पटना: बिहार की राजधानी पटना में इन दिनों प्राणिक हीलिंग का काॅन्सेप्ट काफी लोकप्रिय हो रहा है. यह पद्धति लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है, क्योंकि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बिना किसी मेडिकेशन (people recovering without medicine in patna) के ही इस पद्धति से ठीक किया जाता है. पटना की प्रख्यात प्राणिक हीलर सुधा सिंह बताती हैं कि इस पद्धति में शरीर को बिना टच किए और बिना किसी दवाई की मदद से लोगों को स्वस्थ किया जाता है.
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दूसरे शहरों में भी खुल रहे हैं सेंटरः सुधा सिंह ने बताया कि फिलिपिनो मास्टर चोवा कोक सुई ने इस काॅन्सेप्ट को लाया है. इस काॅन्सेप्ट को 120 देशों में फॉलो किया जा रहा है और भारत में भी कई जगहों पर इस काॅन्सेप्ट को फॉलो किया जा रहा है. बिहार में साल 2018 में उन्होंने पटना में इसे शुरू किया, लेकिन उसके बाद कोरोना के कारण इसका प्रचार-प्रसार अधिक नहीं हो पाया. अब कोरोना के बाद यह बिहार में काफी लोकप्रिय होने लगा है. पटना में भी कुछ जगहों पर प्राणिक हीलिंग सेंटर खुले हैं. इसके अलावा गया में भी इसके सेंटर खुल गए हैं.
शरीर के चक्रों पर काम करता है प्राणिक हीलिंगः प्राणिक हीलिंग कॉन्सेप्ट पर बात करते हुए सुधा सिंह ने कहा कि हमारा एक फिजिकल बॉडी है और उसके चारों तरफ एक एनर्जी बॉडी है. फिजिकल बॉडी को स्थूल शरीर कहेंगे और एनर्जी बॉडी को अस्थूल शरीर कहेंगे. उन्होंने बताया कि फिजिकल बॉडी और एनर्जी बॉडी के प्रॉपर फंक्शन के लिए शरीर में चक्र बने हुए हैं और इसी चक्र पर प्राणिक हीलिंग कॉन्सेप्ट काम करता है.
यह है प्रक्रियाः सुधा सिंह ने कहा कि वो समझती है कि हर परिवार में एक सदस्य को प्राणिक हीलिंग जानना चाहिए. वह बताती हैं कि वह हर प्रकार की समस्याओं को इस पद्धति के माध्यम से ठीक करते हैं. चाहे वह फाइनेंशियल प्रॉब्लम ही क्यों ना हो, इस पद्धति में मेडिटेशन पर विशेष ध्यान दिया जाता है. प्राणिक हीलिंग करते समय एक कटोरी में पानी भरकर उसमें नमक डालकर रखा जाता है. इसमें हीलर सभी नेगेटिव एनर्जी को डालते हैं. उन्होंने कहा कि इस पद्धति के माध्यम से शरीर के जो चक्र है उसे एक्टिवेट किया जाता है और इसे एक्टिवेट करने के लिए मेडिटेशन बहुत जरूरी है.
शरीरिक व मानसिक समस्याएं होती है दूरः सुधा सिंह ने बताया कि, सात चक्र के बारे में सब कुछ जानते हैं, लेकिन प्राणिक हीलिंग कॉन्सेप्ट में 11 चक्र को डिस्क्राइब किया गया है. इसमें हीलिंग टेक्निक सिखाए जाते हैं, जिसमें फिजिकल बॉडी का कोई प्रॉब्लम हो जैसे कि शरीर में कहीं दर्द और अन्य परेशानी तो उसे भी ठीक किया जाता है. वहीं मेंटल बॉडी का कोई प्रॉब्लम जैसे डिप्रेशन, तनाव और अन्य समस्या हो उसे भी ठीक किया जाता है. नेगेटिव थॉट, क्रोध, गुस्सा जैसे विचारों को शरीर से दूर किया जाता है.
इसे वाइट-मैजिक भी कहते हैंः सुधा सिंह कहती हैं कि, यह एक तरह से वाइट-मैजिक यानी कि सफेद जादू है जिसमें शरीर और मन के पॉजिटिव एनर्जी को एक्टिवेट किया जाता है और नेगेटिव एनर्जी को डीएक्टिवेट किया जाता है. उन्होंने कहा कि प्राणिक हीलिंग self-healing भी होता है. यदि कोई इस पद्धति को जानता है तो खुद से खुद को हील कर सकता है.
दूर बैठकर भी हो सकता है उपचारः उन्होंने बताया कि जो लोग अच्छे तरीके से प्राणिक हीलिंग जानते है वह डिस्टेंस हीलिंग भी कर सकते हैं, जैसे कि कोई व्यक्ति दिल्ली मुंबई या बाहर अमेरिका में है तो उसे बिहार से बैठे-बैठे ठीक किया जा सकता है. इसमें किसी दवाइयों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है. लोग दवाइयों के इस्तेमाल से थक हार कर इस पद्धति के प्रति आकर्षित हो रहे हैं और उन्हें इसका लाभ भी मिल रहा है.
काफी लोग ले रहे हैं रुचि: प्राणिक हीलर सुधा सिंह बताती हैं कि यह शरीर के हर प्रकार के विकार में फायदेमंद है. चाहे पेट दर्द हो बुखार हो या फिर अन्य कोई समस्या सभी में यह कारगर है. काफी संख्या में लोग अब इसे सीखने में भी दिलचस्पी ले रहे हैं और उनके सेंटर पर भी प्रतिदिन काफी संख्या में लोग सीखने आते हैं. अब तक वह 150 से अधिक लोगों ने प्राणिक हीलिंग के कॉन्सेप्ट को स्वीकार कर लिया है.
बच्चों के लिए फायदेमंदः सुधा सिंह बताती हैं कि इस पद्धति में बच्चों को ट्विन हार्ट्ज मेडिटेशन सिखाया जाता है. इससे उनका इनट्यूशन पावर बढ़ता है. इससे बच्चों का फोकस और मेमोरी बढ़ता है. बच्चों का व्यक्तित्व बहुत मजबूत हो जाता है. बच्चों को सुपर ब्रेन योगा भी सिखाया जाता है. इसमें बच्चों के दिमाग हाईली एक्टिव हो जाते हैं जो उन्हें कुछ नया सीखने और समझने में काफी मदद करते हैं. ट्विन हार्ट्ज मेडिटेशन फिजिकल बॉडी, एनर्जी बॉडी और शरीर के चक्र को मेंटेन करता है.
जीने की एक कला है प्राणिक हीलिंगः उन्होंने कहा कि प्राणिक हीलिंग जानना जीने की एक कला है. इन दिनों लोगों में इस पद्धति को लेकर काफी क्रेज बढ़ रहा है. क्योंकि, जो लोग प्राणिक हीलिंग सीख कर गए हैं और हीलिंग का काम कर रहे हैं, उससे समाज के लोग काफी लाभान्वित हो रहे हैं. अन्य लोग भी इस पद्धति को जानने और सीखने के लिए प्रेरित हो रहे हैं.