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उपचुनाव: राजनीतिक दलों के बीच पोस्टल बैलट को लेकर तकरार, चुनाव आयोग का एक्शन प्लान तैयार

उपचुनाव संपन्न होने के बाद सबकी नजर 2 नवंबर को होने वाली मतगणना पर है. सुबह 8:00 बजे से पोस्टल बैलट की गिनती शुरू होगी. सबसे पहले पोस्टल बैलट की गणना का काम पूरा किया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर...

शक्ति सिंह यादव और विनोद शर्मा
शक्ति सिंह यादव और विनोद शर्मा
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Published : Oct 31, 2021, 7:46 PM IST

पटना: बिहार में 2 सीटों पर उपचुनाव (Bihar BY-Election) हो चुके हैं. मतगणना (Bihar BY-Election Counting) को लेकर तमाम तरह की तैयारियां की जा रही हैं. पोस्टल बैलट को लेकर पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान विवाद हुआ था. इस बार विवाद नहीं हो इसके लिए चुनाव आयोग ने पारदर्शिता बरतने का निर्णय लिया है.

यह भी पढ़ें- विधानसभा की 2 सीटों पर हुए उपचुनाव में चिराग और कन्हैया की साख दांव पर

चुनाव संपन्न होने के बाद सबकी नजर 2 नवंबर को होने वाली मतगणना पर है. राजनीतिक दल मतगणना को लेकर आशंकित हैं. राजद के नेता पोस्टल बैलट को लेकर सवाल उठा रहे हैं और पोस्टल बैलट की गिनती को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं. बता दें कि विधानसभा चुनाव 2020 में पोस्टल बैलट की गिनती में देर हुई थी, जिसे लेकर विवाद हुआ था. विपक्ष ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया था. इस बार सबसे पहले पोस्टल बैलट की गिनती होगी.

देखें वीडियो

"पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान पोस्टल बैलट की गिनती में बड़े पैमाने पर अनियमितता हुई थी. गड़बड़ियों की वजह से लोकतंत्र शर्मसार हुआ था. हम चाहते हैं कि इस बार वैसी स्थिति नहीं हो. चुनाव आयोग निष्पक्ष तरीके से गिनती कराए."- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, राजद

"चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है. वहां किसी तरह का पक्षपात नहीं होता. चुनाव आयोग पर सवाल उठाना गलत है. पहले भी पोस्टल बैलेट की गिनती निष्पक्ष रूप से हुई है और आगे भी होगी. इस तरह का तथ्यहीन आरोप लगाना ठीक नहीं है. चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाना लोकतंत्र के लिए घातक है."- विनोद शर्मा, प्रवक्ता, भाजपा

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवासन ने कहा है कि सुबह 8:00 बजे से पोस्टल बैलट की गिनती शुरू होगी. सबसे पहले पोस्टल बैलट की गणना का काम पूरा किया जाएगा. राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी वहां मौजूद रहेंगे. दो पोस्टल बैलट टेबल कुशेश्वरस्थान और 5 पोस्टल बैलट टेबल तारापुर में बनाए गए हैं. गिनती पूरी होने के साथ ही राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को जानकारी दे दी जाएगी.

"नियम के मुताबिक पोस्टल बैलट की गिनती पहले होनी चाहिए. चुनाव आयोग ने ऐसा करने का निर्णय भी लिया है. इस बार पोस्टल बैलट को लेकर आयोग की तत्परता भी दिख रही है."- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

यह भी पढ़ें- 'सरकार गिराने की बात कहने से नहीं होगा कुछ, 16 सालों से चल रही नीतीश सरकार आगे भी चलेगी'

पटना: बिहार में 2 सीटों पर उपचुनाव (Bihar BY-Election) हो चुके हैं. मतगणना (Bihar BY-Election Counting) को लेकर तमाम तरह की तैयारियां की जा रही हैं. पोस्टल बैलट को लेकर पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान विवाद हुआ था. इस बार विवाद नहीं हो इसके लिए चुनाव आयोग ने पारदर्शिता बरतने का निर्णय लिया है.

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चुनाव संपन्न होने के बाद सबकी नजर 2 नवंबर को होने वाली मतगणना पर है. राजनीतिक दल मतगणना को लेकर आशंकित हैं. राजद के नेता पोस्टल बैलट को लेकर सवाल उठा रहे हैं और पोस्टल बैलट की गिनती को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं. बता दें कि विधानसभा चुनाव 2020 में पोस्टल बैलट की गिनती में देर हुई थी, जिसे लेकर विवाद हुआ था. विपक्ष ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया था. इस बार सबसे पहले पोस्टल बैलट की गिनती होगी.

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"पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान पोस्टल बैलट की गिनती में बड़े पैमाने पर अनियमितता हुई थी. गड़बड़ियों की वजह से लोकतंत्र शर्मसार हुआ था. हम चाहते हैं कि इस बार वैसी स्थिति नहीं हो. चुनाव आयोग निष्पक्ष तरीके से गिनती कराए."- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, राजद

"चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है. वहां किसी तरह का पक्षपात नहीं होता. चुनाव आयोग पर सवाल उठाना गलत है. पहले भी पोस्टल बैलेट की गिनती निष्पक्ष रूप से हुई है और आगे भी होगी. इस तरह का तथ्यहीन आरोप लगाना ठीक नहीं है. चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाना लोकतंत्र के लिए घातक है."- विनोद शर्मा, प्रवक्ता, भाजपा

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवासन ने कहा है कि सुबह 8:00 बजे से पोस्टल बैलट की गिनती शुरू होगी. सबसे पहले पोस्टल बैलट की गणना का काम पूरा किया जाएगा. राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी वहां मौजूद रहेंगे. दो पोस्टल बैलट टेबल कुशेश्वरस्थान और 5 पोस्टल बैलट टेबल तारापुर में बनाए गए हैं. गिनती पूरी होने के साथ ही राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को जानकारी दे दी जाएगी.

"नियम के मुताबिक पोस्टल बैलट की गिनती पहले होनी चाहिए. चुनाव आयोग ने ऐसा करने का निर्णय भी लिया है. इस बार पोस्टल बैलट को लेकर आयोग की तत्परता भी दिख रही है."- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

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