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बिहार में जल्द शुरू होगा बच्चों का वैक्सीनेशन, जोरों से चल रही है स्वास्थ्य विभाग की तैयारी - etv live

बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर अब तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. बिहार भी इस तैयारी में पीछे नहीं है. चाहे वैक्सीनेशन किसी अस्पताल में हो, किसी खास सेंटर में हो या स्कूल में, बिहार तैयार है. पढ़ें रिपोर्ट...

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Published : Nov 16, 2021, 3:45 PM IST

पटना: कोरोना के खिलाफ निर्णायक जंग में बच्चे अभी तक देश में चल रहे वैक्सीनेशन अभियान के दायरे से बाहर हैं. ऐसे में अब बच्चों के वैक्सीनेशन (Vaccination For Children) को लेकर केंद्र के स्तर से तैयारी चल रही है. इसके साथ ही अब बिहार में भी बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर धीरे-धीरे तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. ताकि केंद्र सरकार कोई निर्णय ले तो बिहार में इसे अमली जामा पहनाने में विलंब ना हो. इस बाबत पिछले दिनों नवंबर महीने में ही राज्य स्वास्थ्य समिति की तरफ से सभी जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी के साथ एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया.

यह भी पढ़ें- DCGI स्वीकृति मिलने के बाद बच्चों के लिए वैक्सीनेशन शुरू करने की अपील, अभिभावकों के मन का डर होगा खत्म

जानकारी के मुताबिक, अगले वर्ष जनवरी-फरवरी माह से बच्चों के वैक्सीनेशन शुरू किए जा सकते हैं. शुरुआती दौर में 12 से 18 वर्ष के बच्चों के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू होगी. बच्चे इंजेक्शन को लेकर काफी डरे से रहते हैं. इस वजह से नीडल फ्री इंजेक्शन के माध्यम से वैक्सीनेशन होगा.

देखें वीडियो

भारत बायोटेक और जायडस कैडिला की वैक्‍सीन के अलावा जेनोवा बायोफार्मास्‍यूटिकल्‍स की एमआरएनए वैक्‍सीन, बायोलॉजिकल ई वैक्‍सीन, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की नोवावैक्‍स भी विकसित हो रही हैं. हालांकि भारत सरकार ने कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी है. राज्य स्वास्थ समिति के तरफ से बीते दिनों जो बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर डीआईओ की ट्रेनिंग आयोजित की गई, उसमें जायडस कैडिला मशीन के बारे में जानकारी दी गई.

पटना के डीआईओ डॉक्टर एसपी विनायक ने बताया कि यह तकनीक अभी नई है. ऐसे में इसको लेकर काफी प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी. इस तकनीक के बारे में अधिक कुछ जानकारी नहीं है. ऐसे में एएनएम और जितने भी वैक्सीनेटर हैं, उन्हें इसका प्रशिक्षण देना होगा. इस तकनीक में स्किन के ऊपरी लेयर पर मशीन से पंच किया जाता है और इससे बच्चों को दर्द भी नहीं होगा, दवा भी शरीर में पहुंच जाएगी. इस वैक्सीनेशन पद्धति में ब्लीडिंग की शिकायत नहीं होती है.

'अभी तक हमारे पास बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर तैयारियों के बारे में कोई पत्र राज्य स्वास्थ्य समिति की तरफ से नहीं मिली है. बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू भी होगा तो सबसे पहले 12 से 18 वर्ष के बच्चों को इस अभियान में शामिल किया जाएगा. अभी इस पर निर्णय लिया जाएगा कि बच्चों का जो वैक्सीनेशन शुरू हो तो वह किसी स्वास्थ्य केंद्र पर हो या फिर बच्चों को स्कूल में ही वैक्सीनेशन किया जाए. बच्चों की वैक्सीनेशन को लेकर सरकार का जो कुछ भी दिशा-निर्देश होगा, उसे मजबूती से पालन किया जाएगा.' -डॉ. विभा कुमारी, सिविल सर्जन, पटना

'सरकार ने अभी तक वैक्सीनेशन को लेकर बच्चों का डाटा नहीं मांगा है. मगर हमने पहले से ही सभी स्कूलों को बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर तैयारियां करने का निर्देश दिया है. अगर स्वास्थ्य विभाग स्कूल में जाकर वैक्सीनेशन का निर्णय लेता है, तो स्कूल किस प्रकार सभी बच्चों का वैक्सीनेशन कराएंगे, इसको लेकर तैयार रहने को कहा गया है. सरकार बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर प्राइवेट स्कूलों से बच्चों की संख्या का डाटा भी मांगती है तो उसे जल्द से जल्द उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाएगा.' -शमायल अहमद, राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन

