ETV Bharat / city

'सुशासन' में बंदूकों की गर्जना: 'जंगलराज' को छोड़िए नीतीश जी, इन आंकड़ों को देख लीजिए - Murder in Patna

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) चाहे जितना भी सुशासन मॉडल की बात कर लें लेकिन पिछले कुछ समय से जिस तरह से अपराध का ग्राफ बढ़ा है, उससे न केवल सरकार पर सवाल उठ रहे हैं बल्कि लोगों के जेहन में जंगलराज के दिनों की याद भी ताजा होने लगी है. जुलाई के आंकड़े वाकई बेहद डरावने हैं.

अपराध का ग्राफ
अपराध का ग्राफ
author img

By

Published : Aug 9, 2021, 6:00 PM IST

पटना: बिहार में अपराध का ग्राफ (Crime Graph) लगातार बढ़ता जा रहा है. अन्य जिलों की तुलना में तो राजधानी मानो 'क्राइम कैपिटल' (Crime Capital) बन चुकी है. आपराधिक वारदातों के आंकड़े भी इस बात को काफी हद तक सही साबित करते हैं. यहां केवल जुलाई महीने में 16 हत्या हुई है, जबकि 11 लोगों की हत्या की कोशिश की गई.

ये भी पढ़ें- Patna: आपराधिक घटनाओं से फैली दहशत, लोगों ने कहा- सड़क पर निकलने में लगता है डर

राजधानी पटना में ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का 'सुशासन मॉडल' फेल होता दिख रहा है. आलम ये है कि यहां रहने वाले लोगों को अब डेढ़ दशक के पहले वाला बिहार याद आने लगा है.

अपराध का ग्राफ
ईटीवी भारत GFX

दरअसल पटना में होने वाली आपराधिक घटनाओं ने नीतीश के 'सुशासन मॉडल' को कहीं ना कहीं फेल कर दिया है. कानून-व्यवस्था एक बार फिर से सवालों के घेरे में है. ज्यादातर आपराधिक मामलो में अपराधी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं और सूबे के मुखिया नीतीश कुमार से लेकर डीजीपी संजीव कुमार सिंघल और अन्य पुलिस अधिकारी बस यही दावा करते रहते हैं कि 'सब कुछ बढ़िया है.'

नीतीश कुमार से बिहार के बढ़ते अपराध पर जब भी सवाल किए जाते हैं तो उनके पास सिर्फ एक ही जवाब होता है, '2005 से पहले बिहार की क्या स्थिति थी.' आखिर सवाल यह उठता है कि नीतीश सरकार कब तक 2005 के पहले के कथित 'जंगलराज' का हवाला देकर अपना बचाव करते रहेंगे.

अपराध का ग्राफ
ईटीवी भारत GFX

आंकड़ों के लिहाज से देखें तो केवल जुलाई महीने में पटना जिले के अंदर 16 हत्याएं हुई हैं और 11 मामलों में हत्या का प्रयास किया गया है. यह कहीं ना कहीं अपराधियों में पुलिस का इकबाल पूरी तरह से खत्म होता दिखाता है.

बिहार में इन दिनों फिर से हत्या, लूट, अपहरण और गैंगरेप जैसी वारदातों में लगातार वृद्धि हो रही है. रोहतास के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के जीजवाही गांव में जमीन विवाद में दो पक्षों के बीच जमकर फायरिंग में कई लोग घायल हुए हैं. नालंदा जिले के लोदीपुर मैं जमीन विवाद में गोलीबारी में 6 लोगों की जान चली गई.

खगड़िया में जमीन विवाद में चाचा-भतीजे ने एक-दूसरे को गोली मार दी, दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. भोजपुर के टाउन थाना क्षेत्र में 4 साल की बच्ची के साथ अधेड़ व्यक्ति ने दुष्कर्म का प्रयास किया. जिसकी स्थानीय लोगों ने जमकर पिटाई कर पुलिस के हवाले कर दिया.

ये भी पढ़ें- दानापुर में अपराधियों ने ऑटो रिक्शा चालक को सरेआम गोलियों से भूना

राजधानी पटना की बात करें तो पिछले दिनों पहले अपराधियों ने डबल मर्डर की बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. बदमाशों ने परसा बाजार स्टेशन के सामने चाणक्य कॉलोनी के पास ऑटो चालक जितेंद्र कुमार सिंह की हत्या कर दी थी. उधर पटना सिटी स्थित अंबेडकर छात्रावास में विष्णु कुमार नाम के छात्र की गोली मारकर हत्या की गई.

