पटना: बिहार के सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर में मंगलवार को अक्षय तृतीया के मौके पर बांके बिहारी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा (Prana Pratishtha of Idol of Banke Bihar in ISKCON Temple) की गई. प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व यज्ञ समारोह का आयोजन किया गया और 100 करोड़ से अधिक की लागत से बने इस भव्य बांके बिहारी इस्कॉन टेंपल का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल फागू चौहान (Governor Fagu Chauhan) लोकार्पण करेंगे.
ये भी पढ़ें- आज से शुरू होगा विराट रामायण मंदिर का निर्माण, दिल्ली और ओडिशा से मंगाई गई हैं आधुनिक मशीनें
'इस्कॉन के संस्थापक श्री प्रभुपाद जी जब बिहार आए थे तो उनका सपना था कि बिहार में भी एक बांके बिहारी का भव्य मंदिर का निर्माण हो जो आज पूरा हो गया है. तीन मंजिला मंदिर में एक भव्य ऑडिटोरियम बना हुआ है, जिसमें 700 लोग बैठ सकते हैं. इसके अलावा एक रेस्टोरेंट है. जिसमें शुद्ध और सात्विक भोजन एक साथ 200 लोग बैठ कर कर सकते हैं. इसमें एक कांफ्रेंस हॉल बनाया गया है. इसके अलावा प्रसाद घर बनाया गया है, जिसमें एक साथ 1000 लोग बैठ कर प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं.' - नंद गोपाल दास, प्रवक्ता, इस्कॉन पटना
बांके बिहारी की मूर्ति की हुई प्राण प्रतिष्ठा: मंदिर के बारे में जानकारी देते हुए इस्कॉन पटना के प्रवक्ता नंद गोपाल दास ने बताया कि यह भव्य बांके बिहारी मंदिर पूरे उत्तर भारत का सबसे बड़ा मंदिर है और यह एक आध्यात्मिक अस्पताल है, जहां मानसिक तनाव से ग्रसित लोगों को सुकून का अहसास प्राप्त होगा. उन्होंने बताया कि भविष्य की जनसंख्या को देखते हुए मंदिर को डबल डेकर बनाया गया है और इसमें 300 से अधिक गाड़ियों के पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है. साथ ही साथ 500 के करीब सीसीटीवी कैमरा इनस्टॉल है. 70 कमरे का गेस्ट हाउस अतिथियों के लिए बनाया गया है. मंदिर में कुल चार लिफ्ट लगाए गए हैं. दिव्यांगों के लिए यहां सुविधा उपलब्ध है. बिहार शुरू से आध्यात्मिक भूमि के तौर पर पहचान रही है और यह इस्कॉन पटना मंदिर वैदिक बिहार का एक बार फिर से पुनरुत्थान करेगी, पुनर्जागरण करेगी.
'15 वर्ष पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2007 में इस भव्य मंदिर का शिलान्यास किया था और आज यह गौरव का क्षण है कि उन्हीं के हाथों ही इसका लोकार्पण भी हो रहा है. अक्षय तृतीया के दिन है. भूलोक पर गंगा जी का पदार्पण हुआ था और आज ही के दिन भव्य इस्कॉन मंदिर का पटना में लोकार्पण हो रहा है. और यह पूरे उत्तर भारत का सबसे बड़ा और भव्य मंदिर है. आज ही के दिन त्रेतायुग का भी आरंभ हुआ था और ऐसे पुण्य तिथि पर उद्घाटन होना बिहार के लिए काफी शुभ साबित होगा.' - व्रजेंद्र नंदन दास, डायरेक्टर, इस्कॉन नेशनल कम्युनिकेशन
आधुनिक सुविधाओं से लैस है मंदिर: उन्होंने कहा कि यह मंदिर प्रदेश के युवा वर्ग को एक अच्छा संदेश देगा क्योंकि इस्कॉन शुरू से ही नशा और मांस के खिलाफ लोगों को जागरूक करते रहा है और बिहार जहां पर पूर्ण शराबबंदी है. यह सरकार का एक अच्छा प्रयास है और इस्कॉन मंदिर के माध्यम से भी नशा मुक्ति और मांस खाने के खिलाफ लोगों में जन जागृति आएगी. व्रजेंद्र नंदन दास ने कहा कि यह मंदिर आने वाले दिनों में पर्यटन के लिहाज से भी एक बड़ा केंद्र बनेगा और जो लोग भी बिहार पहुंचेंगे, वह जरूर इस्कॉन मंदिर का भ्रमण करना चाहेंगे.
ये भी पढ़ें- परशुराम जयंती: भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच ने पटना में निकाली शोभायात्रा
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP