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पटना: बीपीएसएससी के कट ऑफ डेट बढ़ाने की मांग को लेकर छात्रों ने किया प्रदर्शन

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Published : Aug 31, 2019, 9:55 AM IST

जन अधिकार छात्र परिषद ने अपनी मांगों का ज्ञापन आयोग के साथ-साथ राज्य सरकार, राजभवन और अपर सचिव बिहार सरकार को भी दिया है. उनका कहना है कि मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

छात्र

पटना: दारोगा भर्ती परीक्षा विज्ञापन के कट ऑफ डेट बढ़ाने को लेकर शुक्रवार को छात्रों ने बीपीएसएससी के कार्यालय के सामने जमकर प्रदर्शन किया. आयोग के विशेष कार्य पदाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा गया. बीपीएसएससी का यह कार्यालय पटना के दानापुर के एक आवासीय अपार्टमेंट में स्थित है. छात्रों ने यह सवाल भी उठाया कि इतने बड़े आयोग का कार्यालय एक आवासीय अपार्टमेंट के फ्लैट में कैसे चल रहा है.

पटना
प्रदर्शनकारी छात्र

क्या है मामला?
दरअसल बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग (बीपीएसएससी) की ओर से दारोगा भर्ती परीक्षा के लिए विज्ञापन निकाला गया था. विज्ञापन 1 जनवरी 2019 की तिथि को निकाला गया था. इसे बाद में आयोग ने छात्रों के सत्र लेट होने की वजह से बढ़ाकर 1 अगस्त 2019 कर दिया. इस पर जन अधिकार छात्र परिषद का कहना है कि अब भी भूपेंद्र नारायण मंडल विश्विद्यालय, पूर्णिया विश्विद्यालय और जेपी विश्विद्यालय में सत्र लेट चल रहा है. वहां स्नातक का रिजल्ट एक सप्ताह बाद आने वाला है. कट ऑफ डेट के नहीं बढ़ने पर लाखों छात्र परीक्षा से वंचित रह जाएंगे.

छात्रों की मांग है कि आयोग दारोगा भर्ती परीक्षा के विज्ञापन का कट ऑफ डेट 45 दिन आगे बढ़ाकर 15 सितंबर कर दिया जाए, ताकि उन विश्वविद्यालयों के छात्र भी इस परीक्षा में शामिल हो सके.

पटना
बीपीएसएससी पदाधिकारी अशोक कुमार प्रसाद

मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन तेज
जन अधिकार छात्र परिषद ने अपनी मांगों का ज्ञापन आयोग के साथ-साथ राज्य सरकार, राजभवन और अपर सचिव बिहार सरकार को भी दिया है. उनका कहना है कि मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन को और तेज किया जाएगा. छात्रों ने ये भी आरोप लगाया कि इतने बड़े आयोग का कार्यालय एक आवासीय अपार्टमेंट के फ्लैट में कैसे चलाया जा रहा है.

बीपीएसएससी कार्यालय के सामने छात्रों ने किया प्रदर्शन

कट ऑफ बढ़ाने पर कई छात्रों को नुकसान
इस बाबत बीपीएसएससी के विशेष कार्य पदाधिकारी अशोक कुमार प्रसाद ने कहा कि दारोगा भर्ती परीक्षा का विज्ञापन शैक्षिणिक योग्यता और उम्र के आधार पर निकाला जाता है. यदि कट ऑफ डेट थोड़ा भी बढ़ाया गया, तो उन छात्रों का नुकसान होगा जो उम्र योग्यता की सीमा पार करने वाले हैं. हालांकि आयोग इस मामले में देखेगा कि आगे क्या किया जा सकता है.

किराए के मकान में बीपीएसएससी का कार्यालय
आयोग के कार्यालय के सवाल पर विशेष कार्य पदाधिकारी ने कहा कि 2016-17 में आयोग का गठन हुआ है. ऐसे में इतनी जल्दी इसका खुद का भवन हो पाना संभव नहीं था. फिलहाल आयोग का नया भवन निर्माणाधीन है, जिस वजह से मजबूरी में किराए के मकान में बीपीएसएससी का कार्यालय संचालित है.

