पटना: बिहार के बिजली उपभोक्ताओं (Bihar electricity consumers) को स्मार्ट बनाने की दिशा में ऊर्जा विभाग की तरफ से स्मार्ट प्रीपेड मीटर (Smart Prepaid Meter in Bihar) लगाया जा रहा है. दूसरी ओर आज हम आपको बिजली विभाग की एक बड़ी गड़बड़ी (Rigging in Electricity Bill in Patna) बताने जा रहे हैं. बिजली विभाग के इस कारनामे से उपभोक्ता सदमे में हैं. इसके बारे में जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे. एक व्यक्ति को तीन दिन में चार हजार का बिल (Four thousand electricity bill in three days in Patna) आया है. अब बेचारा उपभोक्ता बिजली विभाग के अधिकारियों का चक्कर लगा रहा है.
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मिट्टी का बर्तन बनाता है पीड़ित: दरअसल, पटना के गांधी मैदान के तार घाट के रहने वाले मनोज पंडित के घर मे दिसंबर से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा हुआ है. 4 मई को उसने 3 दिन में 4 हजार का बिजली का बिल देखा, उसके बाद से वह सदमे में है. मनोज पंडित मिट्टी के बर्तन बनाकर दुकानों तक पहुंचाते हैं. इसी से उनके परिवार का गुजारा होता है. मनोज पंडित अगर एक दिन काम नहीं करेंगे तो घर का चूल्हा नहीं जलेगा. मनोज पंडित 4 हजार बिल देख विद्युत विभाग के अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. तीन दिन बीत गये लेकिन विभाग का एक कर्मचारी तक उनकी समस्या का समाधान करने नही पहुंचा.
तीन दिन में माइनस 4 हजार बिल: मनोज पंडित ने बताया कि स्मार्ट मीटर ऐप पर 500 रुपये बैलेंस दिखा रहा था. पर तीन दिनों के बाद मैसेज आया- 'आप रीचार्ज कराएं, माइनस 4 हजार रुपये हो गया है.' यह कैसे हो गया समझ नही आया. 4 मई की शाम से उनके घर में अंधेरा है. मनोज के बेटे ने अपना कंजूमर आईडी ऑनलाइन चेक किया तो पता चला कि 4 हजार रुपया माइनस है. फिर क्या था मनोज पंडित आनन-फानन में विद्युत कार्यालय पहुंचे. वहां उन्हें बताया गया कि रिचार्ज कीजिए तो आपकी लाइट आ जाएगी.
तीन दिन में कटी है बिजली: उन्होंने कहा कि मात्र 3 दिन में 4000 रुपया माइनस कैसे हो गया. चेक करके बताइए, मेरे अकाउंट में पहले से 500 रुपये थे. बिजली विभाग के कर्मचारियों ने शाम होने के कारण उनको समझा कर घर भेज दिया और बोले कि कल कर्मचारी उनके घर जाकर मीटर चेक करके समस्या का समाधान कर देंगे. फिर क्या था, इस धूप और गर्मी में मनोज पंडित अपने पूरे परिवार के साथ उमस भरी अंधेरी रात गुजारी, सुबह का इंतजार किया. सुबह होने के बाद मनोज पंडित ने 12:00 बजे तक बिजली कर्मचारियों की राह देखते रहे. कोई बिजली कर्मचारी नहीं आया.
उपभोक्ता परेशान: परेशान मनोज पंडित ने जेई को फोन किया. जेई साहब ने फोन उठाकर आश्वासन दिया. एक बार फिर मनोज बिजली कर्मचारियों की राह देखने लगे. कोई नहीं आया. मजबूरन मनोज पंडित 6 मई को एक लिखित आवेदन विद्युत भवन को सौप आये लेकिन आज 7 मई तक उनके घर का बिजली कनेक्शन नहीं जोड़ा गया. मनोज पंडित की पत्नी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि लोग घंटे 2 घंटे इस गर्मी में घर में नहीं रह सकते हैं. मैं 3 दिनों से इसी घर में रहकर खाना बना रही हूं. अंधेरे में रात गुजर रही है. बिजली विभाग की लापरवाही से मेरे घर में लाइट नहीं जल रही है. फोन करने के बाद सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है.
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