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'बिहार में लागू करें पूर्ण शराबबंदी, लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त' - etv bharat bihar

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लेकर समीक्षा बैठक की. सीएम ने अफसरों को साफ तौर पर कहा कि शराबबंदी को किसी हाल में लागू कराना है. 26 नवंबर को नशामुक्ति दिवस पर सभी विधायक, विधान पार्षद, सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, चौकीदार पुनः शराबबंदी की शपथ लेंगे.

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Published : Nov 16, 2021, 10:16 PM IST

Updated : Nov 16, 2021, 10:23 PM IST

पटना: सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित 'संवाद' में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 7 घंटे तक शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) के क्रियान्वयन से संबंधित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. समीक्षा के दौरान पुलिस अधीक्षक मद्य निषेध ने प्रोविशन इनफोर्समेंट लिकर रिकवरी एंड डिस्ट्रक्शन, केस रजिस्टर्ड एंड अरेस्टिंग, कन्विक्शन, प्रोबिशन कॉल सेंटर, डिसिप्लमिनरी एक्शन, प्रचार-प्रसार अभियान आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.

ये भी पढ़ें- 7 घंटे तक CM से लेकर DM तक माथा खपाए.. निकला क्या.. एक क्लिक में जानें 10 बड़ी बातें

पुलिस महानिदेशक एस.के. सिंघल ने मुख्यमंत्री द्वारा शराबबंदी से जुड़े प्रश्नों का सिलसिलेवार जवाब दिया और आगे की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.

देखें वीडियो
अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी दी. सभी जिलों के वरीय पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक ने अपने-अपने जिलों में मद्य निषेध के क्रियान्वयन के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने बैठक में कई निर्देश दिए. गड़बड़ी करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे. शराबबंदी के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. सरकारी अधिकारी और कर्मचारी गड़बड़ी करेंगे उन पर सख्त कार्रवाई होगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 नवंबर को नशामुक्ति दिवस पर सभी विधायकों, विधान पार्षदों, सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों, चौकीदारों को एक बार पुनः शराबबंदी को लेकर मजबूती से शपथ दिलाएं. सभी को संकल्प लेकर शराबबंदी को कारगर बनाने के लिए एकजुट होकर काम करना है.

CM नीतीश ने आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि विधि व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण के लिए हर हालत में काम करना है, लेकिन शराबबंदी के नियंत्रण के लिए उतनी ही मुस्तैदी के साथ काम करना है. शराबबंदी के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी, जिन्हें जिम्मेवारी दी गई है वो पूरी मुस्तैदी एवं मनोयोग के साथ काम करें. न राज्य में शराब आने देंगे और न शराब किसी को पीने देंगे, इसी मानसिकता के साथ काम करें. जो भी सरकारी अधिकारी, कर्मी गड़बड़ करते हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें.

उन्होंने कहा कि शराब के धंधे एवं शराब के सेवन में लिप्त कोई भी व्यक्ति किसी से संबद्ध हो, पूरी पारदर्शिता के साथ उन पर कार्रवाई करें. सभी लोगों पर नियमानुसार कार्रवाई करें किसी को छोड़ना नहीं है. वास्तविक रूप से शराब के धंधे में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी हर हालत में हो. पटना राजधानी है, यहां विशेष सतर्कता बरतने की जरुरत है. शराब सेवन से होने वाली हानि के बारे में जागरूक करें, गांधी जी के मद्य निषेध के बारे में भी उनके विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें. शराब सेवन से छुटकारे के लिए अस्पतालों में बनाए गए नशामुक्ति केंद्र में जाने के लिए लोगों को प्रेरित करें.

ये भी पढ़ें- समीक्षा के बाद बड़ा फैसला, इलाके में मिली शराब तो नपेंगे थानेदार

इसके अलावा उन्होंने कहा कि नीरा उपयोगी है न सिर्फ इसका स्वाद अच्छा है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है. इससे लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी और रोजगार भी मिलेगा. सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत मिलने वाले लाभार्थियों की सही पहचान कर उन्हें इसका लाभ दिलाएं. कॉल सेंटर में कॉल करने वाले लोगों की गोपनीयता बरकरार रखें और इसका बेहतर क्रियान्वयन करें. शिकायतकर्ता की संतुष्टि और शिकायतों के निष्पादन के संबंध में पूरी तरह से एक्टिव रहें. बिजली के पोल और ट्रांसफार्मर पर कॉल सेंटर का नंबर हर जगर अंकित होना चाहिए.

बॉर्डर इलाकों में शराब सप्लाई के रुट्स को आइडेंटिफाई करें और रिकवरी और रेड लगातार करें. एडीजी, आईजी, डीआईजी स्तर के पदाधिकारियों द्वारा नियमित रुप से क्षेत्र भ्रमण कर समीक्षा करें और जमीनी ऐक्शन का जायजा लें. गृह विभाग और मद्य निषेध द्वारा आंतरिक सतर्कता विंग व्यवस्था करें, ताकि विभागीय अधिकारियों और कर्मियों पर भी नियमित नजर रखें. 15 दिन में जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक, उत्पाद अधीक्षक एवं लोक अभियोजक एक बार साथ बैठक कर शराबबंदी के क्रियान्वयन को लेकर समीक्षा अवश्य करें.

जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव महीने में एक बार जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा करने के दौरान शराबबंदी के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करें. सभी थानों में चौकीदारों पर विशेष नजर रखें और उन्हें गांव के संबंध में पूरी सूचना देने के लिए कहें. जिन थाना प्रभारियों के कार्य में शिथिलता पायी गई हैं उन्हें 10 वर्षों तक थाना प्रभारी नहीं बनाए जाने का निर्देश दिया गया था, इस पर पूरी सख्ती से अमल करें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2016 में डब्ल्यू.एच.ओ. ने सर्वे कराया था, जिसमें बताया गया था कि शराब के सेवन से कितनी हानि होती है. 30 से 39 वर्ष आयु वर्ग की पूरी दुनिया में जितनी मौतें होती हैं, उसमें शराब पीने के कारण 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु होती है. पूरी दुनिया में होने वाली मृत्यु का 5.3 प्रतिशत मृत्यु शराब पीने के कारण होती है. 30 लाख लोगों की शराब पीने के कारण मौत हुई. शराब पीने के कारण कई गंभीर बीमारियों के बारे में इस रिपोर्ट में बताया गया है.

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पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है. उन सभी जनप्रतिनिधि महिलाओं, अन्य संस्थाओं एवं जीविका के माध्यम से लोगों को शराब सेवन से होने वाली हानि के बारे में जागरुक करें. गांधी जी के मद्य निषेध के बारे में भी उनके विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें. पेंटिंग, नुक्कड़ नाटक एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को शराब से होने वाली हानि के संबंध में जागरुक करें. शराब सेवन से छुटकारे के लिए अस्पतालों में बनाए गए नशामुक्ति केंद्र में जाने के लिए लोगों को प्रेरित करें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की मांग पर 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू किया गया. शराबबंदी से क्राइम में भी कमी आयी. विधानसभा और विधान परिषद में सर्व सम्मति से शराबबंदी कानून लागू किया गया. वर्ष 2017 से 2019 तक शराबबंदी के क्रियान्वयन की लगातार समीक्षा भी की गई है. उसके बाद कोरोना का दौर आया और उसमें भी शराबबंदी के क्रियान्वयन को लेकर समीक्षा समय-समय पर की जाती रही है. 21 जनवरी 2017 को 4 करोड़ लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर शराबबंदी के पक्ष में अपना समर्थन दिया था.

इस बैठक में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, जल संसाधन मंत्री संजय झा समेत कैबिनेट के सभी मंत्री समेत आला अधिकारी मैजूद थे.

पटना: सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित 'संवाद' में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 7 घंटे तक शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) के क्रियान्वयन से संबंधित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. समीक्षा के दौरान पुलिस अधीक्षक मद्य निषेध ने प्रोविशन इनफोर्समेंट लिकर रिकवरी एंड डिस्ट्रक्शन, केस रजिस्टर्ड एंड अरेस्टिंग, कन्विक्शन, प्रोबिशन कॉल सेंटर, डिसिप्लमिनरी एक्शन, प्रचार-प्रसार अभियान आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.

ये भी पढ़ें- 7 घंटे तक CM से लेकर DM तक माथा खपाए.. निकला क्या.. एक क्लिक में जानें 10 बड़ी बातें

पुलिस महानिदेशक एस.के. सिंघल ने मुख्यमंत्री द्वारा शराबबंदी से जुड़े प्रश्नों का सिलसिलेवार जवाब दिया और आगे की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.

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अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी दी. सभी जिलों के वरीय पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक ने अपने-अपने जिलों में मद्य निषेध के क्रियान्वयन के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने बैठक में कई निर्देश दिए. गड़बड़ी करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे. शराबबंदी के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. सरकारी अधिकारी और कर्मचारी गड़बड़ी करेंगे उन पर सख्त कार्रवाई होगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 नवंबर को नशामुक्ति दिवस पर सभी विधायकों, विधान पार्षदों, सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों, चौकीदारों को एक बार पुनः शराबबंदी को लेकर मजबूती से शपथ दिलाएं. सभी को संकल्प लेकर शराबबंदी को कारगर बनाने के लिए एकजुट होकर काम करना है.

CM नीतीश ने आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि विधि व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण के लिए हर हालत में काम करना है, लेकिन शराबबंदी के नियंत्रण के लिए उतनी ही मुस्तैदी के साथ काम करना है. शराबबंदी के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी, जिन्हें जिम्मेवारी दी गई है वो पूरी मुस्तैदी एवं मनोयोग के साथ काम करें. न राज्य में शराब आने देंगे और न शराब किसी को पीने देंगे, इसी मानसिकता के साथ काम करें. जो भी सरकारी अधिकारी, कर्मी गड़बड़ करते हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें.