पटना: दारोगा भर्ती परीक्षा विज्ञापन के कट ऑफ डेट बढ़ाने को लेकर शुक्रवार को छात्रों ने बीपीएसएससी के कार्यालय के सामने जमकर प्रदर्शन किया. आयोग के विशेष कार्य पदाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा गया. बीपीएसएससी का यह कार्यालय पटना के दानापुर के एक आवासीय अपार्टमेंट में स्थित है. छात्रों ने यह सवाल भी उठाया कि इतने बड़े आयोग का कार्यालय एक आवासीय अपार्टमेंट के फ्लैट में कैसे चल रहा है.

पटना
प्रदर्शनकारी छात्र

क्या है मामला?
दरअसल बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग (बीपीएसएससी) की ओर से दारोगा भर्ती परीक्षा के लिए विज्ञापन निकाला गया था. विज्ञापन 1 जनवरी 2019 की तिथि को निकाला गया था. इसे बाद में आयोग ने छात्रों के सत्र लेट होने की वजह से बढ़ाकर 1 अगस्त 2019 कर दिया. इस पर जन अधिकार छात्र परिषद का कहना है कि अब भी भूपेंद्र नारायण मंडल विश्विद्यालय, पूर्णिया विश्विद्यालय और जेपी विश्विद्यालय में सत्र लेट चल रहा है. वहां स्नातक का रिजल्ट एक सप्ताह बाद आने वाला है. कट ऑफ डेट के नहीं बढ़ने पर लाखों छात्र परीक्षा से वंचित रह जाएंगे.

छात्रों की मांग है कि आयोग दारोगा भर्ती परीक्षा के विज्ञापन का कट ऑफ डेट 45 दिन आगे बढ़ाकर 15 सितंबर कर दिया जाए, ताकि उन विश्वविद्यालयों के छात्र भी इस परीक्षा में शामिल हो सके.

पटना
बीपीएसएससी पदाधिकारी अशोक कुमार प्रसाद

मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन तेज
जन अधिकार छात्र परिषद ने अपनी मांगों का ज्ञापन आयोग के साथ-साथ राज्य सरकार, राजभवन और अपर सचिव बिहार सरकार को भी दिया है. उनका कहना है कि मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन को और तेज किया जाएगा. छात्रों ने ये भी आरोप लगाया कि इतने बड़े आयोग का कार्यालय एक आवासीय अपार्टमेंट के फ्लैट में कैसे चलाया जा रहा है.

बीपीएसएससी कार्यालय के सामने छात्रों ने किया प्रदर्शन

कट ऑफ बढ़ाने पर कई छात्रों को नुकसान
इस बाबत बीपीएसएससी के विशेष कार्य पदाधिकारी अशोक कुमार प्रसाद ने कहा कि दारोगा भर्ती परीक्षा का विज्ञापन शैक्षिणिक योग्यता और उम्र के आधार पर निकाला जाता है. यदि कट ऑफ डेट थोड़ा भी बढ़ाया गया, तो उन छात्रों का नुकसान होगा जो उम्र योग्यता की सीमा पार करने वाले हैं. हालांकि आयोग इस मामले में देखेगा कि आगे क्या किया जा सकता है.

किराए के मकान में बीपीएसएससी का कार्यालय
आयोग के कार्यालय के सवाल पर विशेष कार्य पदाधिकारी ने कहा कि 2016-17 में आयोग का गठन हुआ है. ऐसे में इतनी जल्दी इसका खुद का भवन हो पाना संभव नहीं था. फिलहाल आयोग का नया भवन निर्माणाधीन है, जिस वजह से मजबूरी में किराए के मकान में बीपीएसएससी का कार्यालय संचालित है.

