पटना: बिहार में करीब 4 लाख नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त का मामला पिछले 4 सालों से फंसा हुआ है. लगातार नियोजित शिक्षकों के आंदोलन के बाद भी शिक्षा विभाग ने अबतक तक सेवा शर्त को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की है. सेवा शर्त का ड्राफ्ट तैयार नहीं होने के कारण फिलहाल इसे लागू करने का मामला भी फंसा हुआ है.
अब तक तैयार नहीं हुआ सेवा शर्त का ड्राफ्ट
शिक्षा मंत्री ने कई बार कहा है कि नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त सरकार की प्राथमिकताओं में है. लेकिन, विभागीय सूत्र बताते हैं कि गठित कमिटी ने सेवा शर्त का ड्राफ्ट तक तैयार नहीं किया है. इसीलिए, फिलहाल इसे लागू करने के बारे में नहीं सोचा जा सकता है.
मुख्यमंत्री लेंगे आखिरी निर्णय
शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक अगले साल बिहार विधानसभा चुनाव में नियोजित शिक्षकों से जुड़ा हर मामला सरकार के वोट बैंक पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है. अगले साल मार्च में या इसके बाद नियोजित शिक्षकों के सेवा शर्त को लेकर सरकार बड़ी घोषणा कर सकती है. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आखिरी निर्णय लेंगे.
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सरकार की मंशा पर सवाल
इस मामले पर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए नाराजगी जताई है. संघ के प्रवक्ता ने जल्द से जल्द सेवा शर्त लागू करने की मांग की है. उन्होंने सेवा शर्त के लिए गठित कमिटी को शो कॉज नोटिस भेजने की मांग की है. उन्होंने सवाल उठाया कि गठित कमिटी को 3 महीने का समय दिया गया था, फिर भी कमिटी ने 4 साल होने के बाद भी ड्राफ्ट तैयार क्यों नहीं किया?