पटना: नगर निकाय चुनाव को लेकर बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है. अति पिछड़ों को जिस तरीके से नगर निकाय चुनाव में आरक्षण दिया गया उसे खारिज करते हुए पटना उच्च न्यायालय ने चुनाव पर रोक लगा दी है. नगर निकाय चुनाव को लेकर पटना उच्च न्यायालय के फैसले के बाद से भाजपा और जदयू एक दूसरे पर हमलावर है. पूर्व पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार पर अति पिछड़ा विरोधी हाेने का आराेप लगाया.
इसे भी पढ़ेंः नगर निगम चुनाव स्थगित होने के बाद सड़क पर उतरी BJP, मुख्यमंत्री का पुतला फूंका
अति पिछड़ा विरोधी हैं नीतीश कुमारः पूरे मामले पर ईटीवी भारत से बात करते हुए पूर्व पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार में रहते हुए उनलोगों ने नीतीश कुमार के फैसले का विरोध किया था लेकिन नीतीश कुमार 2005 का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ फैसला लेने के लिए अडिग थे. सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार अति पिछड़ा विरोधी हैं और उन्होंने कर्पूरी ठाकुर के आरक्षण का भी विरोध किया था.
इसे भी पढ़ेंः 'EBC पर सुप्रीम कोर्ट जाकर समय न बर्बाद करें नीतीश, SC के आदेश पर तुरंत आयोग गठित करें'
अवमानना का मामला चलेः नगर निकाय चुनाव को लटका कर पिछड़ों और अति पिछड़ों के हितों का नीतीश कुमार ने नुकसान किया है. भाजपा नेता ने कहा कि नीतीश कुमार और उनके पार्टी के लोग खुद को सुप्रीम कोर्ट से ऊपर समझ रहे हैं. कोर्ट के फैसले पर भी उंगली उठा रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा सरीखे नेताओं के खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाना चाहिए.
"भाजपा नेता ने कहा कि नीतीश कुमार और उनके पार्टी के लोग खुद को सुप्रीम कोर्ट से ऊपर समझ रहे हैं और कोर्ट के फैसले पर भी उंगली उठा रहे हैं. मैं मांग करता हूं कि नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा सरीखे नेताओं के खिलाफ अवमानना चलाया जाना चाहिए"-सम्राट चौधरी, पूर्व मंत्री