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बड़ी बात: बिहार में NDA छोड़ने के बाद भी केंद्र में बने रहेंगे रामविलास!

अगर चिराग पासवान बिहार में एनडीए का साथ छोड़कर 143 सीटों पर चुनाव लड़ते हैं, तो वैसी स्थिति में जेडीयू इस बात के लिए बीजेपी पर दबाव बना सकती है कि लोजपा को केंद्रीय मंत्रिमंडल से भी बाहर किया जाए. देश में वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों के मुताबिक बीजेपी रामविलास पासवान को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर करने का जोखिम नहीं लेगी.

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Published : Oct 3, 2020, 12:38 PM IST

Updated : Oct 3, 2020, 12:59 PM IST

पटना: एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर सहमति नहीं बन पाई है. बीजेपी, लोजपा और जेडीयू के बीच विवाद बरकरार है. लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान और गृह मंत्री अमित शाह के बीच हुई बैठक का भी कोई नतीजा नहीं निकला है. लोजपा आर-पार की लड़ाई के मूड में है. लोजपा जेडीयू से नाता तोड़ेगी लेकिन बीजेपी से रिश्ता बरकरार रहेगा.

चिराग पासवान ने बढ़ाई एनडीए की मुश्किलें
एनडीए में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है. सीट शेयरिंग को लेकर दबाव की राजनीति जारी है. लोक जनशक्ति पार्टी जहां 31 सीटों से कम पर समझौता करने को तैयार नहीं है वही भाजपा और जदयू 22 सीटों के अंदर लोजपा को समेटना चाहती है. गृह मंत्री अमित शाह और चिराग पासवान के बीच हुई दो राउंड की बैठकों का कोई नतीजा अब तक नहीं निकला है.

चिराग की दलीलों से पशोपेश में बीजेपी नेता
दोनों नेताओं के बीच बैठक के दौरान चिराग पासवान ने कुछ मुद्दें उठाए, जिस पर बीजेपी नेता भी पशोपेश में आ गए हैं. चिराग पासवान ने कहा कि जिसको मुख्यमंत्री बनना है. वह कहता है कि लोजपा के साथ मेरा एलायंस नहीं है, तो मैं किसके लिए वोट मांगूंगा. बीजेपी के साथ गठबंधन है और हम जनता से ये कहेंगे कि बीजेपी के लिए वोट मांग रहे हैं, लेकिन हमे क्या मिलेगा क्या.

इसे भी पढ़ें- बिहार महासमर 2020 : आज हो जाएगा फैसला, LJP अकेली लड़ेगी चुनाव या फिर बनी रहेगी NDA का हिस्सा

सीटों के फॉर्मूले पर लोजपा अध्यक्ष की बात
लोजपा अध्यक्ष ने सीटों के फॉर्मूले पर बात करते हुए कहा कि 2014 में हमें 7 सीटें दी गई थीं, हम 6 सीटें जीते थे. 2019 के चुनाव में आपने जीती हुई सीटें हमें दी और एक राज्य सभा की सीट भी मिली. उस लिहाज से इस बार मुझे 42 सीटें मिलनी चाहिए लेकिन, वो भी नहीं मिल रही है. सवाल उठता है कि जो सीटें मुझे दी जा रही है वह कौन सी हैं. उन्होंने कहा कि हमें चौथे कैटेगरी की सीटें दी जा रही है.

चिराग पासवान का तर्क
चिराग पासवान ने ये भी तर्क दिया कि सीट शेयरिंग का कोई आधार होना चाहिए. अगर जेडीयू के 16 लोकसभा सांसद हैं, तो उनके खाते में 96 सीटे जानी चाहिए. उसी आधार पर बीजेपी के खाते में 102 विधानसभा सीटें होनी चाहिए. और इसी के तहत लोजपा का 42 सीटों पर हक बनता है लेकिन, इस फार्मूले को भी नहीं माना जा रहा है .

बिहार एनडीए से बाहर लेकिन केंद्र में बने रहेगी लोजपा!
बदले राजनीतिक घटनाक्रम में अगर चिराग पासवान बिहार में एनडीए का साथ छोड़कर 143 सीटों पर चुनाव लड़ते हैं, तो वैसी स्थिति में जेडीयू इस बात के लिए बीजेपी पर दबाव बना सकती है कि लोजपा को केंद्रीय मंत्रिमंडल से भी बाहर किया जाए. लेकिन, अभी तक जो बातचीत हुई है और देश में वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों के मुताबिक बीजेपी रामविलास पासवान को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर करने का जोखिम नहीं लेगी. ऐसे में माना जा रहा है कि चिराग पासवान बिहार में तो एनडीए का हिस्सा नहीं रहेंगे लेकिन केंद्र में बने रहेंगे.

