पटना: बिहार विधान मंडल (Bihar Legislature) में बन रहे शताब्दी स्तंभ को लेकर आरजेडी ने एक बार फिर से सवाल उठाए हैं. आरजेडी महासचिव आलोक मेहता (RJD General Secretary Alok Mehta) ने राष्ट्रीय जनता दल कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बिहार की विरासत को खत्म करना चाहती है. उन्होंने कहा कि जिस अशोक स्तंभ की देश में मान्यता है. सिर्फ देश में ही नहीं कई अन्य देशों में भी इसे मान्यता दी गई है, उसी बिहार की विरासत को सरकार बिहार से हटाना चाहती है.
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आलोक मेहता ने कहा कि एक साजिश के तहत यह सब हो रहा है. सबसे पहले सम्राट अशोक के बारे में गलत तरीके से किताब लिखने वाले को सम्मानित किया गया, फिर दिल्ली पुलिस के सिंबल से अशोक चक्र को हटाया गया. कहीं न कहीं साजिश के तहत ही बिहार विधान मंडल में बन रहे शताब्दी स्तंभ से भी अशोक चक्र को गायब किया गया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता है, क्योंकि हमसब सभी धर्मों को एक साथ लेकर चलने वाले लोग हैं.
आरजेडी महासचिव आलोक मेहता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगर इसका जवाब नहीं देते हैं और शताब्दी स्तंभ में अशोक चक्र नहीं अंकित किया जाता है तो निश्चित तौर पर राष्ट्रीय जनता दल गांव-गांव जाकर लोगों को इस बारे में बताएगा कि किस तरह से वर्तमान सरकार बिहार की विरासत को खत्म करना चाहती है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर हम लोग जन जागरण अभियान भी चलाएंगे.
आपको बताएं कि पूरे विवाद की शुरुआत तेजस्वी यादव के एक ट्वीट से हुई है. बिहार विधानसभा परिसर में शताब्दी समारोह के मौके पर निर्माणाधीन शताब्दी स्तंभ को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर किया और लिखा कि इस स्तंभ पर अशोक चक्र की बजाय स्वास्तिक का चिह्न क्यों लगाया जा रहा है. इस पर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव की समझ पर ही सवाल खड़े कर दिए थे.
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