पटनाः दीपावली के मौके पर दूसरों के घर को रोशन करने वालों की बदहाली से अंजान लोग चाइनीज समानों को खरीदने में व्यस्त हैं. लोग चाइनीज सामान के आगे दीये और मिट्टी के अन्य सामानों को नहीं खरीदते. वहीं, चाइनीज सामानों की बढ़ती बिक्री के कारण कुम्हार अपना पुस्तैनी धंधा छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं.
पुस्तैनी धंधा छोड़ने को कुम्हार मजबूर
पालीगंज अनुमंडल अंतर्गत दुल्हिन बाजार प्रखंड के बेल्होरी गांव के कुम्हार परिवार वर्षों से मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करते आ रहे हैं. वहीं गांव के कुम्हार ने बताया कि साल में एक बार दिवाली आती है और उसी का इंतजार पूरा परिवार करता है. दीपावली के दो माह पूर्व से ही पूरे परिवार के लोग मिट्टी का दीया बनाने में दिन रात एक कर के लग जाते हैं. वहीं, मिट्टी का चूल्हा सहित बच्चों का खिलौना बनाने में लग जाते हैं.
मिट्टी के दीये न बिकने से परेशान कुम्हार
वहीं, मिट्टी के बर्तन बनाने वाली एक महिला अपने भाग्य को कोसते हुए कहती है कि मौसम खराब होने के कारण आज तक बर्तन नहीं हो पाया है. अब दीपावली के मात्र दो दिन ही बाकी हैं. इसमें कैसे बाजार में दीया और खिलौना की बिक्री होगी. वहीं उन्होंने बताया कि बाजार में रंग बिरंगी चाइनीज बल्व की बिक्री ज्यादा होने के कारण हम लोग के सामान की बिक्री कम हो गई है. जिससे लागत पूंजी और मजदूरी भी निकलना मुश्किल हो गया है. लेकिन बच्चों के भरण पोषण के लिए पुस्तैनी काम को करते रहते हैं. हम लोगों के पर सरकार भी कोई ध्यान नहीं देती है. सरकार की तरफ से किसी तरह की कोई सहायता नहीं मिलती है.