पटना: मोकामा शेल्टर होम से फरार सातवीं लड़की को भी पुलिस ने बरामद कर लिया. लड़की ने अपने पिता को फोन किया और पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लग गई. मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी ने लड़की के परिवार वालों पर नजर रखनी शुरू कर दी थी. जिससे टीम को सफलता मिली.
मोकामा से भाग कर गयीं दरभंगा
बताया जा रहा है कि मोकामा से भागने के बाद सातों लड़कियां दरभंगा गई थी. रास्ते में ही सातवीं लड़की का एक दूसरी लड़की से झगड़ा हो गया और उसने दरभंगा जाने से इंकार कर दिया. सभी 6 लड़कियां दरभंगा स्टेशन पर उतर गईं थी लेकिन सातवीं लड़की ट्रेन पर बैठे बैठे जयनगर पहुंच गई.
फोन कॉल से मिला लोकेशन
जयनगर पहुंचने के बाद आस पास के इलाकों में रहने वाले लोगों से उसने रहने की जगह मांगी. जहां तीन लड़कों ने उसे रहने की जगह दे दी और लड़की वहीं पर रहने लगी. लड़की के कॉल से लोकेशन मिलते ही पुलिस ने जयनगर में छापामारी की और लड़की को बरामद कर लिया. उसके साथ ही तीन लड़कों को भी हिरासत में लिया गया.
जय नगर के ही रहने वाले हैं तीनों लड़के
सातवीं लड़की के साथ हिरासत में लिए गए तीनों युवक जयनगर के ही रहने वाले हैं. हालांकि इस प्रकरण में उनका कोई दोष अबतक सामने नहीं आया है. लड़की ने भी तीनों युवकों के ऊपर कोई आरोप नहीं लगाया है.लेकिन पुलिस ने फिलहाल लड़कों को क्लीन चिट भी नहीं दी है, और जांच जारी है.
पुलिस की सक्रियता से आलोचकों को भी मिला जवाब
मोकामा शेल्टर होम से सात लड़कियों के फरार होने के बाद पुलिस पर भी सवाल उठाए जा रहे थे. महिला आईपीएस अधिकारी लिपि सिंह के नेतृत्व में गठित टीम के हाथों एक सुराग लगा और उसके बाद लड़की को पुलिस ने बरामद कर लिया. इससे आलोचकों को भी जवाब मिला.
23 फरवरी को भागी थी 7 लड़कियां
मोकामा नाजरेथ अस्पताल स्थित बालिका सुधार गृह से 7 लड़कियां विगत 23 फरवरी को फरार हो गई थी. 23 फरवरी की देर रात फरार हुई लड़कियां 24 फरवरी की शाम को बरामद हुई. 6 लड़कियों की बरामदगी दरभंगा जिला के सकतपुर थाना अंतर्गत गंगौली से हुई. फिलहाल सभी लड़कियों को पटना के एक शेल्टर होम में रखा गया है और पूछताछ चल रही है.
लड़की बोली शेल्टर होम में नहीं रहना
मोकामा शेल्टर होम से फरार हुई जिस सातवीं लड़की को बरामद किया गया है, वह शेल्टर होम में रहना ही नहीं चाह रही है. फिलहाल इस मुद्दे पर फैसला करना प्रशासन के लिए बड़ी समस्या है. मुजफ्फरपुर से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है. सात में चार लड़कियां मुजफ्फरपुर मामले से जुड़ी हैं. इनमें से दो लड़कियां पीड़िता हैं और दो गवाह.