पटना: अब कश्मीर से कन्याकुमारी तक बिहार के बने हुए खादी के वस्त्रों और उसके हैंडलूम का उपयोग लोग कर सकेंगे. इसको लेकर बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) ने जानकारी देते हुए बताया कि जल्द ही बिहार में एक नई खादी उद्योग नीति का निर्माण किया जाएगा. दरअसल, यह जानकारी शाहनवाज हुसैन ने पटना के खादी मॉल में 61 खादी उद्योग से जुड़े संस्थानों की बैठक करने के बाद दी है. वहीं, दूसरी ओर उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव के दौरान पूर्व में लगने वाले चार मेलों की जगह इस वर्ष 75 मेलों का आयोजन उद्योग विभाग की ओर से किया जाएगा.
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पटना के खादी मॉल पहुंचे बिहार सरकार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इस वर्ष अमृत महोत्सव के दौरान बड़े पैमाने पर मेले का आयोजन किया जाएगा. पूर्व में अमृत महोत्सव के दौरान कुल 4 मेलों का आयोजन बिहार सरकार की ओर से किया जाता था, लेकिन, इस वर्ष कुल 75 मेलों का आयोजन किया जाएगा और इसके लिए बजट की व्यवस्था की जा रही है.
उन्होंने बताया कि खादी को मॉडर्न तरीके से कैसे जोड़ा जाए और जो संस्था गांव में कार्य कर रही है उसको वर्ल्ड का मार्केट कैसे दिया जाए, इसको लेकर एक नई नीति का निर्माण किया जा रहा है. पटना के खादी मॉल की तर्ज पर तीन अन्य मॉल बिहार के पूर्णिया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में बनाने की बातें चल रही है. बिहार उद्योग विभाग का यह प्रयास है कि 75% से ज्यादा खादी के वस्तु ही खादी मॉल में रहे. नई टेक्सटाइल पॉलिसी का ड्राफ्ट बन गया है और 20 नवंबर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने उसका प्रेजेंटेशन उद्योग विभाग करेगा.
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''खादी के विज्ञापन को खुद ही करें. खादी के विज्ञापन में किसी फिल्मी स्टार को लेने की कोई जरूरत नहीं है.बिहार का जो स्वरूप फिल्मों में दिखाया जाता है, उस इमेज से बिहार कब का निकल चुका है. यहां बहुत ही अच्छा माहौल है और इस अच्छे माहौल में बड़े-बड़े उद्योग बिहार में लग रहे हैं.''- शाहनवाज हुसैन, उद्योग मंत्री
दूसरी ओर बिहार सरकार के उद्योग मंत्री ने बताया कि बिहार के बाहर के उद्यमियों से मिलकर भी उन्होंने उनसे यह आग्रह किया है कि बिहार के खादी के सामानों को वह सिर्फ बेचे नहीं, उसका निर्माण भी बिहार में ही करें. इसके अलावा खादी को लेकर एक नारा 'एक बार तो आइए बिहार में' भी तैयार किया है.