पटनाः गंगा के साथ-साथ पुनपुन और दरधा (Punpun and Dardha River) जैसी नदियां भी कहर बरपा रही हैं. पुनपुन प्रखंड के दर्जनों पंचायत जलमग्न हो चुके हैं. कई गांवों का संपर्क शहर से टूट गया है. पुनपुन के उड़ान टोला महादलित बस्ती की स्थिति चिंताजनक है. कई दिनों से लोग बाढ़ से घिरे हुए हैं, लेकिन अब तक उन्हें प्रशासनिक मदद नहीं दी गई है.
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उड़ान टोला वैसे भी काफी अतिपिछड़ा है, लेकिन बाढ़ आने के बाद वहां के लोगों की स्थिति और गंभीर हो गई है. ग्रामीणों ने बिलखते हुए कहा कि उनका तो घर भी ढह गया है, लेकिन कोई देखने तक नहीं आया है. क्या दवाई और क्या अन्य सुविधाएं, यहां तो लोग दाने-दाने को तरस रहे हैं.
उड़ान टोला, फहीम चक, मुस्तफापुर और सहपुआ, इन गांवों के नाम तो अलग जरूर हैं, लेकिन बाढ़ के बीच वहां रहने वाले लोगों की समस्याएं एकदम एक जैसी ही हैं. हजारों की आबादी वाले इस इलाके में आवागमन के लिए दो ही नाव मुहैया करवाई गई है. जिससे लोगों को काफी असुविधा हो रही है.
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बाढ़ की त्रासदी के बीच ये गांव पूरी तरह से टापू बन गए हैं. चारों तरफ पानी है और लोग बीच में घिरे हुए हैं. आंखें सरकार की ओर टकटकी लगाए हुए है, कि शायद कोई आए और कुछ राहत दे जाए.
हालांकि, इन इलाकों में लोगों की समस्याओं को देखते हुए ईटीवी भारत संवाददाता ने पुनपुन अंचलाधिकारी इंद्राणी कुमारी से फोन पर बात की. सीओ ने कहा कि बाढ़ के बीच लोगों को राहत देने के लिए जगह-जगह सामुदायिक किचन की व्यवस्था की जा रही है. हमारी कोशिश है कि इस आपदा के बीच हर एक नागरिक को मदद मिल सके.