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एक तरफ विजय सिन्हा तो दूसरी तर सम्राट चौधरी, नीतीश तेजस्वी की सरकार को मिलेगी कड़ी चुनौती

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Published : Aug 25, 2022, 10:18 PM IST

Updated : Aug 25, 2022, 10:45 PM IST

बिहार में भाजपा का मिशन 2024 की तैयारी अभी से शुरू हो गई है. वो अपने एक्शन प्लान के मुताबिक आगे बढ़ रही है. महागठबंधन से मुकाबले के लिए भाजपा ने विधानसभा और विधान परिषद में अगड़ी पिछड़ी पर दांव लगाया है. सीएम नीतीश कुमार के धुर विरोधी नेताओं को भाजपा ने मुकाबले के लिए आगे किया है. बिहार विधानसभा में विजय सिन्हा तो विधान परिषद में सम्राट चौधरी दो-दो हाथ के लिए तैयार हैं. पढ़ें पूरी खबर...

विजय सिन्हा
विजय सिन्हा

पटना: बिहार में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने एनडीए का साथ छोड़ दिया है. आज की तारीख में वो महागठबंधन के हिस्सा हैं. महागठबंधन को चुनौती देने के लिए भाजपा ने बिहार विधानसभा और विधान परिषद में अगड़ी और पिछड़ी जाति पर दांव लगाया है. बीजेपी विधायक दल के नेता के रूप में जहां विजय सिन्हा का चयन किया गया है, वहीं विधान परिषद में सम्राट चौधरी विरोधी दल के नेता होंगे. बिहार विधानसभा और विधान परिषद में नीतीश कुमार का सामना धुर-विरोधियों से होगा. सीएम नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन में विजय सिन्हा एक ऐसा नाम है, जिन्होंने सदन के अंदर नीतीश कुमार को चुनौती दी और स्वच्छंद होकर बिहार विधान सभा का संचालन किया.

ये भी पढ़ें- सदन में पेश हो आचार समिति की रिपोर्ट, BJP ने नीतीश सरकार को घेरा

बीजेपी का सीएम नीतीश पर निशाना : कई मौकों पर दोनों नेताओं के बीच मतभेद भी हुए लेकिन विजय सिन्हा ने फैसला अपने हिसाब से लिया. विधानसभा में शताब्दी समारोह के दौरान सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगे थे. सदन के अंदर विजय सिन्हा ने नीतीश कुमार को यहां तक कह दिया था कि आसन को आप हतोत्साहित नहीं कर सकते. बिहार में पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग को साधना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है. राज्य में कुशवाहा वोट बैंक लगभग 5% है और उसे साधने के लिए पार्टी ने सम्राट चौधरी को विधान परिषद में विरोधी दल का नेता बनाया है. सम्राट चौधरी की सियासत भी नीतीश विरोधी रही है.

सम्राट चौधरी का नीतीश से है पुरानी अदावत : लोकसभा चुनाव के दौरान भी सम्राट चौधरी को बे टिकट होना पड़ा. एक बार जब राज्यसभा जाने का मौका आया तब भी जदयू की सहमति नहीं मिली और जब पार्टी ने किसी तरह राज्यपाल कोटे से विधान परिषद भेजा तो पहली बार विस्तार में जदयू के विरोध के कारण मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जा सके. नीतीश कुमार की नाराजगी सम्राट चौधरी से थी कि जीतन राम मांझी जब मुख्यमंत्री हुए थे और नीतीश कुमार से बगावत की थी तो उन दिनों सम्राट चौधरी ने जीतन राम मांझी का साथ दिया था. नीतीश कुमार से अदावत के चलते बाद में सम्राट चौधरी भाजपा में शामिल हो गए थे.

विजय सिन्हा ने दिखाए तेवर : जबकि सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है तो दोनों नेताओं ने अपने तेवर दिखला ने भी शुरू कर दिए हैं. विधान परिषद में विरोधी दल के नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि हम नीतीश कुमार से एक एक-एक पैसे का हिसाब लेंगे. वहीं चौधरी ने कहा कि- 'बिहार में 13 बड़े पुल बने हैं और सभी केंद्र प्रायोजित हैं. बिहार सरकार का पैसा नहीं लगा है. रोजगार के मसले पर भी हम नीतीश कुमार से हिसाब मांगेंगे. विधानसभा में ना कोई चाचा है ना कोई भतीजा है. सभी सदन के सदस्य हैं और आपस में व्यवहार भी उसी तरीके का होना चाहिए.'

महागठबंधन को घेरने में लगी बीजेपी : विधायक दल के नेता विजय सिन्हा ने भी अपने तेवर दिखाए और कहा कि अनर्गल आरोप लगाने से उन्हें बचना चाहिए. अगर प्रमाण हो तभी आरोप लगाएं.

