पटना: राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) ने बिहार उपचुनाव के नतीजों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर हमला बोला है. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की जमकर तारीफ की है. तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार अच्छे से जानते हैं कि वो निरंतर राजनीतिक अवसान पर है और हार रहे हैं. उपचुनाव में वो कम अंतर से भले ही जीत गए हैं, लेकिन वो जानते है उनकी राजनीतिक किताब के अंतिम पन्नों पर हार ही हार लिखी है.
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तेजस्वी यादव जानते है कि वो हार कर भी जीत गए हैं. वो इस खेल की विधा को अच्छे से समझकर सिंगल-डबल्स के साथ-साथ जरूरत के अनुसार चौके-छक्के भी मार रहे हैं. अपनी बाउन्सर, गुगली, स्पिन और गति से सत्ताधारियों को क्लीन बोल्ड भी कर रहे है. राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार के साथ भाजपा, वीआईपी, हम, लोजपा (पशुपति पारस) सहित 5 सत्ताधारी पार्टियों के गठबंधन के अलावा सारा प्रशासनिक अमला, यंत्र-तंत्र, धन बल, बाहुबल और छल बल था.
उन्होंने कहा कि मतलब 5 पार्टियां और उम्मीदवार भी ऐसे कुख्यात ढूंढे गए जिन पर बम बनाने, फोड़ने, अपहरण, हत्या से लेकर एक से एक संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. कथा ऐसी गढ़ी गई कि राजद आक्रामक हैं, जबकि राजद के प्रत्याशियों पर एक भी केस नहीं है. इन सबों के विरुद्ध राजद और तेजस्वी यादव लड़ रहे थे, जीत तो जीत होती है. अब आंकड़ों के जरिये देखिए कि तेजस्वी यादव अकेले कैसे बढ़त बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि एक साल पहले विधानसभा चुनाव में कुशेश्वरस्थान से गठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी को 34 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे, जबकि इस बार अकेले राजद प्रत्याशी को 36% मत मिला है.
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'तारापुर विधानसभा से विगत चुनाव में गठबंधन के राजद प्रत्याशी को 32% मत प्राप्त हुए थे, जबकि इस बार अकेले राजद को 44.35% मत प्राप्त हुए हैं, जो कि नीतीश कुमार की 5 पार्टियों के गठबंधन से 2% कम है. दोनों विधानसभा सीटों के उपचुनाव में औसतन राजद को 40% और 5 पार्टियों के एनडीए गठबंधन को 46% मत प्राप्त हुए हैं. इस औसतन प्राप्त 40% मतों में सभी का मत है. मतलब राजद के जनाधार में निरंतर वृद्धि हो रही है. एक बात याद रखें कि कोई भी जनाधार ना एक दिन में खिसकता है और ना ही पुन: प्राप्त होता है. यह एक टाइम टेकिंग प्रॉसेस है.''- शिवानंद तिवारी, वरिष्ठ राजद नेता
उन्होंने कहा कि राजद ने अधिकांश राउंड में बढ़त बनाये रखी. यह दर्शाता है कि मिश्रित वोट मिले हैं. वह भी जब राजद के मजबूत बूथों पर प्रशासन द्वारा मतदाताओं को प्रताड़ित किया गया. डर का माहौल पैदा करने के लिए राजद के मजबूत कार्यकर्ताओं को मतदान पूर्व पुलिस द्वारा फर्जी मामलों में उठा लिया गया. इन बूथों पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में धीमी वोटिंग करायी गयी और जेडीयू के मजबूत बूथों पर खुली छूट दी गयी, जहां कोई कैमरा नहीं था. जदयू के मजबूत बूथों पर मिले मत इसको प्रमाणित करते हैं.
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शिवानंद तिवारी ने पूछा कि लोग जनाधार और ताकत की बात करते हैं तो बताइए कि बिहार में तेजस्वी के अलावा कौन सी पार्टी अकेले अपने दम पर औसतन 40% वोट प्राप्त कर सकती है. क्या अकेले नीतीश कुमार 11%-12% से अधिक मत प्राप्त कर सकते हैं. पिछले चुनाव में जेडीयू चार पार्टियों के गठबंधन में शायद 122 सीटों पर लड़ी थी. महज 15.4% वोट प्राप्त किए थे. उन्होंने कहा कि 2009 के नए परिसीमन में बनी कुशेश्वरस्थान सीट पर राजद ने अपने सिम्बल से आज तक चुनाव ही नहीं लड़ा था. उससे पूर्व में वहां सहयोगी दल ही चुनाव लड़ते थे.
राजद नेता ने कहा कि तारापुर और कुशेश्वरस्थान परंपरागत रूप से जेडीयू की मजबूत सीट रही है और विगत 16 वर्षों से जेडीयू के ही विधायक रहे हैं, लेकिन इस बार तेजस्वी यादव ने 17 दिन लगातार दिन-रात गांव-गांव जाकर बिहार सरकार के अलावा आरएसएस, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों, गठबंधन सहयोगियों और जातीय नेताओं को घर-घर टिकने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने कहा कि साड़ी, पैसा और राशन बांटने के अलावा पक्षपाती अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति संबंधित वायरल वीडियो तो आप सबने देखे ही होंगे. तेजस्वी ने अकेले सरकार को नचाया है.