पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में युवा मतदाताओं की भूमिका काफी अहम है. पहली बार राज्य में 75 लाख युवा मतदान करने वाले हैं. इस आंकड़ें को ध्यान में रखते हुए तमाम राजनीतिक दल एक से बढ़कर एक लोक-लुभावने वादे कर रहे हैं. महागठबंधन ने 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया है तो बीजेपी भी 19 लाख नौकरी देने की बात कर रही है.
युवाओं की क्या है प्रतिक्रिया
चाहे एनडीए हो या महागठबंधन सारे गठबंधनों की पैनी नजर युवा मतदाता पर है. सारे दल रोजगार को मुख्य मुद्दा बनाकर युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने में लगे हैं. ऐसे में राज्य के युवा मतदाता भी सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि आखिर किस ओर रुख करें तेजस्वी के 10 लाख रोजगार पर या निर्मला के 19 लाख वाली बात पर. ईटीवी भारत की टीम ने पटना में युवाओं से इस विषय पर बातचीत कर उनका स्टैंड जाना.
"पटना में 5-6 लाख युवा रहते हैं ,जो बिहार के अलग-अलग जिलों से आकर सरकारी नौकरी की तैयारी करते हैं. तेजस्वी यादव का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने इस चुनाव में अन्य मुद्दों को छोड़कर रोजगार के मुद्दे को उठाया है".- सोनु, छात्र
"रोजगार का मुद्दा तो सही है पर जो इसकी बात कर रहे उन्हें पता नहीं है कि सरकारी नौकरी दी कैसे जाती है. वो खुद इतने क्वालीफाइड नहीं है कि चपरासी की नौकरी ले सकें. वो हथियार और अपहरण का ही रोजगार दे पाएंगे".- रजनीकांत, छात्र
"जिस प्रकार तेजस्वी जी रोजगार देने की बात कर रहे हैं, उनका तहेदिल से शुक्रिया करते हैं कि उन्होंने इस बात को उठाया है. हम युवा उनका दिल से समर्थन कर रहे हैं और चाहते हैं कि राज्य में परिवर्तन हो".- मोनु, छात्र
"पीएम तो पहले भी 2 करोड़ रोजगार देने की बात कह चुके हैं पर चुनाव के बाद पकौड़े बेचने की बात करते हैं. वो तो रेलवे बेच रहे हैं, रोजगार को ही बेच रहे हैं." - शिवम, छात्र
नेताओं का भी मुख्य बिंदू
रोजगार देने की बात को लेकर तमाम दल अपने स्टैंड पर खड़े नजर आ रहे. एक ओर उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी 2 दिन पहले यह कह रहे थे कि 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने के लिए 56 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे, संसाधन कहां से आएगा. अब बीजेपी नेताओं का कहना है कि बिहार के 19 लाख युवाओं को हम रोजगार देंगे.
"युवाओं को रोजगार देंगे और बिहार को आत्मनिर्भर बनाएंगे". - प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता
"बीजेपी झूठ की खेती करती है. पहले ही युवाओं को रोजगार देने के वादे किए गए थे, जो जुमला साबित हुआ. एक बार फिर बिहार के युवाओं को ठगने की कोशिश की जा रही है. - प्रेमचंद्र मिश्रा, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधान पार्षद
"सरकार योजना पहले बनाती है और संसाधन का इंतजाम बाद में किया जाता है. अगर रोजगार देने के वायदे किए हैं तो हमारे पास रोड मैप है". - तमन्ना, राजद नेता