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BJP-JDU में सियासी 'पटका-पटकी' जारी, कद 'नापा-नापी' से बात 'आचरण' तक आयी

बिहार में जेडीयू और बीजेपी के बीच छिड़ा घमासान दिलचस्प होता जा रहा है. जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा ( JDU Spokesperson Abhishek Jha ) ने सोशल मीडिया पर बिहार बीजेपी संजय जायसवाल की जमकर फजीहत की है और पार्टी के आचरण तक पहुंच गए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

political fight between bjp and jdu
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Published : Jan 14, 2022, 10:42 PM IST

पटना: बिहार के दोनों सत्ताधारी दल BJP-JDU आमने-सामने हैं. दोनों ही पार्टियां फ्रंट फुट पर बैटिंग कर रही है. समझ में नहीं आ रहा है कि गेंदबाज कौन है, जो दोनों को खेला रहा है. लेकिन परदे के पीछे कोई तो है, जो दोनों से कह रहा है आगे बढ़ो और चौके-छक्के लगाओ. यही कारण है कि दोनों पार्टियां एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए कोई भी मौका छोड़ नहीं रही है.

दरअसल, 12 जनवरी को जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा सोशल मीडिया पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष को टैग कर कुछ सवाल पूछे थे. जेडीयू प्रवक्ता के बयान पर संजय जायसवाल ( Bihar BJP President Sanjay Jaiswal ) भड़क गए और उन्होंने सोशल मीडिया पर लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखकर सीएम नीतीश को भी लपेट लिया. अभिषेक झा ने ट्वीट कर लिखा था "बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष @sanjayjaiswalMP जी, आप आत्मचिंतन कीजिए और अपने गिरेबान में झांक कर देखिए कि बीते एक वर्ष में आपने एनडीए गठबंधन के खिलाफ कितने बयान दिए हैं?

ये भी पढ़ें- जोर तो है लेकिन जोड़ नहीं.. फिर Regional से National पार्टी कैसे बनेगी JDU?

इसके बाद अभिषेक झा लिखते हैं कि "यदि स्मरण ना हो तो सभी बयानों का संकलन करके आपको भेज सकता हूं. शराबबंदी सरकार की नीति रही है लेकिन जहरीली शराब पीने से आपके लोकसभा क्षेत्र में जब कुछ लोगों की मृत्यु हुई थी, आप संवेदना व्यक्त करने और सांत्वना स्वरूप पैसे बांटने गए थे. एनडीए सरकार की नीति के हिसाब से आपका यह आचरण सही था या गलत?

जेडीयू प्रवक्ता के इस ट्वीट पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष भड़क गए. संजय जायसवाल ने फेसबुक पर लिखा कि 'मेरी प्रवृत्ति नहीं है कि मैं अपने ऊपर किए गए व्यक्तिगत आरोपों का जवाब दूं. आज मुझे पता चला कि जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा जी मेरे लोकसभा क्षेत्र में जहरीली शराब के कारण हुए मृत्यु में, मेरे जाने पर मुझसे जवाब मांग रहे हैं. जदयू के प्रवक्ता का मुझसे सवाल करना बताता है कि यह सवाल जदयू के द्वारा है क्योंकि प्रवक्ता दल की बातें रखता है, अपनी व्यक्तिगत नहीं.'

ये भी पढ़ें- BJP के 'संजय' ने CM नीतीश को बतायी शराबबंदी की हकीकत, बोले- मीडिया की दुनिया से बाहर आइये.. समझ में आ जाएगी

संजय जायसवाल के पोस्ट पर अभिषेक झा ने जवाब दिया. जेडीयू प्रवक्ता ने लिखा- माननीय संजय जायसवाल जी, आपके लंबे प्रवचन का जवाब देने का कोई अर्थ नहीं है. 12 जनवरी को आपने एक बयान जारी किया था. उस दिन आपने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को कमजोर करने वाली बात कही थी. आज भी आपने एक बयान जारी किया है। दोनों बयानों में इतना विरोधाभास है कि यही आपका राजनीतिक आचरण उजागर करता है.

आपने जदयू प्रवक्ता से जदयू पार्टी को जोड़ने की बात कही. बिहार प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के रूप में जो भी आप बोलते हैं या जो आपका राजनीतिक आचरण है वही पूरी पार्टी का आचरण है ना?

