नई दिल्ली/पटना: एलजेपी (LJP) के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan ) को मरणोपरांत पद्म भूषण (Padma Bhushan) सम्मान से अलंकृत किया गया है. उनके पुत्र और सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने राष्ट्रपति भवन में जाकर अवार्ड को रिसीव किया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने उनको अवार्ड दिया. राष्ट्रपति भवन में चिराग की मां रीना पासवान (Reena Paswan) भी मौजूद थीं.
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पिछले साल 8 अक्टूबर को रामविलास पासवान का निधन हो गया था. इसी साल जनवरी में केंद्र सरकार ने ऐलान किया था कि रामविलास पासवान को पद्मभूषण सम्मान दिया जाएगा. राजनीति में काफी लंबे समय तक रहे. छह प्रधानमंत्रियों के साथ उन्होंने काम किया. यह अपने आप में रिकॉर्ड है. मनमोहन सिंह, नरेंद्र मोदी, अटल बिहारी वाजपेयी समेत 6 प्रधानमंत्रियों के मंत्रिमंडल में वह केंद्रीय मंत्री रहे.
अपने जीवन उन्होंने कुल 11 चुनाव लड़े थे. 2 बार हारे थे. नौ बार लोक सभा एवं दो बार राज्यसभा सांसद रहे. DSP की नौकरी छोड़ वह राजनीति में आये थे. उनका जन्म बिहार के खगड़िया में 1946 में हुआ था. जयप्रकाश नारायण आंदोलन के दौरान वह तेजी से बिहार की सियासत में उभरे थे. 1977 में पहली बार हाजीपुर से लोकसभा का चुनाव जीते थे. 74 साल की उम्र में उनका निधन हुआ था.
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उनके निधन के बाद साल भर के अंदर उनकी पार्टी में टूट हो गयी. चिराग के चाचा व सांसद तथा केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस 5 सांसदों के साथ अलग हो गए. पार्टी दो धड़ों में बंट गई. पार्टी का चुनाव चिह्न बंग्ला को चुनाव आयोग ने जब्त कर लिया. चुनाव आयोग ने चिराग को लोजपा रामविलास के नाम से पार्टी का नाम आवंटित किया तथा चुनाव चीन हेलीकाप्टर आवंटित किया. पारस को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नाम से पार्टी का नाम आवंटित किया तथा सिलाई मशीन चुनाव चिन्ह आवंटित किया.