देखें रिपोर्ट

जुलाई में पटना जिले में 16 हत्या हुई और 11 हत्या की कोशिश की गई. 4 जुलाई को जानीपुर में युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई. 6 जुलाई को आलमगंज में मिथिलेश गोप की हत्या, 6 जुलाई को चौक थाना इलाके में ऑटो चालक की हत्या, 9 जुलाई को शास्त्री नगर के नंद गांव में सब्जी विक्रेता को गोली मारकर हत्या और 14 जुलाई को पिपरा थाना इलाके में दहेज के लिए महिला की हत्या कर दी गई.

वहीं, 16 जुलाई को खाजेकलां में आपसी विवाद में फायरिंग हुई, जिसमें 6 लोग घायल हुए. 17 जुलाई को बिहटा के मूसेपुर में डकैती के दौरान बुजुर्ग की हत्या कर दी गई. 17 जुलाई को ही मसौढ़ी में मामूली विवाद में युवक को पीट-पीटकर मार डाला गया.

17 जुलाई को बाईपास इलाके में 12 साल के सुमित की हत्या की घटना को अंजाम दिया गया. 18 जुलाई को चितकोहरा में प्रॉपर्टी डीलर के बेटे की गोली मारकर हत्या, 19 जुलाई को चंदा के विवाद में गोपालपुर में पिता और पुत्र को गोली मारकर हत्या कर दी गई.

19 जुलाई को पंडारक में युवक सोहन की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. 19 जुलाई को ही मालसलामी में सिगरेट के थोक विक्रेता की हत्या, 15 लाख की लूट की घटना को अंजाम दिया गया. 20 जुलाई को मसौढ़ी में कुर्सी चुराने के आरोप में युवक की हत्या. 21 जुलाई कदमकुआं में 2 लोगों को गोली मार दी गई. 21 जुलाई को चौक थाना इलाके में कारोबारी पंकज की हत्या हुई.

वहीं, 25 जुलाई मालसलामी इलाके में मछली कारोबारी पारस की हत्या को अंजाम दिया गया. 26 जुलाई आलमगंज में चालक की गोली मारकर हत्या कर दी गई. 27 जुलाई आरके नगर में शराब पीने के दौरान युवक को गोली मार दी गई. 28 जुलाई को गोपालपुर में पुरानी रंजिश में युवक रजनीश को गोली मार दी गई.

31 जुलाई को पटना के पुनाइचाक में ठेकेदार की गोली मारकर हत्या कर दी गई. 31 जुलाई को नौबतपुर में युवक की चाकू से गोदकर हत्या और 31 जुलाई को ही फुलवारी शरीफ में वृद्ध व्यक्ति की हत्या कर दी गई.

लगातार हो रही अपराधिक वारदातों के बावजूद पुलिस मुख्यालय मानने को तैयार नहीं है कि अपराध के ग्राफ में वृद्धि हुई है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार की मानें तो पिछले सालों में अपराध के ग्राफ को देखे तो पेशेवर अपराध में लगातार गिरावट आ रही है.

ये भी पढ़ें- Patna News: क्राइम कंट्रोल को लेकर पटना SSP ने थानेदारों की लगाई क्लास

पुलिस मुख्यालय ने बताया कि आपराधिक वारदातों में कमी के साथ-साथ मामले के उद्भेदन में जोर दिया जा रहा है. जितेंद्र कुमार ने बताया कि मुजफ्फरपुर, वैशाली और समस्तीपुर में जो भी बड़ी वारदातों को अंजाम दिया गया था, उन मामलों में पुलिस ने समय रहते खुलासा कर लिया. अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ-साथ रिकवरी भी की गई है. एडीजी जितेंद्र के कहा कि जो भी घटना घटित हो रही है, उसका उद्भेदन समय रहते हो जाने से आगे की घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है. इसको लेकर बिहार पुलिस पूर्ण रूप से तत्पर है.

