पटना: बिहार में मद्य निषेध विभाग को बड़ी सफलता मिली है. उत्तर प्रदेश के मूल निवासी उज्जवल कुमार पांडे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया (Police Arrested Liquor Mafia In Bhabua) है. मिली जानकारी के अनुसार मद्य निषेध इकाई, बिहार पटना की विशेष टीम ने मोहनिया भभुआ थाना कांड संख्या 123/ 22 के तहत आज मोहनिया टोल प्लाजा NH2 से उसे गिरफ्तार किया गया है. दरअसल शराबबंदी कानून लागू होने के उपरांत इसने बिहार के अवैध शराब कारोबारियों के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश से वाहनों के बड़े पैमाने पर बिहार के विभिन्न जिलों में अवैध शराब की खेप शराब कारोबारियों को भेज रहा था.
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शराब माफिया गिरफ्तार : शराब माफिया उज्जवल कुमार पांडे के खिलाफ दर्ज कांड में न्यायालय से इसके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट निर्गत था. इसे बाद मद्य निषेध इकाई की टीम के द्वारा इसके गिरफ्तारी के लिए प्रयास और सूचना संकलित की जा रही थी. इसी क्रम में मद्य निषेध विभाग को गुप्त सूचना के आधार पर टोल प्लाजा से गिरफ्तारी किया गया है. शराब कारोबारी उज्जवल कुमार पांडे की गिरफ्तारी से बिहार राज्य में प्रतिबंधित शराब का अवैध ढंग से भेजने वाले शराब कारोबारियों एवं आपूर्तिकर्ताओं पर व्यापक प्रभाव पड़ने की संभावना है.
अपराधी के खिलाफ जारी किया गया था वारंट : गिरफ्तार उज्जवल कुमार पांडे से मद्य निषेध इकाई के द्वारा पूछताछ की जा रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि पूछताछ से बिहार के अवैध शराब कारोबारियों का पर्दाफाश इसके द्वारा किया जाएगा. इस साल में अब तक राज्य के बाहर संचालित शराब माफियाओं की गिरफ्तारी की गई है. बता दें कि बिहार में 2016 से ही शराबबंदी कानून लागू है. लेकिन इसे लागू किए जाने के बाद भी परिणाम शून्य है.
2016 से शराबबंदी कानून लागू, नतीजा शून्य: हालांकि, शराबबंदी कानून (Prohibition Law In Bihar) को लेकर लगातार हो रही फजीहत से बचने के लिए बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक 2022 (Prohibition Law Amendment Bill 2022) को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद कानून संबंधी कई नियम बदल गए. नए कानून के तहत पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर 2 से 5 हजार रुपये के बीच जुर्माना देना होगा. अगर कोई जुर्माना नहीं देता है तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है. बता दें कि पहले जुर्माना 50 हजार था.