पटना: पटना के गायघाट शेल्टर होम मामले की जांच (investigation in Gaighat shelter home case) एसआईटी ने शुरू कर दी है. इसका जांच दल का नेतृत्व महिला आईपीएस अधिकारी काम्या मिश्रा (IPS Kamya Mishra) कर रही हैं. पहले दिन आईपीएस काम्या मिश्रा के नेतृत्व में जांच टीम ने सारे तथ्यों को खंगालना शुरू कर दिया है. बहुत जल्द इस सारे मामले का खुलासा भी कर दिया जाएगा. काम्या मिश्रा अपनी टीम के साथ हाईकोर्ट स्थित बिहार बार काउंसिल पहुंचीं. चेंबर नंबर 36 में बैठ कर कैमरे के सामने उन्होंने खुद पीड़िता नंबर 1 का बयान दर्ज किया. करीब साढ़े 3 घंटे तक टीम वहां रही. इस दौरान बयान लेने के साथ ही कुछ सवाल भी उन्होंने पूछे.
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पीड़िता का बयान लेने से पहले जांच टीम गायघाट स्थित महिला रिमांड होम गई थी. टीम काफी देर तक वहां रही. इस टीम ने कई सारी की पड़ताल की. कई लड़कियों से कुछ सवाल भी पूछे गयेय. वहां रह रही लड़कियों से उन आरोपों के बारे में पूछा गया जो दोनों पीड़िताओं ने वहां की सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता (Gaighat Shelter Home superintendent bandana gupta) और उनका साथ देने वालों पर लगाए हैं. बता दें कि पहली बार यह मामला महिला विकास मंच के जरिए 29 जनवरी को गांधी मैदान थाने पहुंचा था. पीड़िताओं की वकील मीनू कुमारी की आपत्ति के बाद पटना के एसएसपी ने महिला रिमांड होम से जुड़े दोनों मामलों की जांच अधिकारी काम्या मिश्रा को बना दिया है.
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जब दोनों केस दर्ज हुए थे, उस समय जांच का जिम्मा सब इंस्पेक्टर लूसी कुमारी को सौंपा गया था जबकि हाईकोर्ट ने साफ तौर पर महिला डीएसपी या उससे ऊपर की अधिकारी को केस का आईओ बनाने को कहा था. एसआईटी का गठन होते ही उसमें आईओ नहीं के बदले जाने पर वकील मीनू कुमारी ने आपत्ति जताई थी. इसके बाद गुरुवार को एसएसपी ने काम्या मिश्रा को ही दोनों मामलों का आईओ बना दिया. वकील मीनू कुमारी का कहना है कि रिमांड होम से ही जुड़े दो मामले, जिसमें रोहतास की संजिदा खातून और पटना सिटी के सुल्तानगंज की सबा परवीन के पति का बयान भी एसआईटी के सामने दर्ज करवाएंगी.
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