जाहिर है बिहार पुलिस लाख दावे कर ले, लेकिन न तो आपराधिक वारदातों में कमी नहीं आ रही है और न ही पुलिस समय-समय पर मामलों का खुलासा कर पा रही है. पटना जिले में जुलाई महीने में हुई आपराधिक वारदातों के ज्यादातर मामलों में अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. इसके बावजूद दावे जोरदार तरीके से किए जा रहे हैं.

पटना: बिहार में अपराध का ग्राफ (Crime Graph) लगातार बढ़ता जा रहा है. अन्य जिलों की तुलना में तो राजधानी मानो 'क्राइम कैपिटल' (Crime Capital) बन चुकी है. आपराधिक वारदातों के आंकड़े भी इस बात को काफी हद तक सही साबित करते हैं. यहां केवल जुलाई महीने में 16 हत्या हुई है, जबकि 11 लोगों की हत्या की कोशिश की गई.

ये भी पढ़ें- Patna: आपराधिक घटनाओं से फैली दहशत, लोगों ने कहा- सड़क पर निकलने में लगता है डर

राजधानी पटना में ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का 'सुशासन मॉडल' फेल होता दिख रहा है. आलम ये है कि यहां रहने वाले लोगों को अब डेढ़ दशक के पहले वाला बिहार याद आने लगा है.

अपराध का ग्राफ
ईटीवी भारत GFX

दरअसल पटना में होने वाली आपराधिक घटनाओं ने नीतीश के 'सुशासन मॉडल' को कहीं ना कहीं फेल कर दिया है. कानून-व्यवस्था एक बार फिर से सवालों के घेरे में है. ज्यादातर आपराधिक मामलो में अपराधी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं और सूबे के मुखिया नीतीश कुमार से लेकर डीजीपी संजीव कुमार सिंघल और अन्य पुलिस अधिकारी बस यही दावा करते रहते हैं कि 'सब कुछ बढ़िया है.'

नीतीश कुमार से बिहार के बढ़ते अपराध पर जब भी सवाल किए जाते हैं तो उनके पास सिर्फ एक ही जवाब होता है, '2005 से पहले बिहार की क्या स्थिति थी.' आखिर सवाल यह उठता है कि नीतीश सरकार कब तक 2005 के पहले के कथित 'जंगलराज' का हवाला देकर अपना बचाव करते रहेंगे.

अपराध का ग्राफ
ईटीवी भारत GFX

आंकड़ों के लिहाज से देखें तो केवल जुलाई महीने में पटना जिले के अंदर 16 हत्याएं हुई हैं और 11 मामलों में हत्या का प्रयास किया गया है. यह कहीं ना कहीं अपराधियों में पुलिस का इकबाल पूरी तरह से खत्म होता दिखाता है.

बिहार में इन दिनों फिर से हत्या, लूट, अपहरण और गैंगरेप जैसी वारदातों में लगातार वृद्धि हो रही है. रोहतास के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के जीजवाही गांव में जमीन विवाद में दो पक्षों के बीच जमकर फायरिंग में कई लोग घायल हुए हैं. नालंदा जिले के लोदीपुर मैं जमीन विवाद में गोलीबारी में 6 लोगों की जान चली गई.

खगड़िया में जमीन विवाद में चाचा-भतीजे ने एक-दूसरे को गोली मार दी, दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. भोजपुर के टाउन थाना क्षेत्र में 4 साल की बच्ची के साथ अधेड़ व्यक्ति ने दुष्कर्म का प्रयास किया. जिसकी स्थानीय लोगों ने जमकर पिटाई कर पुलिस के हवाले कर दिया.

ये भी पढ़ें- दानापुर में अपराधियों ने ऑटो रिक्शा चालक को सरेआम गोलियों से भूना

राजधानी पटना की बात करें तो पिछले दिनों पहले अपराधियों ने डबल मर्डर की बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. बदमाशों ने परसा बाजार स्टेशन के सामने चाणक्य कॉलोनी के पास ऑटो चालक जितेंद्र कुमार सिंह की हत्या कर दी थी. उधर पटना सिटी स्थित अंबेडकर छात्रावास में विष्णु कुमार नाम के छात्र की गोली मारकर हत्या की गई.

