पटनाः एक मामले की सुनवाई के दौरान पटना हाईकोर्ट ( Patna High Court ) द्वारा पूछे गए प्रश्न का राज्य सरकार अधिवक्ता द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिए जाने पर राज्य सरकार के किसी जिम्मेदार अधिकारी को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने का आदेश दिया है. जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ ने ये आदेश कमल किशोर प्रसाद की अपील पर सुनवाई करने के बाद दी.
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दरअसल, कोर्ट ने पूर्व में पारित किये गए अदालती आदेश के संबंध में राज्य सरकार का पक्ष रख रहे अधिवक्ता से सवाल किया था. कोर्ट ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को वैसे अधिकारी को अगली सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया, जो उपसचिव से नीचे के रैंक के न हों.
अपीलार्थी के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में विगत 12 अक्टूबर, 2017 को पटना हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की खंडपीठ ने राज्य के हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के निदेशक को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था.
कोर्ट ने बीआर आंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी ( BR Ambedkar Bihar University ) के 14 फिजिकल ट्रेनिंग इन्स्ट्रक्टर को वाइस चांसलर द्वारा 8000 रुपये से 13,500 रुपये वाला पे स्केल दिए जाने के संबंध में जवाब देने का निर्देश दिया. साथ ही वाइस चांसलर द्वारा की गई कार्रवाई का राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित किये जाने व रिट याचिका में रिट कोर्ट द्वारा पारित किये गए आदेश के आलोक में राज्य सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के संबंध में जवाब देने का निर्देश दिया था.
साथ ही राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में फिजिकल ट्रेनिंग इन्स्ट्रक्टर का निर्धारित पे स्केल ( Pay Scale of Physical Training Instructor ) को लेकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था. इस मामले में आगे की सुनवाई आगामी 13 जनवरी, 2022 को की जाएगी.
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