उन्होंने कहा कि शराब के धंधे एवं शराब के सेवन में लिप्त कोई भी व्यक्ति किसी से संबद्ध हो, पूरी पारदर्शिता के साथ उन पर कार्रवाई करें. सभी लोगों पर नियमानुसार कार्रवाई करें किसी को छोड़ना नहीं है. वास्तविक रूप से शराब के धंधे में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी हर हालत में हो. पटना राजधानी है, यहां विशेष सतर्कता बरतने की जरुरत है. शराब सेवन से होने वाली हानि के बारे में जागरूक करें, गांधी जी के मद्य निषेध के बारे में भी उनके विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें. शराब सेवन से छुटकारे के लिए अस्पतालों में बनाए गए नशामुक्ति केंद्र में जाने के लिए लोगों को प्रेरित करें.

ये भी पढ़ें- समीक्षा के बाद बड़ा फैसला, इलाके में मिली शराब तो नपेंगे थानेदार

इसके अलावा उन्होंने कहा कि नीरा उपयोगी है न सिर्फ इसका स्वाद अच्छा है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है. इससे लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी और रोजगार भी मिलेगा. सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत मिलने वाले लाभार्थियों की सही पहचान कर उन्हें इसका लाभ दिलाएं. कॉल सेंटर में कॉल करने वाले लोगों की गोपनीयता बरकरार रखें और इसका बेहतर क्रियान्वयन करें. शिकायतकर्ता की संतुष्टि और शिकायतों के निष्पादन के संबंध में पूरी तरह से एक्टिव रहें. बिजली के पोल और ट्रांसफार्मर पर कॉल सेंटर का नंबर हर जगर अंकित होना चाहिए.

बॉर्डर इलाकों में शराब सप्लाई के रुट्स को आइडेंटिफाई करें और रिकवरी और रेड लगातार करें. एडीजी, आईजी, डीआईजी स्तर के पदाधिकारियों द्वारा नियमित रुप से क्षेत्र भ्रमण कर समीक्षा करें और जमीनी ऐक्शन का जायजा लें. गृह विभाग और मद्य निषेध द्वारा आंतरिक सतर्कता विंग व्यवस्था करें, ताकि विभागीय अधिकारियों और कर्मियों पर भी नियमित नजर रखें. 15 दिन में जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक, उत्पाद अधीक्षक एवं लोक अभियोजक एक बार साथ बैठक कर शराबबंदी के क्रियान्वयन को लेकर समीक्षा अवश्य करें.

जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव महीने में एक बार जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा करने के दौरान शराबबंदी के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करें. सभी थानों में चौकीदारों पर विशेष नजर रखें और उन्हें गांव के संबंध में पूरी सूचना देने के लिए कहें. जिन थाना प्रभारियों के कार्य में शिथिलता पायी गई हैं उन्हें 10 वर्षों तक थाना प्रभारी नहीं बनाए जाने का निर्देश दिया गया था, इस पर पूरी सख्ती से अमल करें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2016 में डब्ल्यू.एच.ओ. ने सर्वे कराया था, जिसमें बताया गया था कि शराब के सेवन से कितनी हानि होती है. 30 से 39 वर्ष आयु वर्ग की पूरी दुनिया में जितनी मौतें होती हैं, उसमें शराब पीने के कारण 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु होती है. पूरी दुनिया में होने वाली मृत्यु का 5.3 प्रतिशत मृत्यु शराब पीने के कारण होती है. 30 लाख लोगों की शराब पीने के कारण मौत हुई. शराब पीने के कारण कई गंभीर बीमारियों के बारे में इस रिपोर्ट में बताया गया है.

ये भी पढ़ें- ETV भारत ने दिखाई शराबबंदी की हकीकत, तो लालू ने भी नीतीश को दिखाया 'आईना'

पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है. उन सभी जनप्रतिनिधि महिलाओं, अन्य संस्थाओं एवं जीविका के माध्यम से लोगों को शराब सेवन से होने वाली हानि के बारे में जागरुक करें. गांधी जी के मद्य निषेध के बारे में भी उनके विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें. पेंटिंग, नुक्कड़ नाटक एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को शराब से होने वाली हानि के संबंध में जागरुक करें. शराब सेवन से छुटकारे के लिए अस्पतालों में बनाए गए नशामुक्ति केंद्र में जाने के लिए लोगों को प्रेरित करें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की मांग पर 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू किया गया. शराबबंदी से क्राइम में भी कमी आयी. विधानसभा और विधान परिषद में सर्व सम्मति से शराबबंदी कानून लागू किया गया. वर्ष 2017 से 2019 तक शराबबंदी के क्रियान्वयन की लगातार समीक्षा भी की गई है. उसके बाद कोरोना का दौर आया और उसमें भी शराबबंदी के क्रियान्वयन को लेकर समीक्षा समय-समय पर की जाती रही है. 21 जनवरी 2017 को 4 करोड़ लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर शराबबंदी के पक्ष में अपना समर्थन दिया था.

इस बैठक में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, जल संसाधन मंत्री संजय झा समेत कैबिनेट के सभी मंत्री समेत आला अधिकारी मैजूद थे.

Last Updated : Nov 16, 2021, 10:23 PM IST
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