पटना: स्पेशल विजिलेंस टीम (Special Vigilance team) बिहार में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. आय से अधिक संपत्ति मामले में बिहार में काली कमाई के धनकुबेर पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है. इसे लेकर विपक्ष लगातार ये आरोप (RJD attack on Bihar Government) लगा रहा है कि बालू और शराबबंदी की आड़ में बिहार में समानांतर अर्थव्यवस्था (Parallel economy in Bihar) चल रही है. इधर, एनडीए सरकार यह दावा करती है कि क्राइम, करप्शन और कॉम्यूनलिज्म पर हम कोई समझौता नहीं करते हैं, जो भ्रष्टाचार करेगा उस पर कार्रवाई होगी.
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लेकिन, जिस तरह से हर दिन सरकार के अलग-अलग स्तर के अधिकारी पकड़े जा रहे हैं और करोड़ों के कैश के साथ अवैध चल-अचल संपत्ति का खुलासा हो रहा है, उससे सरकार के दावों पर सवाल उठ रहा है. जब भ्रष्टाचार नहीं है, तो यह अलग तरह की अर्थव्यवस्था कैसे चल रही है.
''बिहार में हजारों करोड़ की समानांतर अर्थव्यवस्था कायम है. शराबबंदी ने इस अर्थव्यवस्था को अलग मुकाम दिया है. बालूबंदी और शराबबंदी के नाम पर बिहार के सिर्फ अधिकारी ही नहीं, बल्कि मंत्री तक मालामाल हो गए हैं. सरकार तो छोटी मछलियों को पकड़ रही है, जबकि बड़ी मछलियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है.''- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, आरजेडी
''हमारी ही सरकार है, जहां बड़े-बड़े अधिकारियों के बंगले जब्त हो गए और उनमें स्कूल तक खुल गए. करप्शन को लेकर सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है. जो भ्रष्टाचार करेगा और जिसके खिलाफ सबूत होगा उस पर कार्रवाई जरूर होगी.''- अभिषेक झा, प्रदेश प्रवक्ता, जेडीयू
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वहीं, वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है कि इसमें कोई शक नहीं कि बिहार में निचले स्तर तक भ्रष्टाचार कायम है, विपक्ष के दावे तो हैं ही. अगर हर दिन अधिकारी पकड़े जा रहे हैं, उनके पास से इतना कैश बरामद हो रहा है, तो सवाल उठना लाजमी है. यहां तक कि विश्वविद्यालय के कुलपति के घर से भी एक करोड़ से ज्यादा कैश बरामद हुआ है, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
''सरकार को यह तो बताना पड़ेगा कि अगर भ्रष्टाचार नहीं है, तो इतने रुपए कैसे अधिकारियों के पास से बरामद हो रहे हैं। वह भी तब जब सरकार हर साल अधिकारियों से उनके संपत्ति का हिसाब लेती है. जिन विभागों को लेकर सबसे ज्यादा सवाल खड़े होते हैं उनमें जल संसाधन विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पथ निर्माण और ग्रामीण विकास विभाग प्रमुख हैं.''- रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार
29 अगस्त 2021
आर्थिक अपराध इकाई ने ग्रामीण कार्य विभाग दरभंगा में कार्यरत एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अनिल कुमार के ठिकानों से 67 लाख कैश बरामद हुए थे.
2 नवंबर 2021
निगरानी विभाग ने बेतिया में सर्किल ऑफिसर श्याम कांत प्रसाद को ढाई लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था.
26 नवंबर 2021
स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत बिहार के खनन मंत्री के ओएसडी मृत्युंजय कुमार के यहां से लाखों रुपए नगद, 50 लाख से अधिक के जेवर, कई सोने के बिस्किट और जमीन जायदाद के कागजात बरामद किए थे. वहीं, उनकी महिला दोस्त के घर से भी लाखों रुपए कैश और गोल्ड बिस्किट बरामद हुए थे.
28 नवंबर 2021
विजिलेंस टीम ने रोहतास के भू-अर्जन पदाधिकारी राजेश कुमार गुप्ता के ठिकानों पर छापेमारी कर 22 लाख रुपए कैश के साथ सोने के बिस्किट, सोने की कलम और करोड़ों रुपए की चल-अचल संपत्ति बरामद की थी.
11 दिसंबर 2021
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने हाजीपुर के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी दीपक कुमार शर्मा के कई ठिकानों पर छापेमारी की. इस छापेमारी में इतने रुपये और जेवरात बरामद हुए कि निगरानी के अधिकारियों की आंखें फटी की फटी रह गई. बोरे और बैग में ठूंस-ठूंसकर रुपये भरे मिले.
8 दिसंबर 2021
निगरानी विभाग ने पूर्वी चंपारण के उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश के घर छापेमारी में भारी मात्रा में सोना और बड़ी संख्या में जमीनों के कागजात समेत करोड़ों की चल-अचल संपत्ति बरामद की थी.
18 नवंबर 2021
स्पेशल विजिलेंस टीम ने मगध विश्वविद्यालय के वीसी के घर से एक करोड़ से ज्यादा कैश और चल-अचल संपत्ति का खुलासा किया था. कुलपति राजेंद्र प्रसाद के बोधगया, गोरखपुर, लखनऊ आवास और कार्यालय में छापेमारी की थी, जिसमें ना सिर्फ एक करोड़ से ज्यादा की नकदी मिली थी, बल्कि विश्वविद्यालय के वित्तीय लेनदेन में बड़ी गड़बड़ी का भी खुलासा हुआ था.
17 दिसंबर 2021
विजलेंस स्पेशल यूनिट की टीम ने समस्तीपुर के सब रजिस्ट्रार के तीन ठिकानों पर छापेमारी की. सब रजिस्ट्रार मणि रंजन के खिलाफ छापेमारी में डेढ़ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अर्जित करने का खुलासा हुआ है. इसके साथ ही 60 लाख से ज्यादा कैश बरामद हुआ.
18 दिसंबर 2021
आय से अधिक संपत्ति मामले में निगरानी की टीम ने मसौढ़ी के ग्रामीण कार्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता अजय कुमार के एक ठिकाने पर छापा मारा है. छापेमारी में 50 लाख से ज्यादा नकद, कई लग्जरी गाड़ियां, प्लाट और मकान का खुलासा हुआ है.
बिहार में रोजाना भ्रष्ट अधिकारी पकड़े जा रहे हैं, उनके पास से करोड़ों की संपत्ति बरामद हो रही है, वो भी तब जब सरकार हर साल अधिकारियों से उनकी संपत्ति का हिसाब लेती है. जिन विभागों को लेकर सबसे ज्यादा सवाल खड़े होते हैं उनमें जल संसाधन विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पथ निर्माण और ग्रामीण विकास विभाग प्रमुख हैं.
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