पटना : पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह और नीतीश कुमार के बीच दूरियां बढ़ गई हैं. अब दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इन सबके बीच आरसीपी सिंह की बेटी लिपि सिंह (RCP Singh Daughter Lipi Singh) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. लिपि सिंह ने अपने जमीन के कागजात में कई भ्रामक जानकारी दी है.
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RCP सिंह ने जेडीयू से दिया इस्तीफा : पार्टी की ओर से आरसीपी सिंह से संपत्ति को लेकर सफाई मांगी गई (Rcp Singh Property Dispute) थी. आरोप लगने के बाद आरसीपी सिंह ने जदयू से इस्तीफा दे दिया. आरोप है कि आरसीपी सिंह ने अपने दो पुत्री के नाम से भी संपत्ति अर्जित किए हैं. आपको बता दें कि आरसीपी सिंह की दो पुत्री है. पहली पुत्री का नाम लिपि सिंह है, जो आईपीएस ऑफिसर हैं. दूसरी पुत्री का नाम लता सिंह है, आरसीपी सिंह की पत्नी का नाम गिरजा सिंह है.
लिपि सिंह ने अपनी मां को बेटी बताया : लिपि सिंह के नाम से जो जमीन के कागजात हैं उसमें कई भ्रामक तथ्य हैं. साल 2014 में लिपि सिंह के नाम जो लैंड रिकॉर्ड्स (जमीनी दस्वावेज) हैं, उसके मुताबिक 9472 लैंड रिकॉर्ड्स (जमीनी दस्वावेज) की रजिस्ट्री साल 2014 में हुई. खास बात यह है कि लिपि सिंह ने अपने पिता या पति के नाम के आगे गिरजा सिंह का नाम लिखा है और खुद को गिरजा सिंह की मदर बताया है. जबकि लिपि सिंह गिरजा सिंह की पुत्री हैं व्यवसाय में लिपि सिंह ने अन्य कैटेगरी दर्शाया है. साल 2015 में भी लिपि सिंह के नाम लैंड रिकॉर्ड्स (जमीनी दस्वावेज) है, लैंड रिकॉर्ड्स (जमीनी दस्वावेज) नंबर 5727 की रजिस्ट्री 11 जून 2015 को हुई. यहां भी पिता या पति के नाम के आगे गिरजा सिंह का नाम है और लिपि सिंह ने गिरजा सिंह को पुत्री करार दिया है.
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रिश्ते में भ्रामक जानकारी : खास बात यह है कि सरकारी नौकरी में होने के बावजूद लिपि सिंह ने अपने व्यवसाय को कृषि के रूप में दर्शाया है. तीसरी लैंड रिकॉर्ड्स (जमीनी दस्वावेज) भी लिपि सिंह के नाम है. साल 2016 के लैंड रिकॉर्ड्स में लिपि सिंह ने अपने पिता या पति के नाम के आगे गिरजा सिंह दर्शाया है और व्यवसाय में कृषि दिखाया गया है. लैंड रिकॉर्ड्स नंबर 8107 की रजिस्ट्री 24 अगस्त 2016 को हुई थी. तीनों ही लैंड रिकॉर्ड्स नालंदा जिले से संबंधित हैं. खास बात यह है कि किसी भी लैंड रिकॉर्ड्स में पिता आरसीपी सिंह का नाम नहीं है. पिता का नाम छुपा लिया गया है. पिता या पति के नाम के जगह गिरजा देवी नाम लिखा गया उसमें भी रिश्ते भ्रामक हैं.
..तो लिपि सिंह ने सही ब्योरा नहीं दिया! : आपको बता दें कि लिपि सिंह 2015 बैच की आईपीएस (IPS Lipi Singh) हैं. आईपीएस बनने से पहले लिपि सिंह का चयन इंडियन ऑडिट अकाउंट सर्विस में हुआ था. लिपि सिंह ने इंडियन ऑडिट अकाउंट सर्विस को ज्वाइन भी कर लिया था. साल 2015 और साल 2016 में लिपि सिंह सरकारी नौकरी में थी लेकिन जमीन के कागजात में लिपि सिंह ने खुद को कृषक करार दिया. इसके अलावा बिहार में आईपीएस ऑफिसर को हर साल संपत्ति का ब्योरा देना होता है. लिपि सिंह ने संपत्ति का ब्यौरा भी सही-सही सरकार को नहीं सौंपा.
लिपि सिंह पर कस सकता है कानून का शिकंजा : पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने कागजात का आंकलन करने के बाद कहा कि अगर कोई पुलिस ऑफिसर अपने संपत्ति के बारे में जानकारी छुपाता है या गलत ब्योरा देता है तो यह अपराध की श्रेणी में आता है. लिपि सिंह ने जमीन के कागजात में कई गलत जानकारियां दी हैं. खुद को जहां कृषक बताया है, वहीं पिता का नाम छुपाने की कोशिश की है.
गलत जानकारी देना कानूनन अपराध : पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रजनीश कुमार ने कहा है कि जमीन के डीड में कई तरह की त्रुटियां हैं. गलत जानकारियां दी गई हैं, जमीन के कागजात में गलत जानकारी देना या तथ्य छुपाना अपराध की श्रेणी में आता है. आईपीसी की धारा 420, 409 के तहत लिपि सिंह की मुश्किल बढ़ सकती है. अगर निष्पक्ष जांच कराई जाए तो काफी कुछ बाहर आ सकता है. दरअसल जमीन के कागजात में गलतियां या भ्रामक जानकारी इसलिए दी जाती है कि इंटरनेट पर संपत्ति का ब्योरा आसानी से नहीं मिल सके. मिसाल के तौर पर अगर लिपि सिंह का संपत्ति का ब्यौरा अगर आरसीपी सिंह या डॉटर ऑफ गिरजा सिंह के नाम से ढूंढेंगे तो नहीं मिलेगा.