यह भी पढ़ें- इंतजार हुआ खत्म! बोलीं डिप्टी CM रेणु देवी- 'बिहार में जल्द होगा बच्चों का वैक्सीनेशन'

पटना: कोरोना के खिलाफ निर्णायक जंग में बच्चे अभी तक देश में चल रहे वैक्सीनेशन अभियान के दायरे से बाहर हैं. ऐसे में अब बच्चों के वैक्सीनेशन (Vaccination For Children) को लेकर केंद्र के स्तर से तैयारी चल रही है. इसके साथ ही अब बिहार में भी बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर धीरे-धीरे तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. ताकि केंद्र सरकार कोई निर्णय ले तो बिहार में इसे अमली जामा पहनाने में विलंब ना हो. इस बाबत पिछले दिनों नवंबर महीने में ही राज्य स्वास्थ्य समिति की तरफ से सभी जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी के साथ एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया.

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जानकारी के मुताबिक, अगले वर्ष जनवरी-फरवरी माह से बच्चों के वैक्सीनेशन शुरू किए जा सकते हैं. शुरुआती दौर में 12 से 18 वर्ष के बच्चों के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू होगी. बच्चे इंजेक्शन को लेकर काफी डरे से रहते हैं. इस वजह से नीडल फ्री इंजेक्शन के माध्यम से वैक्सीनेशन होगा.

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भारत बायोटेक और जायडस कैडिला की वैक्‍सीन के अलावा जेनोवा बायोफार्मास्‍यूटिकल्‍स की एमआरएनए वैक्‍सीन, बायोलॉजिकल ई वैक्‍सीन, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की नोवावैक्‍स भी विकसित हो रही हैं. हालांकि भारत सरकार ने कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी है. राज्य स्वास्थ समिति के तरफ से बीते दिनों जो बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर डीआईओ की ट्रेनिंग आयोजित की गई, उसमें जायडस कैडिला मशीन के बारे में जानकारी दी गई.

पटना के डीआईओ डॉक्टर एसपी विनायक ने बताया कि यह तकनीक अभी नई है. ऐसे में इसको लेकर काफी प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी. इस तकनीक के बारे में अधिक कुछ जानकारी नहीं है. ऐसे में एएनएम और जितने भी वैक्सीनेटर हैं, उन्हें इसका प्रशिक्षण देना होगा. इस तकनीक में स्किन के ऊपरी लेयर पर मशीन से पंच किया जाता है और इससे बच्चों को दर्द भी नहीं होगा, दवा भी शरीर में पहुंच जाएगी. इस वैक्सीनेशन पद्धति में ब्लीडिंग की शिकायत नहीं होती है.

'अभी तक हमारे पास बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर तैयारियों के बारे में कोई पत्र राज्य स्वास्थ्य समिति की तरफ से नहीं मिली है. बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू भी होगा तो सबसे पहले 12 से 18 वर्ष के बच्चों को इस अभियान में शामिल किया जाएगा. अभी इस पर निर्णय लिया जाएगा कि बच्चों का जो वैक्सीनेशन शुरू हो तो वह किसी स्वास्थ्य केंद्र पर हो या फिर बच्चों को स्कूल में ही वैक्सीनेशन किया जाए. बच्चों की वैक्सीनेशन को लेकर सरकार का जो कुछ भी दिशा-निर्देश होगा, उसे मजबूती से पालन किया जाएगा.' -डॉ. विभा कुमारी, सिविल सर्जन, पटना

'सरकार ने अभी तक वैक्सीनेशन को लेकर बच्चों का डाटा नहीं मांगा है. मगर हमने पहले से ही सभी स्कूलों को बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर तैयारियां करने का निर्देश दिया है. अगर स्वास्थ्य विभाग स्कूल में जाकर वैक्सीनेशन का निर्णय लेता है, तो स्कूल किस प्रकार सभी बच्चों का वैक्सीनेशन कराएंगे, इसको लेकर तैयार रहने को कहा गया है. सरकार बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर प्राइवेट स्कूलों से बच्चों की संख्या का डाटा भी मांगती है तो उसे जल्द से जल्द उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाएगा.' -शमायल अहमद, राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन

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