पटना: देश की आर्थिक मंदी को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के दावे पर बुधवार को मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ने कटाक्ष किया. सुशील मोदी ने कहा कि देश में आर्थिक मंदी नहीं है, बल्कि टैक्स कम किए जाने के लिए बड़ी कंपनियां सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति अपना रही है.
शिवानंद तिवारी का कटाक्ष
सुशील मोदी को अपनी टिप्पणियों के लिए ट्विटर पर काफी आलोचना का सामना करना पड़ा. आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने उनपर कटाक्ष करते हुए कहा कि सुशील कुमार मोदी ने फ्रांसीसी सम्राट की तरह आवाज उठानी शुरू कर दी है कि अगर लोगों के पास रोटी नहीं है, तो उन्हें केक खाना चाहिए.
'सुमो के बयान, उनकी अज्ञानता दिखाता है'
तिवारी ने आरोप लगाया कि उन्होंने ऑटोमोबाइल में गिरावट के लिए हाल में कहा था कि पितृपक्ष के दौरान लोग वाहन खरीदना पसंद नहीं करते. उन्होंने कहा कि इससे पहले उन्होंने दावा किया था कि सावन के दौरान आर्थिक मंदी देखने को मिलती है, जो कि बाद में खुद ठीक हो जाती है. इस तरह के उनके बयान, उनकी अज्ञानता दिखाते है.
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सुमो ने मंदी की खबरों को किया था खारिज
बता दें कि उपमुख्यमंत्री सुमो ने पारले-जी बिस्कुट कंपनी का उदाहरण देते हुए कहा कि वास्तविक तौर पर बिहार में इस बिस्कुट की मांग बढ़ी है. सुशील मोदी ने कहा कि देश में कहीं भी कोई आर्थिक मंदी नहीं है. निजी कार्यक्रम में शरीक हुए मोदी ने मंदी की खबरों को सिरे से खारिज किया.
औद्योगिक घराना लॉबियों पर आरोप
सुशील मोदी ने कहा कि मीडिया में ऑटोमोबाइल और दूसरे क्षेत्रों के बारे में जो रिपोर्ट देखने को मिलती है वह औद्योगिक घराना लॉबियों की ओर से टैक्स रेट को कम करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की एक चाल है. उन्होंने कहा कि पारले-जी का उदाहरण लें. बिहार में इसकी मांग बढ़ी है. ऐसे में चौंकाने वाली बात है कि मांग में गिरावट कैसे आई. केरल और तमिलनाडु जैसे विकसित राज्यों में इन बिस्कुटों के स्थान पर पेस्ट्री खाना शुरू करने से क्या ऐसा संभव है.