पटना: राज्य के सभी बालगृहों में बाल दरबार (Bal Darbar) लगेगा. समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) यूनिसेफ की मदद से विश्व बाल दिवस के अवसर पर राज्य के सभी जिलों में 14 से लेकर 20 नवंबर तक बाल दरबार लगाने का निर्णय लिया है. सबसे खास बात है बालिका गृह में रहने वाले बच्चे और बच्चियों को मुख्यालय स्तर से लेकर राज्यस्तर पर अधिकारियों से अपनी शिकायत और सुझाव को लेकर समक्ष कहने का मौका मिलेगा. बाल दरबार का कार्यक्रम 14 से लेकर 20 नवंबर तक चलेगा.
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बाल दरबार पर जिला अधिकारी और उच्च अधिकारी गण बालिका गृह में रहने वाले बच्चे और बच्चियों के सुझाव को सुनेंगे. उसके बाद 20 नवंबर को राज्य स्तर पर पटना के अधिवेशन भवन में विभागीय मंत्री और विभाग के उच्च अधिकारी गण के समक्ष जिलों से चुने हुए बालिका गृह के बच्चे राज्य स्तर पर अपनी बातों को रखेंगे.
बाल दरबार मे जिला स्तर पर अधिकारी किशोर और किशोरियों को एकत्रित करके उनसे बाल अधिकार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेंगे. इसके बाद जिला स्तर से राज्य स्तर के लिए बच्चों का चयन किया जाएगा. बाल दरबार का एकमात्र उद्देश्य है कि बच्चों का जो सुझाव और शिकायत जो होगा उसका निराकरण किया जाए. जो बच्चे शिकायत या सुझाव देंगे, उस विभाग के अधिकारी को सौंपा जाएगा.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने बताया कि बाल दरबार के आयोजन से बच्चे और किशोर व किशोरियों में एक बदलाव आएगा. बच्चे और बच्चियां अपने मुद्दों को अपनी राय सुझाव को अधिकारी के समक्ष रख सकेंगे. अधिकारी उनकी समस्याओं का निराकरण करेंगे. बाल दरबार से बच्चों के विकास से संबंधित पॉलिसी आदि बनाने में भी विभाग को काफी मदद मिलेगा.
'बच्चे हमारे समाज के अभिन्न हिस्सा हैं. साथ ही साथ बच्चे समाज के भविष्य भी हैं. जो बच्चे या किशोर है जो सरकार द्वारा संचालित गृह में रहते हैं जो अनाथ हैं, उन बच्चों के मन में क्या कुछ चल रहा है. बच्चे और क्या कुछ अपेक्षाएं रखते हैं. उनकी मन की बात को जानने के लिए विश्व बाल दिवस के मौके पर मेगा कार्यक्रम का आयोजन विभाग के द्वारा किया जा रहा है.' :- राजकुमार, समाज कल्याण विभाग के निदेशक
उन्होंने बताया कि बच्चे इस कार्यक्रम के तहत जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारी के समक्ष अपनी बातों को रखेंगे और जिलाधिकारी उन बच्चों के बातों को नोट करेंगे. उनमें से चुने हुए बच्चे को राज्य स्तर के लिए बाल दरबार में चयनित किया जाएगा. राजधानी पटना के अधिवेशन भवन में कार्यक्रम होगा. वहां पर बच्चे अपने मन की बातों को अपेक्षाओं को रखेंगे.
'बाल दरबार के कार्यक्रम को फिर आगे आयोजित करने के लिए इसका समीक्षा की जाएगी. जिसके के उपरांत निर्णय लिया जाएगा कि इस तरह का बाल दरबार समय-समय पर आयोजन किया जाए. कुल मिलाकर अगर बात करें तो समाज कल्याण विभाग बालिका गृह में रहने वाले बच्चों के मन की अपेक्षाओं जानने का प्रयास किया है.' :- राजकुमार, निदेशक समाज कल्याण विभाग
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