पटना: राज्य में भूमि संबंधित सबसे अधिक मामले अदालत में चल रहे हैं. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा लगातार विभाग में फैले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कई ठोस निर्णय लिए गए हैं. विभाग में व्यापक व्यवस्था को सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
विभाग के मंत्री रामसूरत राय ने यहां तक कह दिया था, कि सबसे अधिक भ्रष्टाचार राजस्व एवं रोजगार विभाग में है. इसी कारण से विभाग ने एक निर्देश जारी किया है कि किसी जमीन मालिक द्वारा ऑनलाइन दाखिल खारिज के आवेदन को यूं ही रद्द नहीं किया जा सकता. किसी आवेदन को अस्वीकृत करने से पहले सीओ को वाजिब कारण बताना होगा.
अनिवार्य कॉलम भरना
बता दें कि राजस्व भूमि सुधार विभाग में ऑनलाइन काम के लिए एनआईसी द्वारा सर्विस दी जा रही है. एनआईसी ने कार्यरत सॉफ्टवेयर में सुधार करते हुए दाखिल खारिज के आवेदन को रद्द करने की परिस्थिति में कारण बताना अनिवार्य वाला कॉलम डाल दिया है.
26 मार्च से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी
हालांकि पहले भी वेकेशन मामले में आवेदन को अस्वीकृत किए जाने पर कारण बताना अनिवार्य था, लेकिन इस मामले में स्पष्ट आदेश नहीं होने के कारण विभाग के कर्मचारियों द्वारा आवेदक को बेवजह परेशान किया जाता था. लेकिन अब विभाग द्वारा स्पष्ट आदेश जारी कर दिया गया है कि जिनका आवेदन जिस कारण से अस्वीकृत किया जा रहा हो तो उसे स्पष्ट बताया जाए और आवेदक को तय समय के भीतर संबंधित दस्तावेज जमा करने को कहा जाए. ये व्यवस्था 26 मार्च से लागू हो जाएगी. वहीं, विभाग के आदेश के बारे में सभी जिलों को निर्देश दे दिया गया है.