देखें रिपोर्ट

जुलाई में पटना जिले में 16 हत्या हुई और 11 हत्या की कोशिश की गई. 4 जुलाई को जानीपुर में युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई. 6 जुलाई को आलमगंज में मिथिलेश गोप की हत्या, 6 जुलाई को चौक थाना इलाके में ऑटो चालक की हत्या, 9 जुलाई को शास्त्री नगर के नंद गांव में सब्जी विक्रेता को गोली मारकर हत्या और 14 जुलाई को पिपरा थाना इलाके में दहेज के लिए महिला की हत्या कर दी गई.

वहीं, 16 जुलाई को खाजेकलां में आपसी विवाद में फायरिंग हुई, जिसमें 6 लोग घायल हुए. 17 जुलाई को बिहटा के मूसेपुर में डकैती के दौरान बुजुर्ग की हत्या कर दी गई. 17 जुलाई को ही मसौढ़ी में मामूली विवाद में युवक को पीट-पीटकर मार डाला गया.

17 जुलाई को बाईपास इलाके में 12 साल के सुमित की हत्या की घटना को अंजाम दिया गया. 18 जुलाई को चितकोहरा में प्रॉपर्टी डीलर के बेटे की गोली मारकर हत्या, 19 जुलाई को चंदा के विवाद में गोपालपुर में पिता और पुत्र को गोली मारकर हत्या कर दी गई.

19 जुलाई को पंडारक में युवक सोहन की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. 19 जुलाई को ही मालसलामी में सिगरेट के थोक विक्रेता की हत्या, 15 लाख की लूट की घटना को अंजाम दिया गया. 20 जुलाई को मसौढ़ी में कुर्सी चुराने के आरोप में युवक की हत्या. 21 जुलाई कदमकुआं में 2 लोगों को गोली मार दी गई. 21 जुलाई को चौक थाना इलाके में कारोबारी पंकज की हत्या हुई.

वहीं, 25 जुलाई मालसलामी इलाके में मछली कारोबारी पारस की हत्या को अंजाम दिया गया. 26 जुलाई आलमगंज में चालक की गोली मारकर हत्या कर दी गई. 27 जुलाई आरके नगर में शराब पीने के दौरान युवक को गोली मार दी गई. 28 जुलाई को गोपालपुर में पुरानी रंजिश में युवक रजनीश को गोली मार दी गई.

31 जुलाई को पटना के पुनाइचाक में ठेकेदार की गोली मारकर हत्या कर दी गई. 31 जुलाई को नौबतपुर में युवक की चाकू से गोदकर हत्या और 31 जुलाई को ही फुलवारी शरीफ में वृद्ध व्यक्ति की हत्या कर दी गई.

लगातार हो रही अपराधिक वारदातों के बावजूद पुलिस मुख्यालय मानने को तैयार नहीं है कि अपराध के ग्राफ में वृद्धि हुई है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार की मानें तो पिछले सालों में अपराध के ग्राफ को देखे तो पेशेवर अपराध में लगातार गिरावट आ रही है.

ये भी पढ़ें- Patna News: क्राइम कंट्रोल को लेकर पटना SSP ने थानेदारों की लगाई क्लास

पुलिस मुख्यालय ने बताया कि आपराधिक वारदातों में कमी के साथ-साथ मामले के उद्भेदन में जोर दिया जा रहा है. जितेंद्र कुमार ने बताया कि मुजफ्फरपुर, वैशाली और समस्तीपुर में जो भी बड़ी वारदातों को अंजाम दिया गया था, उन मामलों में पुलिस ने समय रहते खुलासा कर लिया. अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ-साथ रिकवरी भी की गई है. एडीजी जितेंद्र के कहा कि जो भी घटना घटित हो रही है, उसका उद्भेदन समय रहते हो जाने से आगे की घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है. इसको लेकर बिहार पुलिस पूर्ण रूप से तत्पर है.

जाहिर है बिहार पुलिस लाख दावे कर ले, लेकिन न तो आपराधिक वारदातों में कमी नहीं आ रही है और न ही पुलिस समय-समय पर मामलों का खुलासा कर पा रही है. पटना जिले में जुलाई महीने में हुई आपराधिक वारदातों के ज्यादातर मामलों में अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. इसके बावजूद दावे जोरदार तरीके से किए जा रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.