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पहले जारी किया था गुरुजी के लिए ड्रेस कोड... हुआ बवाल तो DEO साहब ने वापस ले लिया फरमान

बिहार में जिला शिक्षा पदाधिकारियों ( District Education Officers ) के कारनामे शिक्षा विभाग के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं. ऐसा ही एक मामला पूर्णिया का सामने आया है. पूर्णिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बिना विभागीय समिति के आदेश जारी कर दिया और शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने का पत्र जारी हो गया, लेकिन जब हंगामा हुआ तो उन्हें आदेश वापस लेना पड़ा. पढ़ें पूरी खबर...

Dress Code Of Teacher
Dress Code Of Teacher
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Published : Nov 25, 2021, 3:47 PM IST

Updated : Nov 25, 2021, 7:34 PM IST

पटना: पूर्णिया जिला शिक्षा पदाधिकारी ( Purnia District Education Officer ) ने 22 नवंबर को एक आदेश जारी किया, जिसमें यह कहा गया कि शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मी ड्रेस कोड ( Dress Code Of Teacher And Non-Teaching Staff ) में स्कूल आएंगे.

सोमवार से शुक्रवार तक के लिए ड्रेस कोड लागू करने का निर्देश जारी हुआ. हालांकि इस बारे में शिक्षा विभाग ( Bihar Education Department ) की तरफ से कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ था. यह सिर्फ पूर्णिया जिला शिक्षा अधिकारी के स्तर से आदेश जारी हुआ था.

ये भी पढ़ें- बिहार में लहराते बालों पर प्रतिबंध, भागलपुर के इस कॉलेज में खुले बाल नहीं आ सकती लड़कियां

लेकिन जब इस बारे में हंगामा मचा तो आनन फानन में उन्हें अपना फरमान वापस लेना पड़ा, क्योंकि अगर ड्रेस कोड लागू होता तो शिक्षकों के ड्रेस के लिए राशि भी सरकार को उपलब्ध करानी होती. लेकिन जब विभागीय आदेश ही नहीं था तो फिर इस ड्रेस कोड का कोई मतलब नहीं था. ऐसे में पूर्णिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी श्याम बाबू राम को अपना आदेश वापस ( Withdrew Dress Code Instructions ) लेना पड़ा है.

24 नवंबर को एक आदेश जारी करते हुए पूर्णिया जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि ड्रेस कोड के आदेश को वापस लिया जाता है. इधर बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिला शिक्षा पदाधिकारी पूर्णिया पर कार्रवाई की मांग की है.

ये भी पढ़ें- महिला कॉलेज का तुगलकी फरमान, खुले बाल में नहीं आएंगी लड़कियां

बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बिना विभागीय समिति के इस तरह का आदेश जारी किया जो कहीं ना कहीं सबके लिए परेशानी का सबब बना.

उन्होंने कहा कि शिक्षकों को ड्रेस कोड में आने से कोई परेशानी नहीं है. अगर सरकार ड्रेस कोड लागू करना चाहती है तो वह शिक्षक संघ के साथ बात करे और बातचीत के आधार पर निर्णय ले. शिक्षकों को ड्रेस कोड में स्कूल आने में कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन बिना विभागीय समिति के जिस तरह से आदेश जारी किया गया जिससे उहापोह की स्थिति बनी, इसके लिए दोषी अधिकारी पर कार्रवाई जरूर होनी चाहिए.

बता दें कि पूर्णिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी श्याम बाबू राम को लेकर पहले भी कई तरह के सवाल उठ चुके हैं. यही वजह है कि बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने उन पर कार्रवाई की मांग की है.

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पटना: पूर्णिया जिला शिक्षा पदाधिकारी ( Purnia District Education Officer ) ने 22 नवंबर को एक आदेश जारी किया, जिसमें यह कहा गया कि शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मी ड्रेस कोड ( Dress Code Of Teacher And Non-Teaching Staff ) में स्कूल आएंगे.

सोमवार से शुक्रवार तक के लिए ड्रेस कोड लागू करने का निर्देश जारी हुआ. हालांकि इस बारे में शिक्षा विभाग ( Bihar Education Department ) की तरफ से कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ था. यह सिर्फ पूर्णिया जिला शिक्षा अधिकारी के स्तर से आदेश जारी हुआ था.

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लेकिन जब इस बारे में हंगामा मचा तो आनन फानन में उन्हें अपना फरमान वापस लेना पड़ा, क्योंकि अगर ड्रेस कोड लागू होता तो शिक्षकों के ड्रेस के लिए राशि भी सरकार को उपलब्ध करानी होती. लेकिन जब विभागीय आदेश ही नहीं था तो फिर इस ड्रेस कोड का कोई मतलब नहीं था. ऐसे में पूर्णिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी श्याम बाबू राम को अपना आदेश वापस ( Withdrew Dress Code Instructions ) लेना पड़ा है.

24 नवंबर को एक आदेश जारी करते हुए पूर्णिया जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि ड्रेस कोड के आदेश को वापस लिया जाता है. इधर बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिला शिक्षा पदाधिकारी पूर्णिया पर कार्रवाई की मांग की है.

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बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बिना विभागीय समिति के इस तरह का आदेश जारी किया जो कहीं ना कहीं सबके लिए परेशानी का सबब बना.

उन्होंने कहा कि शिक्षकों को ड्रेस कोड में आने से कोई परेशानी नहीं है. अगर सरकार ड्रेस कोड लागू करना चाहती है तो वह शिक्षक संघ के साथ बात करे और बातचीत के आधार पर निर्णय ले. शिक्षकों को ड्रेस कोड में स्कूल आने में कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन बिना विभागीय समिति के जिस तरह से आदेश जारी किया गया जिससे उहापोह की स्थिति बनी, इसके लिए दोषी अधिकारी पर कार्रवाई जरूर होनी चाहिए.

बता दें कि पूर्णिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी श्याम बाबू राम को लेकर पहले भी कई तरह के सवाल उठ चुके हैं. यही वजह है कि बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने उन पर कार्रवाई की मांग की है.

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Last Updated : Nov 25, 2021, 7:34 PM IST
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