पटना: तत्काल टिकट की व्यवस्था में बड़े पैमाने को फर्जीवाड़े का खुलासा किया गया है. बंगलुरु और मुंबई से विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए सिंडिकेट का संचालन किया जा रहा था. यही वजह थी कि अब तक तत्काल टिकट आम लोगों के लिए दूर की कौड़ी थी और दलालों का बोलबाला था. रेलवे के ऑपरेशन के बाद दावा किए जा रहे हैं कि तत्काल टिकट अब आम लोगों के लिए आसानी से उपलब्धल होगा. आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने कहा है कि रेलवे तत्काल टिकट के कालाबाजारी रोकने के लिए प्रतिबद्ध है और कई कदम उठा रही है.
आम लोगों के लिए तत्काल टिकट होगा सर्व सुलभ
डीजी अरुण कुमार ने बताया कि इस गोरखधंधे के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सॉफ्टवेयर सप्लाई करने वाले लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. अब तक कुल 80 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इनसे 10 करोड़ के टिकट बरामद किए गए हैं. साथ ही अरुण कुमार ने कहा कि रेलवे की सुरक्षा में बढ़ोतरी के लिए कुल 7000 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं इसके अलावा साइबर पेट्रोलिंग की व्यवस्था भी की जा रही है.
तत्काल टिकट फर्जीवाड़े में 80 लोगों की हुई गिरफ्तारी
बता दें कि पिछले कई सालों से देश में तत्काल टिकट का फर्जीवाड़ा चल रहा था. इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर सिंडिकेट काम कर रहे थे, जो सॉफ्टवेयर के जरिए रेलवे से पहले ही तत्काल टिकट निकाल लेते थे. रेल प्रशासन की सक्रियता से सिंडिकेट का पर्दाफाश किया गया है. मैक मुंबई और एनएमएस बेंगलुरु सॉफ्टवेयर बनाकर लोगों को सप्लाई करती थी.