजी से करने के लिए राज्य के 9 जिलों में एससी-एसटी के स्पेशल कोर्ट (SC-ST Special Court) खुलेंगे. हाईकोर्ट के स्तर से इन जिलों में एससी-एसटी के विशेष न्यायालय को स्थापित करने के संबंधित अनुमति मिल गई है.

ये भी पढ़ें- सर, भ्रष्टाचार उजागर किया तो मुखिया ने SC-ST मामले में फंसा दिया... हमारी रक्षा करें

नालंदा, गोपालगंज, सहारनपुर, चंपारण, रोहतास, नवादा, समस्तीपुर, वैशाली और दरभंगा में SC-ST के स्पेशल कोर्ट खुलेंगे. राज्य सरकार के स्तर से इन्हें खोलने की पहल शुरू कर दी गई है. आपको बता दें कि बिहार में पहले से ही SC-ST विशेष न्यायालयों की संख्या 5 है जो कि पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय में मौजूद है. बिहार के डीजीपी संजीव कुमार सिंघल की मानें तो बिहार पुलिस द्वारा लगातार मामलों का निष्पादन किया जा रहा है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- विधानसभा शताब्दी समारोह: राष्ट्रपति बोले- 'बिहार आने पर लगता है, घर आया हूं'

संजीव कुमार सिंघल ने बताया की शहरों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक डकैती, संगीन हत्या का उद्भेदन पुलिस के लिए चैलेंजिंग होता है. डीजीपी के मुताबिक बिहार पुलिस के कंधे पर बहुत तरह के चैलेंज इस वक्त हैं उसमें से एक SC-ST मामलों का निष्पादन का भी है. बिहार पुलिस जिसे बखूबी निभा रही है.

'इन्वेस्टिगेशन और लोन वेटर को अलग से सेपरेट कर लिया गया है. 1600 दारोगा और करीबन 130 नए डीएसपी बिहार को मिले हैं. उम्मीद है कि इन अधिकारियों के ज्वाइन करने के बाद इन्वेस्टिगेशन के साथ-साथ जनता की जो पुलिस से उम्मीदें हैं वह पहले की तुलना में ज्यादा बढ़ोतरी होगी. आम जनता को न्याय दिलाने हेतु पुलिस सदैव तैयार है.' : संजीव कुमार सिंघल, डीजीपी

ये भी पढ़ें- शताब्दी समारोह में बोले CM नीतीश- 'बिहारी राष्ट्रपति हैं रामनाथ कोविंद'

दरअसल, इन 9 जिलों में लंबित मामलों की संख्या काफी है. विशेष कोर्ट खोलने के पीछे मकसद लंबित मामलों का त्वरित निष्पादन करना माना जा रहा है. मिल रही जानकारी के अनुसार जिन जिलों में SC-ST मामलों की सुनवाई करने के लिए विशेष न्यायालय नहीं है. वहां एडीजे 3 को इन मामलों की सुनवाई करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

पूरे राज्य में एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत लंबित मामलों की संख्या 7,500 के आसपास है. करोना के कारण लॉकडाउन में कोर्ट की सुनवाई बंद होने से भी लंबित मामलों की संख्या बढ़ गई है. लंबित पड़े मामलों में थाना स्तर पर सिर्फ 25% केस में ही अंतिम जांच रिपोर्ट दायर की गई है.

ये भी पढ़ें- 'जब मुख्यमंत्री जी ने मुझे बिहारी राष्ट्रपति कहकर संबोधित किया.. तो मैं गदगद हो गया'

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पटना: बिहार में लंबित पड़े अनुसूचित जाति एवं जनजाति मामलों (SC & ST Cases) की संख्यों में लगातार तेजी से बढ़ती जा रही है. साल 2019 में जहां 5,500 मामले थे. वहीं, यह आंकड़ा बढ़कर अब 7,500 पहुंच गया है. SC-ST मामलों का निपटारा तेजी से करने के लिए राज्य के 9 जिलों में एससी-एसटी के स्पेशल कोर्ट (SC-ST Special Court) खुलेंगे. हाईकोर्ट के स्तर से इन जिलों में एससी-एसटी के विशेष न्यायालय को स्थापित करने के संबंधित अनुमति मिल गई है.

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नालंदा, गोपालगंज, सहारनपुर, चंपारण, रोहतास, नवादा, समस्तीपुर, वैशाली और दरभंगा में SC-ST के स्पेशल कोर्ट खुलेंगे. राज्य सरकार के स्तर से इन्हें खोलने की पहल शुरू कर दी गई है. आपको बता दें कि बिहार में पहले से ही SC-ST विशेष न्यायालयों की संख्या 5 है जो कि पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय में मौजूद है. बिहार के डीजीपी संजीव कुमार सिंघल की मानें तो बिहार पुलिस द्वारा लगातार मामलों का निष्पादन किया जा रहा है.

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संजीव कुमार सिंघल ने बताया की शहरों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक डकैती, संगीन हत्या का उद्भेदन पुलिस के लिए चैलेंजिंग होता है. डीजीपी के मुताबिक बिहार पुलिस के कंधे पर बहुत तरह के चैलेंज इस वक्त हैं उसमें से एक SC-ST मामलों का निष्पादन का भी है. बिहार पुलिस जिसे बखूबी निभा रही है.

'इन्वेस्टिगेशन और लोन वेटर को अलग से सेपरेट कर लिया गया है. 1600 दारोगा और करीबन 130 नए डीएसपी बिहार को मिले हैं. उम्मीद है कि इन अधिकारियों के ज्वाइन करने के बाद इन्वेस्टिगेशन के साथ-साथ जनता की जो पुलिस से उम्मीदें हैं वह पहले की तुलना में ज्यादा बढ़ोतरी होगी. आम जनता को न्याय दिलाने हेतु पुलिस सदैव तैयार है.' : संजीव कुमार सिंघल, डीजीपी

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दरअसल, इन 9 जिलों में लंबित मामलों की संख्या काफी है. विशेष कोर्ट खोलने के पीछे मकसद लंबित मामलों का त्वरित निष्पादन करना माना जा रहा है. मिल रही जानकारी के अनुसार जिन जिलों में SC-ST मामलों की सुनवाई करने के लिए विशेष न्यायालय नहीं है. वहां एडीजे 3 को इन मामलों की सुनवाई करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

पूरे राज्य में एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत लंबित मामलों की संख्या 7,500 के आसपास है. करोना के कारण लॉकडाउन में कोर्ट की सुनवाई बंद होने से भी लंबित मामलों की संख्या बढ़ गई है. लंबित पड़े मामलों में थाना स्तर पर सिर्फ 25% केस में ही अंतिम जांच रिपोर्ट दायर की गई है.

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Last Updated : Oct 21, 2021, 4:38 PM IST
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