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अब तक नहीं तैयार हुआ सेवा शर्त का ड्राफ्ट, 3 महीने का समय दिया गया था, बीत गए 4 साल - बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ

एक तरफ जहां शिक्षा मंत्री नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त को सरकार की प्राथमिकताओं में एक बताते हैं, वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग के सूत्र बताते हैं कि गठित कमिटी ने सेवा शर्त का ड्राफ्ट तक तैयार नहीं किया है.

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Published : Dec 7, 2019, 11:55 PM IST

पटना: बिहार में करीब 4 लाख नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त का मामला पिछले 4 सालों से फंसा हुआ है. लगातार नियोजित शिक्षकों के आंदोलन के बाद भी शिक्षा विभाग ने अबतक तक सेवा शर्त को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की है. सेवा शर्त का ड्राफ्ट तैयार नहीं होने के कारण फिलहाल इसे लागू करने का मामला भी फंसा हुआ है.

अब तक तैयार नहीं हुआ सेवा शर्त का ड्राफ्ट
शिक्षा मंत्री ने कई बार कहा है कि नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त सरकार की प्राथमिकताओं में है. लेकिन, विभागीय सूत्र बताते हैं कि गठित कमिटी ने सेवा शर्त का ड्राफ्ट तक तैयार नहीं किया है. इसीलिए, फिलहाल इसे लागू करने के बारे में नहीं सोचा जा सकता है.

पेश है रिपोर्ट

मुख्यमंत्री लेंगे आखिरी निर्णय
शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक अगले साल बिहार विधानसभा चुनाव में नियोजित शिक्षकों से जुड़ा हर मामला सरकार के वोट बैंक पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है. अगले साल मार्च में या इसके बाद नियोजित शिक्षकों के सेवा शर्त को लेकर सरकार बड़ी घोषणा कर सकती है. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आखिरी निर्णय लेंगे.

यह भी पढ़ें- बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के नए भवन का उद्घाटन, कई बड़े नेता रहे मौजूद

सरकार की मंशा पर सवाल
इस मामले पर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए नाराजगी जताई है. संघ के प्रवक्ता ने जल्द से जल्द सेवा शर्त लागू करने की मांग की है. उन्होंने सेवा शर्त के लिए गठित कमिटी को शो कॉज नोटिस भेजने की मांग की है. उन्होंने सवाल उठाया कि गठित कमिटी को 3 महीने का समय दिया गया था, फिर भी कमिटी ने 4 साल होने के बाद भी ड्राफ्ट तैयार क्यों नहीं किया?

पटना: बिहार में करीब 4 लाख नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त का मामला पिछले 4 सालों से फंसा हुआ है. लगातार नियोजित शिक्षकों के आंदोलन के बाद भी शिक्षा विभाग ने अबतक तक सेवा शर्त को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की है. सेवा शर्त का ड्राफ्ट तैयार नहीं होने के कारण फिलहाल इसे लागू करने का मामला भी फंसा हुआ है.

अब तक तैयार नहीं हुआ सेवा शर्त का ड्राफ्ट
शिक्षा मंत्री ने कई बार कहा है कि नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त सरकार की प्राथमिकताओं में है. लेकिन, विभागीय सूत्र बताते हैं कि गठित कमिटी ने सेवा शर्त का ड्राफ्ट तक तैयार नहीं किया है. इसीलिए, फिलहाल इसे लागू करने के बारे में नहीं सोचा जा सकता है.

पेश है रिपोर्ट

मुख्यमंत्री लेंगे आखिरी निर्णय
शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक अगले साल बिहार विधानसभा चुनाव में नियोजित शिक्षकों से जुड़ा हर मामला सरकार के वोट बैंक पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है. अगले साल मार्च में या इसके बाद नियोजित शिक्षकों के सेवा शर्त को लेकर सरकार बड़ी घोषणा कर सकती है. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आखिरी निर्णय लेंगे.

यह भी पढ़ें- बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के नए भवन का उद्घाटन, कई बड़े नेता रहे मौजूद

सरकार की मंशा पर सवाल
इस मामले पर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए नाराजगी जताई है. संघ के प्रवक्ता ने जल्द से जल्द सेवा शर्त लागू करने की मांग की है. उन्होंने सेवा शर्त के लिए गठित कमिटी को शो कॉज नोटिस भेजने की मांग की है. उन्होंने सवाल उठाया कि गठित कमिटी को 3 महीने का समय दिया गया था, फिर भी कमिटी ने 4 साल होने के बाद भी ड्राफ्ट तैयार क्यों नहीं किया?

Intro:बिहार में करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त का मामला पिछले 4 साल से अधर में है। लगातार और बार-बार नियोजित शिक्षकों के आंदोलन के बावजूद शिक्षा विभाग ने अबतक तक सेवा शर्त को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की है। सेवा शर्त का ड्राफ्ट तैयार नहीं होने के कारण फिलहाल इसे लागू करने का मामला भी खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। पेश है यह खास रिपोर्ट।


Body:बिहार में नियोजित शिक्षकों का मामला हो या शिक्षा विभाग से जुड़ी कोई भी जानकारी आधिकारिक रूप से पुष्टि बमुश्किल हो पाती है हालांकि शिक्षा मंत्री कई बार यह कह चुके हैं कि नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त सरकार की प्राथमिकताओं में है लेकिन विभागीय सूत्र बताते हैं कि अब तक इस मामले में गठित कमेटी ने सेवा शर्त का ड्राफ्ट तक तैयार नहीं किया है। इसलिए अगले कुछ दिनों तक इसे लागू करने के बारे में भी नहीं सोचा जा सकता।
शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं नियोजित शिक्षकों से जुड़ा हर मामला सरकार के वोट बैंक पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है यही वजह है कि सरकार ने अब तक इसे ठंडे बस्ते में डाल रखा है सूत्रों के मुताबिक अगले साल मार्च या इसके बाद नियोजित शिक्षकों के सेवा सड़क को लेकर सरकार बड़ी घोषणा कर सकती है और इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आखिर निर्णय लेंगे।
इन सबके बीच बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए नाराजगी जताई है और सेवा शर्त जल्द से जल्द लागू करने की मांग की है साथ ही सेवा शर्त के लिए गठित कमेटी को शो काज करने की मांग भी की है कि आखिर 3 महीने का वक्त मिलने के बाद भी 4 साल इस कमेटी ने क्यों लगा दिया।


Conclusion:अभिषेक कुमार प्रवक्ता बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ
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