शराबबंदी की नीति के खिलाफ या सरकार के खिलाफ आपने जो भी बातें कहीं हैं वह पार्टी का बयान है ना? राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बात हो या पार्टी की बात, हर आदमी स्वतंत्र है. आपके बयान से साफ मालूम चल रहा है कि आप अपने द्वारा दिए गए दो विरोधाभासी बयानों पर सफाई देने की कोशिश कर रहे हैं. आप दया प्रकाश सिन्हा जैसे व्यक्ति के पद्मश्री एवं अन्य पुरस्कार वापसी की मांग का समर्थन करते हैं या नहीं? स्पष्ट करने की कृपा करें.

ये भी पढ़ें- अशोक पर दिए बयान से घिरे लेखक दया प्रकाश सिन्हा की सफाई- 'नहीं की औरंगजेब से तुलना, बेवजह घसीटा जा रहा'

इससे पहले बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने ट्वीट कर बिना नाम लिए सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला था. निखिल आनंद ने ट्वीट किया था- 'दूसरों के कंधे पर बैठकर राजनीति में खुद को ऊंचा देखने वाले अपना कद नाप लें, अपने गिरेबान में झांकें. भारत के अधिकतर क्षेत्रीय दल परिवार-जाति आधारित है या निजी पॉकेट की दुकान हैं, जिनको राष्ट्र की अस्मिता-गौरव से मतलब नहीं है. देश की जनता को जागरूक होने की जरूरत है.

  • कोई नेता जब क्षेत्रीय दल को छोड़ राष्ट्रीय दल में चला जाता है तो वो खुद को भी राष्ट्रिय नेता मानने लगता है।
    जबकि नेता दल के आकार से नही बल्कि व्यक्तित्व से बनता है।
    कर्म अच्छे होंगे तो लोग आपको महत्व देंगे वरना जनता मालिक है और ये मालिक धूल चटाने में भी वक्त नही लगाती। https://t.co/WoLrCbblRw

    — Nikhil Mandal (@nikhilmandalJDU) January 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

निखिल आनंद के ट्वीट का जवाब जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने दिया. निखिल मंडल ने लिखा कि 'कोई नेता जब क्षेत्रीय दल को छोड़ राष्ट्रीय दल में चला जाता है तो वो खुद को भी राष्ट्रीय नेता मानने लगता है. जबकि नेता दल के आकार से नहीं बल्कि व्यक्तित्व से बनता है. कर्म अच्छे होंगे तो लोग आपको महत्व देंगे वरना जनता मालिक है और ये मालिक धूल चटाने में भी वक्त नहीं लगाती.

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पटना: बिहार के दोनों सत्ताधारी दल BJP-JDU आमने-सामने हैं. दोनों ही पार्टियां फ्रंट फुट पर बैटिंग कर रही है. समझ में नहीं आ रहा है कि गेंदबाज कौन है, जो दोनों को खेला रहा है. लेकिन परदे के पीछे कोई तो है, जो दोनों से कह रहा है आगे बढ़ो और चौके-छक्के लगाओ. यही कारण है कि दोनों पार्टियां एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए कोई भी मौका छोड़ नहीं रही है.

दरअसल, 12 जनवरी को जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा सोशल मीडिया पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष को टैग कर कुछ सवाल पूछे थे. जेडीयू प्रवक्ता के बयान पर संजय जायसवाल ( Bihar BJP President Sanjay Jaiswal ) भड़क गए और उन्होंने सोशल मीडिया पर लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखकर सीएम नीतीश को भी लपेट लिया. अभिषेक झा ने ट्वीट कर लिखा था "बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष @sanjayjaiswalMP जी, आप आत्मचिंतन कीजिए और अपने गिरेबान में झांक कर देखिए कि बीते एक वर्ष में आपने एनडीए गठबंधन के खिलाफ कितने बयान दिए हैं?

