पटना: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले इस बाबत सर्वसम्मत प्रस्ताव केंद्र को भेजा जा चुका है. पीएम मोदी ने बिहार के लिए स्पेशल पैकेज की घोषणा की और स्पेशल पैकेज पर जमकर सियासत हुई. एक बार फिर कोरोना पैकेज ने बिहार की सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है.
कोरोना के मकड़जाल में बिहार की अर्थव्यवस्था
बिहार में शराबबंदी लागू है और सरकार को हर साल 5,000 करोड़ का नुकसान होता है. बिहार के नेता लगातार स्पेशल स्टेटस की मांग करते रहे हैं. नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के लोग स्पेशल स्टेटस को लेकर मुहिम भी चला चुके हैं. इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार को स्पेशल पैकेज दिया था. पीएम का पैकेज सियासी हथकंडा बन गया और विपक्ष आज तक पीएम पैकेज को जुमला साबित करने में जुटा है. इसके बाद अब कोरोना पैकेज को लेकर बिहार में एक बार फिर सियासी संग्राम छिड़ गया है.
जीएसटी में भी बिहार को हुआ नुकसान
कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की है. पीएम के घोषणा पर बिहार में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. मुख्य विपक्षी दल राजद ने कोरोना पैकेज को छलावा करार दिया है. वहीं, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा है कि एक बार फिर यह जुमला साबित होने वाला है. इस पैकेज में ना गरीबों की कोई चर्चा है ना बेरोजगारी को लेकर कुछ कहा गया है.
'महागठबंधन भ्रष्टाचारियों की जमात'
भाजपा नेता और बिहार सरकार के मंत्री विजय सिन्हा ने महागठबंधन को आड़े हाथों लिया है. विजय सिन्हा ने कहा है कि महागठबंधन भ्रष्टाचारियों की जमात है. संकट काल में जिस तरीके से पीएम मोदी ने देश को पटरी पर लाने की कोशिश की है, उसका स्वागत किया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री के विजन से हम चीन को भी पीछे छोड़ सकते हैं.
सरकार की घोषणाएं दूरगामी- अर्थशास्त्री
वहीं, अर्थशास्त्री डीएम दिवाकर का कहना है कि सरकार ने जो कुछ घोषणाएं की हैं वह दूरगामी हैं. उसके परिणाम भविष्य में देखने को मिलेंगे. लेकिन, कोरोणा संकट काल में जरूरत इस बात की थी कि सरकार फौरी राहत के लिए कुछ कदम उठाए. डीएम दिवाकर ने कहा कि 8 करोड़ मजदूरों के लिए सरकार के पास कोई एक्शन प्लान नहीं है. डीएम दिवाकर ने कहा कि अभी रिवाइवल का सवाल नहीं है, अभी सर्वाइवल पर बात होना चाहिए.