इसे भी पढ़ें- महागठबंधन में बनी सीट शेयरिंग पर सहमति, शाम 4 बजे ऐलान संभव

पटना: एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर सहमति नहीं बन पाई है. बीजेपी, लोजपा और जेडीयू के बीच विवाद बरकरार है. लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान और गृह मंत्री अमित शाह के बीच हुई बैठक का भी कोई नतीजा नहीं निकला है. लोजपा आर-पार की लड़ाई के मूड में है. लोजपा जेडीयू से नाता तोड़ेगी लेकिन बीजेपी से रिश्ता बरकरार रहेगा.

चिराग पासवान ने बढ़ाई एनडीए की मुश्किलें
एनडीए में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है. सीट शेयरिंग को लेकर दबाव की राजनीति जारी है. लोक जनशक्ति पार्टी जहां 31 सीटों से कम पर समझौता करने को तैयार नहीं है वही भाजपा और जदयू 22 सीटों के अंदर लोजपा को समेटना चाहती है. गृह मंत्री अमित शाह और चिराग पासवान के बीच हुई दो राउंड की बैठकों का कोई नतीजा अब तक नहीं निकला है.

चिराग की दलीलों से पशोपेश में बीजेपी नेता
दोनों नेताओं के बीच बैठक के दौरान चिराग पासवान ने कुछ मुद्दें उठाए, जिस पर बीजेपी नेता भी पशोपेश में आ गए हैं. चिराग पासवान ने कहा कि जिसको मुख्यमंत्री बनना है. वह कहता है कि लोजपा के साथ मेरा एलायंस नहीं है, तो मैं किसके लिए वोट मांगूंगा. बीजेपी के साथ गठबंधन है और हम जनता से ये कहेंगे कि बीजेपी के लिए वोट मांग रहे हैं, लेकिन हमे क्या मिलेगा क्या.

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सीटों के फॉर्मूले पर लोजपा अध्यक्ष की बात
लोजपा अध्यक्ष ने सीटों के फॉर्मूले पर बात करते हुए कहा कि 2014 में हमें 7 सीटें दी गई थीं, हम 6 सीटें जीते थे. 2019 के चुनाव में आपने जीती हुई सीटें हमें दी और एक राज्य सभा की सीट भी मिली. उस लिहाज से इस बार मुझे 42 सीटें मिलनी चाहिए लेकिन, वो भी नहीं मिल रही है. सवाल उठता है कि जो सीटें मुझे दी जा रही है वह कौन सी हैं. उन्होंने कहा कि हमें चौथे कैटेगरी की सीटें दी जा रही है.

चिराग पासवान का तर्क
चिराग पासवान ने ये भी तर्क दिया कि सीट शेयरिंग का कोई आधार होना चाहिए. अगर जेडीयू के 16 लोकसभा सांसद हैं, तो उनके खाते में 96 सीटे जानी चाहिए. उसी आधार पर बीजेपी के खाते में 102 विधानसभा सीटें होनी चाहिए. और इसी के तहत लोजपा का 42 सीटों पर हक बनता है लेकिन, इस फार्मूले को भी नहीं माना जा रहा है .

बिहार एनडीए से बाहर लेकिन केंद्र में बने रहेगी लोजपा!
बदले राजनीतिक घटनाक्रम में अगर चिराग पासवान बिहार में एनडीए का साथ छोड़कर 143 सीटों पर चुनाव लड़ते हैं, तो वैसी स्थिति में जेडीयू इस बात के लिए बीजेपी पर दबाव बना सकती है कि लोजपा को केंद्रीय मंत्रिमंडल से भी बाहर किया जाए. लेकिन, अभी तक जो बातचीत हुई है और देश में वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों के मुताबिक बीजेपी रामविलास पासवान को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर करने का जोखिम नहीं लेगी. ऐसे में माना जा रहा है कि चिराग पासवान बिहार में तो एनडीए का हिस्सा नहीं रहेंगे लेकिन केंद्र में बने रहेंगे.

इसे भी पढ़ें- महागठबंधन में बनी सीट शेयरिंग पर सहमति, शाम 4 बजे ऐलान संभव

Last Updated : Oct 3, 2020, 12:59 PM IST
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