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इसके बाद अभिषेक झा लिखते हैं कि "यदि स्मरण ना हो तो सभी बयानों का संकलन करके आपको भेज सकता हूं. शराबबंदी सरकार की नीति रही है लेकिन जहरीली शराब पीने से आपके लोकसभा क्षेत्र में जब कुछ लोगों की मृत्यु हुई थी, आप संवेदना व्यक्त करने और सांत्वना स्वरूप पैसे बांटने गए थे. एनडीए सरकार की नीति के हिसाब से आपका यह आचरण सही था या गलत?

जेडीयू प्रवक्ता के इस ट्वीट पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष भड़क गए. संजय जायसवाल ने फेसबुक पर लिखा कि 'मेरी प्रवृत्ति नहीं है कि मैं अपने ऊपर किए गए व्यक्तिगत आरोपों का जवाब दूं. आज मुझे पता चला कि जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा जी मेरे लोकसभा क्षेत्र में जहरीली शराब के कारण हुए मृत्यु में, मेरे जाने पर मुझसे जवाब मांग रहे हैं. जदयू के प्रवक्ता का मुझसे सवाल करना बताता है कि यह सवाल जदयू के द्वारा है क्योंकि प्रवक्ता दल की बातें रखता है, अपनी व्यक्तिगत नहीं.'

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संजय जायसवाल के पोस्ट पर अभिषेक झा ने जवाब दिया. जेडीयू प्रवक्ता ने लिखा- माननीय संजय जायसवाल जी, आपके लंबे प्रवचन का जवाब देने का कोई अर्थ नहीं है. 12 जनवरी को आपने एक बयान जारी किया था. उस दिन आपने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को कमजोर करने वाली बात कही थी. आज भी आपने एक बयान जारी किया है। दोनों बयानों में इतना विरोधाभास है कि यही आपका राजनीतिक आचरण उजागर करता है.

आपने जदयू प्रवक्ता से जदयू पार्टी को जोड़ने की बात कही. बिहार प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के रूप में जो भी आप बोलते हैं या जो आपका राजनीतिक आचरण है वही पूरी पार्टी का आचरण है ना?

शराबबंदी की नीति के खिलाफ या सरकार के खिलाफ आपने जो भी बातें कहीं हैं वह पार्टी का बयान है ना? राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बात हो या पार्टी की बात, हर आदमी स्वतंत्र है. आपके बयान से साफ मालूम चल रहा है कि आप अपने द्वारा दिए गए दो विरोधाभासी बयानों पर सफाई देने की कोशिश कर रहे हैं. आप दया प्रकाश सिन्हा जैसे व्यक्ति के पद्मश्री एवं अन्य पुरस्कार वापसी की मांग का समर्थन करते हैं या नहीं? स्पष्ट करने की कृपा करें.

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इससे पहले बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने ट्वीट कर बिना नाम लिए सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला था. निखिल आनंद ने ट्वीट किया था- 'दूसरों के कंधे पर बैठकर राजनीति में खुद को ऊंचा देखने वाले अपना कद नाप लें, अपने गिरेबान में झांकें. भारत के अधिकतर क्षेत्रीय दल परिवार-जाति आधारित है या निजी पॉकेट की दुकान हैं, जिनको राष्ट्र की अस्मिता-गौरव से मतलब नहीं है. देश की जनता को जागरूक होने की जरूरत है.

  • कोई नेता जब क्षेत्रीय दल को छोड़ राष्ट्रीय दल में चला जाता है तो वो खुद को भी राष्ट्रिय नेता मानने लगता है।
    जबकि नेता दल के आकार से नही बल्कि व्यक्तित्व से बनता है।
    कर्म अच्छे होंगे तो लोग आपको महत्व देंगे वरना जनता मालिक है और ये मालिक धूल चटाने में भी वक्त नही लगाती। https://t.co/WoLrCbblRw

    — Nikhil Mandal (@nikhilmandalJDU) January 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

निखिल आनंद के ट्वीट का जवाब जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने दिया. निखिल मंडल ने लिखा कि 'कोई नेता जब क्षेत्रीय दल को छोड़ राष्ट्रीय दल में चला जाता है तो वो खुद को भी राष्ट्रीय नेता मानने लगता है. जबकि नेता दल के आकार से नहीं बल्कि व्यक्तित्व से बनता है. कर्म अच्छे होंगे तो लोग आपको महत्व देंगे वरना जनता मालिक है और ये मालिक धूल चटाने में भी वक्त नहीं लगाती.

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