'हमारे नेता ने रोजगार को एजेंडा बनाया है और रोजगार को लेकर हम प्रतिबद्ध हैं, हम अपने वायदे को पूरा करेंगे.' - एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता

'भाजपा बिहार में आत्मनिर्भर होना चाहती है, फिलहाल पार्टी पिछड़ा, अति पिछड़ा वोट को साधना चाहती है. सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा की छवि नीतीश विरोधी है दोनों नेताओं को आगे कर पार्टी धार को आक्रमक करना चाहती है.' - रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

पटना: बिहार में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने एनडीए का साथ छोड़ दिया है. आज की तारीख में वो महागठबंधन के हिस्सा हैं. महागठबंधन को चुनौती देने के लिए भाजपा ने बिहार विधानसभा और विधान परिषद में अगड़ी और पिछड़ी जाति पर दांव लगाया है. बीजेपी विधायक दल के नेता के रूप में जहां विजय सिन्हा का चयन किया गया है, वहीं विधान परिषद में सम्राट चौधरी विरोधी दल के नेता होंगे. बिहार विधानसभा और विधान परिषद में नीतीश कुमार का सामना धुर-विरोधियों से होगा. सीएम नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन में विजय सिन्हा एक ऐसा नाम है, जिन्होंने सदन के अंदर नीतीश कुमार को चुनौती दी और स्वच्छंद होकर बिहार विधान सभा का संचालन किया.

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बीजेपी का सीएम नीतीश पर निशाना : कई मौकों पर दोनों नेताओं के बीच मतभेद भी हुए लेकिन विजय सिन्हा ने फैसला अपने हिसाब से लिया. विधानसभा में शताब्दी समारोह के दौरान सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगे थे. सदन के अंदर विजय सिन्हा ने नीतीश कुमार को यहां तक कह दिया था कि आसन को आप हतोत्साहित नहीं कर सकते. बिहार में पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग को साधना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है. राज्य में कुशवाहा वोट बैंक लगभग 5% है और उसे साधने के लिए पार्टी ने सम्राट चौधरी को विधान परिषद में विरोधी दल का नेता बनाया है. सम्राट चौधरी की सियासत भी नीतीश विरोधी रही है.

सम्राट चौधरी का नीतीश से है पुरानी अदावत : लोकसभा चुनाव के दौरान भी सम्राट चौधरी को बे टिकट होना पड़ा. एक बार जब राज्यसभा जाने का मौका आया तब भी जदयू की सहमति नहीं मिली और जब पार्टी ने किसी तरह राज्यपाल कोटे से विधान परिषद भेजा तो पहली बार विस्तार में जदयू के विरोध के कारण मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जा सके. नीतीश कुमार की नाराजगी सम्राट चौधरी से थी कि जीतन राम मांझी जब मुख्यमंत्री हुए थे और नीतीश कुमार से बगावत की थी तो उन दिनों सम्राट चौधरी ने जीतन राम मांझी का साथ दिया था. नीतीश कुमार से अदावत के चलते बाद में सम्राट चौधरी भाजपा में शामिल हो गए थे.

विजय सिन्हा ने दिखाए तेवर : जबकि सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है तो दोनों नेताओं ने अपने तेवर दिखला ने भी शुरू कर दिए हैं. विधान परिषद में विरोधी दल के नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि हम नीतीश कुमार से एक एक-एक पैसे का हिसाब लेंगे. वहीं चौधरी ने कहा कि- 'बिहार में 13 बड़े पुल बने हैं और सभी केंद्र प्रायोजित हैं. बिहार सरकार का पैसा नहीं लगा है. रोजगार के मसले पर भी हम नीतीश कुमार से हिसाब मांगेंगे. विधानसभा में ना कोई चाचा है ना कोई भतीजा है. सभी सदन के सदस्य हैं और आपस में व्यवहार भी उसी तरीके का होना चाहिए.'

महागठबंधन को घेरने में लगी बीजेपी : विधायक दल के नेता विजय सिन्हा ने भी अपने तेवर दिखाए और कहा कि अनर्गल आरोप लगाने से उन्हें बचना चाहिए. अगर प्रमाण हो तभी आरोप लगाएं.

'हमारे नेता ने रोजगार को एजेंडा बनाया है और रोजगार को लेकर हम प्रतिबद्ध हैं, हम अपने वायदे को पूरा करेंगे.' - एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता

'भाजपा बिहार में आत्मनिर्भर होना चाहती है, फिलहाल पार्टी पिछड़ा, अति पिछड़ा वोट को साधना चाहती है. सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा की छवि नीतीश विरोधी है दोनों नेताओं को आगे कर पार्टी धार को आक्रमक करना चाहती है.' - रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

Last Updated : Aug 25, 2022, 10:45 PM IST
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