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पटना-गया-डोभी एनएच निर्माण मामले पर पटना हाई कोर्ट में हुई सुनवाई - ईटीवी बिहार न्यूज

पटना हाई कोर्ट में पटना-गया-डोभी एनएच निर्माण को लेकर सुनवाई हुई. कोर्ट ने निर्माणधीन एनएच के स्थल निरीक्षण करने के लिए तीन अधिवक्ताओं की टीम का गठन किया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Patna High Court
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Published : Jun 23, 2022, 5:36 PM IST

पटना : पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने पटना-गया-डोभी एनएच 83 फोर लेन के मामले में सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ को जनरल मैनेजर, रेलवे ने बताया कि इस एन एच 83 पर सभी पांच आरओबी के निर्माण की सहमति दे दी गई है. सभी आरओबी के निर्माण की कार्रवाई शीघ्रता से होगी. इस मामले में सुनवाई के दौरान पटना गया डोभी एनएच 83 के निर्माण में कई तरह की कठिनाइयां और समस्याएं आ रही हैं.

ये भी पढ़ें - पटना HC में NH पर 50-100 KM की दूरी पर ट्रामा सेंटर बनाये जाने को लेकर PIL दायर

अधिवक्ताओं की टीम का गठन : कोर्ट ने इस निर्माणधीन एनएच के स्थल निरीक्षण करने के लिए तीन अधिवक्ताओं की टीम का गठन किया (Patna High Court Hearing On NH 83 Matter) है. अधिवक्ता प्रिय रंजन, आलोक कुमार राही और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनीष गुप्ता इसमें शामिल हैं. साथ ही पटना और जहानाबाद के डीएम, एसपी भी इस टीम के साथ रहेंगे. अगली सुनवाई में ये टीम कोर्ट को रिपोर्ट देगी. ये जनहित याचिका प्रतिज्ञा नामक संस्था ने दायर की है.

राज्स सरकार कर रही है सहयोग : आज राज्य सरकार ने बताया कि वह एनएच निर्माण में हर तरह का सहयोग कर रही है. कोर्ट को बताया गया कि निर्माण आने वाले सभी समस्यायों के समाधान के लिए राज्य सरकार तत्पर हैं. इस मामले पर अगली सुनवाई 30 जून, 2022 को होगी.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने क्या कहा था : पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार और एनएचएआई को निर्देश दिया था कि एनएच में सभी अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शीघ्र करें. कोर्ट ने सम्बंधित जिला प्रशासन को अतिक्रमण हटाने में सहयोग और पुलिस बल मुहैय्या कराने का निर्देश दिया था. साथ ही बिजली के पोल, पेड़ों की कटाई की कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.

मुआवजा देने की कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश : इससे पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता, एनएचएआई के अधिकारी और एनएच निर्माण करने वाली कंपनी को पटना गया डोभी राजमार्ग का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. इस बारे में कोर्ट में इस कमिटी ने निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत किया था. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में जिला प्रशासन को, जिनका भूमि अधिग्रहण किया गया है, उन्हें मुआवजा देने की कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया था.

पटना : पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने पटना-गया-डोभी एनएच 83 फोर लेन के मामले में सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ को जनरल मैनेजर, रेलवे ने बताया कि इस एन एच 83 पर सभी पांच आरओबी के निर्माण की सहमति दे दी गई है. सभी आरओबी के निर्माण की कार्रवाई शीघ्रता से होगी. इस मामले में सुनवाई के दौरान पटना गया डोभी एनएच 83 के निर्माण में कई तरह की कठिनाइयां और समस्याएं आ रही हैं.

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अधिवक्ताओं की टीम का गठन : कोर्ट ने इस निर्माणधीन एनएच के स्थल निरीक्षण करने के लिए तीन अधिवक्ताओं की टीम का गठन किया (Patna High Court Hearing On NH 83 Matter) है. अधिवक्ता प्रिय रंजन, आलोक कुमार राही और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनीष गुप्ता इसमें शामिल हैं. साथ ही पटना और जहानाबाद के डीएम, एसपी भी इस टीम के साथ रहेंगे. अगली सुनवाई में ये टीम कोर्ट को रिपोर्ट देगी. ये जनहित याचिका प्रतिज्ञा नामक संस्था ने दायर की है.

राज्स सरकार कर रही है सहयोग : आज राज्य सरकार ने बताया कि वह एनएच निर्माण में हर तरह का सहयोग कर रही है. कोर्ट को बताया गया कि निर्माण आने वाले सभी समस्यायों के समाधान के लिए राज्य सरकार तत्पर हैं. इस मामले पर अगली सुनवाई 30 जून, 2022 को होगी.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने क्या कहा था : पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार और एनएचएआई को निर्देश दिया था कि एनएच में सभी अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शीघ्र करें. कोर्ट ने सम्बंधित जिला प्रशासन को अतिक्रमण हटाने में सहयोग और पुलिस बल मुहैय्या कराने का निर्देश दिया था. साथ ही बिजली के पोल, पेड़ों की कटाई की कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.

मुआवजा देने की कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश : इससे पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता, एनएचएआई के अधिकारी और एनएच निर्माण करने वाली कंपनी को पटना गया डोभी राजमार्ग का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. इस बारे में कोर्ट में इस कमिटी ने निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत किया था. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में जिला प्रशासन को, जिनका भूमि अधिग्रहण किया गया है, उन्हें मुआवजा देने की कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया था.

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