Intro:दरोगा भर्ती परीक्षा विज्ञापन का कर्ट ऑफ डेट बढ़ाने को लेकर शुक्रवार को जन अधिकार छात्र परिषद की ओर से प्रदर्शन किया गया। छात्रों ने पटना के दानापुर स्थित बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के कार्यालय के सामने जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। साथ ही आयोग के विशेष कार्य पदाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा।


Body:दरअसल बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग (बीपीएसएससी)की ओर से दरोगा भर्ती परीक्षा के लिए विज्ञापन निकाला गया था। ये विज्ञापन 1 जनवरी 2019 के डेट में निकाला गया था जिसे बाद में आयोग ने छात्रों के सत्र लेट होने की वजह से बढ़ाकर 1 अगस्त 2019 कर दिया। लेकिन जन अधिकार छात्र परिषद का कहना है कि अब भी कई विश्वविद्यालय ऐसे है जहां सत्र लेट चल रहा है और स्नातक का रिजल्ट एक सप्ताह बाद आने वाला है ऐसे में आयोग दरोगा भर्ती परीक्षा का विज्ञापन का कट ऑफ डेट 45 दिन आगे बढ़ाकर 15 सितंबर कर दे ताकि उन विश्वविद्यालयों के छात्र भी इस परीक्षा में शामिल हो सके जिनका सत्र अब भी लेट चल रहा है। जन अधिकार छात्र परिषद के अध्यक्ष गौतम आनंद ने कहा कि भूपेंद्र नारायण मंडल विश्विद्यालय,पूर्णिया विश्विद्यालय और जेपी विश्विद्यालय का सत्र अब भी लेट है ऐसे में कट ऑफ डेट 1 अगस्त होने के कारण लाखो छात्र इस परीक्षा से वंचित रह जाएंगे लिहाजा आयोग को कट ऑफ डेट बढ़ाना ही होगा। उन्होंने कहा कि परीक्षा विज्ञापन का कट ऑफ डेट बढ़ाने को लेकर छात्र परिषद आयोग कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन कर अपनी आवाज आयोग तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है ताकि लाखो छात्रों का भविष्य खराब न हो सके। जन अधिकार छात्र परिषद ने अपने मांगों का ज्ञापन आयोग के साथ साथ राज्य सरकार, राजभवन और अपर सचिव बिहार सरकार को भी दी है ताकि परीक्षा विज्ञापन का कट ऑफ डेट बढ़ाया जा सकें। मांगे नही पूरी होने पर आंदोलन को और तेज करने की बात कही है। इस मौके पर जन अधिकार छात्र परिषद ने ये भी आरोप लगाया कि इतने बड़े आयोग का कार्यालय एक आवासीय अपार्टमेंट के फ्लैट में चलाया जा रहा है ये एक बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह है।


Conclusion:इस बाबत जब बिहार पुलिस अपर सेवा आयोग के विशेष कार्य पदाधिकारी अशोक कुमार प्रसाद स बात की तो उन्होंने कहा कि दरोगा भर्ती परीक्षा का विज्ञापन शैक्षिणिक योग्यता और उम्र के आधार पर निकाली जाती है और आयोग ने सत्र लेट होने के कारण पहले ही इसकी तिथि जनवरी से बढ़ाकर अगस्त कर दी है अब यदि कट ऑफ डेट थोड़ा भी बढ़ाया गया तो उम्र के आधार पर परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को नुकसान होगा। उन्होंने बताया कि सामान्य के लिए 37 वर्ष और ओबीसी के लिए 40 और 42 वर्ष उम्र योग्यता है यदि ऐसे में विज्ञापन की तिथि में जरा भी छेड़छाड़ की गई तो वो इस परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह जाएंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि वेछात्र संगठन की तरफ से मेमोरेंडम मिला है आयोग देखेगा कि इसमें क्या बेहतर हो सकता हैं। आयोग के कार्यालय के सवाल पर विशेष कार्य पदाधिकारी ने कहा कि 2016 - 17 में आयोग का गठन हुआ है ऐसे में इतनी जल्दी इसका खुद का भवन हो पाना संभव नही था। फिलहाल आयोग का नया भवन निर्माणाधीन होने की वजह से मजबूरी में किराए के मकान में बीपीएसएससी का कार्यालय संचालित है।
बाईट - गौतम आनंद - अध्यक्ष - जन अधिकार छात्र परिषद
बाईट - अशोक कुमार प्रसाद - विशेष कार्य पदाधिकारी - बीपीएसएससी

कुणाल सिंह...ईटीवी भारत...दानापुर
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