पटना: बिहार में कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) में संक्रमण के नए मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. शुक्रवार को प्रदेश में 6541 नए मामले सामने आए. राजधानी पटना में ही अकेले 2116 नए मामले आये हैं. प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर के 34084 हो गई है. राजधानी पटना में एक्टिव मामलों की संख्या 13927 है. पटना के बाद मुजफ्फरपुर में 1658 एक्टिव मामले हैं. वहीं, समस्तीपुर में 1063, दरभंगा में 1067 और गया में 1002 एक्टिव मामले हैं. प्रदेश में कोरोना मरीजों का रिकवरी प्रतिशत घटकर 94.04% हो गया है.
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प्रदेश में जिस तेजी से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, लोग होम आइसोलेशन में रह रहे हैं. अब ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म से लोग कोरोना जांच का एंटीजन किट (Self antigen test kit demand increased) धड़ल्ले से खरीद रहे हैं और घर बैठे कोरोना जांच कर रहे हैं. हालांकि सरकार इस रिपोर्ट को नहीं मान रही है. सरकारी केंद्र और सरकारी मान्यता प्राप्त संस्थान से जांच ही मान्य है. ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि लोग बेवजह धड़ल्ले से एंटीजन किट नहीं खरीदें. इसकी विश्वसनीयता कम है और कई एंटीजन किट बिना आईसीएमआर के अप्रूवल के भी बिक रहे हैं. बाजार में 250 रुपये से लेकर के 600 रुपये तक में सेल्फ एंटीजन जांच किट बिक रहे हैं. इसमें एक पैकेट में दो जांच किट होते हैं.
पटना के न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि कई लोग इन दिनों बाजार से एंटीजन किट खरीद रहे हैं और जांच में पॉजिटिव आने पर उनके यहां पहुंच रहे हैं. जब इन लोगों की दोबारा एंटीजन जांच और आरटी-पीसीआर जांच में रिपोर्ट निगेटिव आ रही है. इन दिनों इस प्रकार से खुद से एंटीजन किट से जांच कर काफी संख्या में लोग आने लगे हैं. ऐसे में इस प्रकार की किट की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठने लगे हैं क्योंकि जब सेंटर के ट्रेंड मेडिकल स्टाफ सैंपल कलेक्ट करते हैं तो रिपोर्ट अलग हो जाती है.
उन्होंने कहा कि अगर घर बैठे खुद से जांच करते हैं तो सैंपल कलेक्ट करने का तरीका भी लोगों को नहीं मालूम होता है. उन्होंने कहा कि अगर किसी में संक्रमण के लक्षण हैं तो कुछ दिनों के लिए आइसोलेट हो जाए. सरकार की ओर से हर इलाके में कोरोना जांच की व्यवस्था की गई है. वहां जाकर जांच करा सकते हैं. सरकारी जांच केंद्र या फिर सरकार के तरफ से मान्यता प्राप्त संस्थान से प्राप्त रिपोर्ट ही मान्य होंगे.
पटना के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर चन्द्रिल चुग ने बताया कि बाजार में जो कोरोना जांच के एंटीजन किट मिल रहे हैं, उनकी रिपोर्ट की अधिक ऑथेंटिसिटी नहीं है. ऐसे में जरूरी है कि लोग अगर संक्रमण के लक्षण महसूस कर रहे हैं तो उसे कोरोना मानकर खुद को आइसोलेट करें. प्रिकॉशनरी दवाइयां चिकित्सक के परामर्श से खाएं. कोरोना के कारण मन में अधिक डर ना बनाएं क्योंकि यह डर पैनिक सिचुएशन क्रिएट कर सकता है. अभी के समय संक्रमण अधिक गंभीर नहीं हो रहा है. ऐसे में घबराना नहीं है. खान-पान पर विशेष एहतियात रखना है. लंग्स के लिए योगाभ्यास करना है. लोग स्वतः ठीक हो जाएंगे. बाजार से बेवजह एंटीजन किट खरद कर समय-समय पर खुद से जांच करते रहना पैसे की बर्बादी है.
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