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COVID: पटना हाईकोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, मानवाधिकार आयोग को दी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

पटना हाईकोर्ट ने बिहार के कोविड अस्पतालों के निरीक्षण कर रिपोर्ट देने का आदेश एम्स के डायरेक्टर और मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को दिया है. कोर्ट ने इस दो सदस्यीय कमेटी को मंगलवार को एनएमसीएच का दौरा कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है.

पटना हाईकोर्ट
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Published : Apr 20, 2021, 9:25 AM IST

Updated : Apr 20, 2021, 10:34 AM IST

पटनाः बिहार में कोरोना के कारण बिगड़ते हालात को लेकर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है. कोरोना महामारी के निपटने के लिए ठोस कार्य योजना पेश नहीं किए जाने पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई. साथ ही, मानवाधिकार आयोग को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है.

इसे भी पढ़ेंः Bihar Corona Update: बिहार में पीक पर कोरोना, मौत के आंकड़ों ने तोड़े सारे रिकॉर्ड

जनहित याचिकाओं पर हुई सुनवाई
जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ ने कोरोना और राज्य के हालात संबंधी जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सरकार की ढिलाई को काफी गंभीरता से लिया. कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि इस बीमारी के लिए रेडेमसिविर इंजेक्शन कितना उपयोगी है. कोर्ट ने राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और एआईआईएमएस के डायरेक्टर को एनएमसीएच के हालात का जायजा लेने की जिम्मेदारी सौंपी है. साथ ही रिपोर्ट देने के लिए कहा है.

इसे भी पढ़ेंः 'बिहार में 5 सिलेंडर के साथ पांच बाउंसर, समझें हालत कितने संगीन हैं'

21 अप्रैल को अगली सुनवाई
खंडपीठ ने कोविड के इलाज कर रहे अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं की जांच कर रिपोर्ट तलब किया. इसके बाद कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल, पटना हाईकोर्ट को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया कि किन कारणों से असिस्टेंट रजिस्ट्रार की मौत हुई? कोर्ट ने राज्य सरकार को बेडों की संख्या, ऑक्सीजन सिलिंडर और अन्य मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. ताकि मरीजों का बेहतर ईलाज हो सके. इस मामले पर अगली सुनवाई 21 अप्रैल को फिर होगी.

पटनाः बिहार में कोरोना के कारण बिगड़ते हालात को लेकर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है. कोरोना महामारी के निपटने के लिए ठोस कार्य योजना पेश नहीं किए जाने पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई. साथ ही, मानवाधिकार आयोग को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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जनहित याचिकाओं पर हुई सुनवाई
जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ ने कोरोना और राज्य के हालात संबंधी जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सरकार की ढिलाई को काफी गंभीरता से लिया. कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि इस बीमारी के लिए रेडेमसिविर इंजेक्शन कितना उपयोगी है. कोर्ट ने राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और एआईआईएमएस के डायरेक्टर को एनएमसीएच के हालात का जायजा लेने की जिम्मेदारी सौंपी है. साथ ही रिपोर्ट देने के लिए कहा है.

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21 अप्रैल को अगली सुनवाई
खंडपीठ ने कोविड के इलाज कर रहे अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं की जांच कर रिपोर्ट तलब किया. इसके बाद कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल, पटना हाईकोर्ट को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया कि किन कारणों से असिस्टेंट रजिस्ट्रार की मौत हुई? कोर्ट ने राज्य सरकार को बेडों की संख्या, ऑक्सीजन सिलिंडर और अन्य मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. ताकि मरीजों का बेहतर ईलाज हो सके. इस मामले पर अगली सुनवाई 21 अप्रैल को फिर होगी.

Last Updated : Apr 20, 2021, 10:34 AM IST
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