पटनाः आरआरबी-एनटीपीसी रिजल्ट में धांधली (RRB NTPC Protest) का आरोप लगाते हुए छात्र संगठनों ने आज बिहार बंद का आह्ववान किया है. छात्रों के इस बिहार बंद को कई छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों का समर्थन (Political Parties Support To Bihar Bandh) प्राप्त है. बिहार महागठबंधन के तमाम घटक दल जहां छात्रों के समर्थन में उतर रहे हैं, वहीं जन अधिकार पार्टी के तमाम विंग भी छात्रों की आवाज को बुलंद कर रहे हैं.
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आरआरबी और एनटीपीसी की परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी के खिलाफ आइसा व इनौस के आह्वान के साथ छात्र संगठन इंकलाबी नौजवान सभा भी साथ खड़ा है. आंदोलनरत अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज, मुकदमा व गिरफ्तारी के खिलाफ छात्र-युवा एकजुट हो गए हैं.
आज का यह बिहार बंद न केवल छात्रों का रह गया है बल्कि कई राजनीतिक दल भी खुलकर इस लड़ाई में कूद पड़े हैं. बिहार महागठबंधन के तमाम घटक दल (आरजेडी, कांग्रेस, वामदल) छात्रों के मुद्दे को लेकर आवाज उठा रहे हैं. इधर, पप्पू यादव के ऐलान के अनुसार जनाधिकार पार्टी के तमाम विंग आज सड़कों पर है. गुरुवार को प्रेस कंफ्रेंस करते हुए पप्पू यादव ने इस मुद्दे को लेकर आरआरबी और केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा था.
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छात्रों पर सरकार के द्वारा अपनाए जा रहे रवैये के खिलाफ गुरुवार को ही महागठबंधन के तमाम घटक दलों ने एक साथ प्रेसवार्ता की थी. इस दौरान आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने बिहार बंद को समर्थन देने के ऐलान के साथ ही सरकार को सख्त चेतावनी भी दी थी.
अब तक क्या-क्या हुआ? दरअसल, रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों की परीक्षा-2021 परिणाम 14-15 जनवरी को जारी किये गए थे. इन परीक्षाओं में 1 करोड़ 40 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे और नतीजे आने के बाद से ही छात्रों के बीच असंतोष का मुद्दा छाया हुआ है. इसके विरोध में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. ये विरोध बिहार और देश के कई अन्य हिस्सों में छात्रों द्वारा किया जा रहा है. मंगलवार को प्रदर्शनकारी छात्रों ने कई स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया, कई घण्टे तक रेलों को बाधित किया. हालांकि इस बीच रेल मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों को रेलवे की नौकरी पाने से जीवन भर के लिए बैन करने की चेतावनी भी दी.
शिक्षकों पर मुकदमाः हुए तो पुलिस एक्शन में आई और हंगामा करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई. आंदोलन के लिए छात्रों को उकसाने और उन्हें हिंसा के प्रेरित करने के मामले में गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों के बयान पर पटना वाले खान सर (Khan Sir) , एस के झा सर, नवीन सर, अमरनाथ सर, गगन प्रताप सर, गोपाल वर्मा सर तथा बाजार समिति के विभिन्न कोचिंग संस्थानों के संचालकों के खिलाफ पटना के पत्रकारनागर थाना में मामला दर्ज किया गया.
पत्रकार नगर थाना के थानेदार की शिकायत पर दर्ज इस FIR में चार गिरफ्तार छात्रों के अलावा पटना विभिन्न कोचिंग संचालकों और अज्ञात तीन-चार सौ लोगों के खिलाफ षड्यंत्र के तहत मजमा लगाकर सड़क मार्ग को बाधित करने, दंडाधिकारियों और पुलिसकर्मियों को अपमानित करने तोड़फोड़ करने और यातायात और लोकमार्ग को बाधित करने आदि के आरोप आईपीसी की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया.
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विरोध की आग पर रेलवे का बड़ा बयानः रिजल्ट के विरोध में जल रहे बिहार को देखते हुए पांच सदस्यी हाई पावर कमेटी गठित कर रेलवे ने इस मामले में शांति बरतने की अपील की है. पूर्व मध्य रेलवे ने आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा (RRB NTPC Exam) को लेकर अभ्यर्थियों द्वारा बिहार और देश के अन्य हिस्सों में किए जा रहे उग्र प्रदर्शन को लेकर छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की. पूर्व मध्य रेलवे ने छात्रों की समस्या का निपटारा किए जाने का भी आश्वासन दिया.
मध्य रेलवे के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय हाई पावर कमेटी (Five Member High Power Committee) का गठन किया है. इसके माध्यम से छात्रों की मांगों को हाई कमेटी तक पहुंचाया जाएगा. सीपीआरओ ने रेलवे का पक्ष रखते हुए कहा कि पूरी परीक्षा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से ली गई थी. लेकिन रिजल्ट के शॉर्टलिस्टिंग प्रक्रिया को लेकर अभ्यर्थियों के मन में कुछ भ्रातियां है, जिसके निराकरण के लिए रेलवे पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
छात्र क्यों कर रहे हैं विरोध? दरअसल, 35 हजार पद के लिए आरआरबी और एनटीपीसी ने वैकेंसी कंडक्ट किया था. जिसमें मैट्रिक और इंटर पास छात्रों के लिए नौकरी के आवेदन ऑफर किए गए थे. साल 2021 में परीक्षा हुई और जब परीक्षाफल प्रकाशित हुए तो एक ही रोल नंबर के चार या पांच लड़के उत्तीर्ण दिखाए जा रहे थे. कुल मिलाकर 384000 रिजल्ट प्रकाशित किया गया. जिसमें कि 735000 रोल नंबर अंकित था.
दूसरी तरफ ग्रुप डी की परीक्षा में ऑब्जेक्टिव प्रश्न पत्र के एग्जाम लिए जाते थे, उसके बाद फिजिकल और मेडिकल के जरिए नियुक्ति का प्रावधान था. लेकिन इसमें एक और लिखित परीक्षा जोड़ दिया गया और छात्रों को 15 दिन का समय दिया गया. आरआरबी और एनटीपीसी की इस कार्यप्रणाली से नाराज हुए छात्र आंदोलन पर उतर आए हैं और आज बिहार बंद को सफल बनाने में जुटे हैं.
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