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बीएड दाखिले में देरी पर पटना हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, LNMU के कुलपति को किया तलब

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने बिहार के बीएड कॉलेजों में 33 हजार छात्रों के दाखिले में हुई देरी पर अपनी नाराजगी जताते हुए ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी (LNMU) के कुलपति को कोर्ट में तलब किया है.

पटना हाईकोर्ट
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Published : Oct 27, 2021, 10:09 PM IST

पटना: बिहार के बीएड कॉलेजों में 33 हजार छात्रों के दाखिले में हुई देरी पर अपनी नाराजगी जताते हुए पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने नोडल यूनिवर्सिटी के कुलपति को गुरुवार को कोर्ट में तलब किया है. राज्य के विभिन्न निजी और सरकारी बीएड कॉलेजों में 33 हजार छात्रों के दाखिले में काउंसलिंग के तौर तरीके में पारदर्शिता की कमी को लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताई.

ये भी पढ़ें- बिक्रम में मॉडल हाईवे ट्रामा सेंटर शुरू करने की याचिका पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई, प्रबंध निदेशक को नोटिस

जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह ने सत्तार मेमोरियल कॉलेज ऑफ एजुकेशन द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के कुलपति को कोर्ट के समक्ष एक ठोस योजना को लेकर प्रस्तुत होने का निर्देश दिया है. इसके तहत इसी सत्र में 33 हजार सीटों पर दाखिला कानूनन सम्भव हो सके.

याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट को बताया कि सीईटी देने वाले लाखों अभ्यर्थियों में 88 हजार अभ्यर्थी पास किये हैं, फिर भी मात्र 50 प्रतिशत सीट पर ही दाखिला हो सका है. सिर्फ रोल नंबर को आधार मानने की वजह से ही काउंसलिंग की प्रक्रिया में ज्यादा गड़बड़ियां रही है. कोर्ट ने इन सभी शिकायतों को अत्यंत गम्भीरता पूर्वक लेते हुए कुलपति को गुरुवार को तलब किया है. इस मामले पर 28 अक्टूबर 2021 को फिर सुनवाई होगी.

पटना: बिहार के बीएड कॉलेजों में 33 हजार छात्रों के दाखिले में हुई देरी पर अपनी नाराजगी जताते हुए पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने नोडल यूनिवर्सिटी के कुलपति को गुरुवार को कोर्ट में तलब किया है. राज्य के विभिन्न निजी और सरकारी बीएड कॉलेजों में 33 हजार छात्रों के दाखिले में काउंसलिंग के तौर तरीके में पारदर्शिता की कमी को लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताई.

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जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह ने सत्तार मेमोरियल कॉलेज ऑफ एजुकेशन द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के कुलपति को कोर्ट के समक्ष एक ठोस योजना को लेकर प्रस्तुत होने का निर्देश दिया है. इसके तहत इसी सत्र में 33 हजार सीटों पर दाखिला कानूनन सम्भव हो सके.

याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट को बताया कि सीईटी देने वाले लाखों अभ्यर्थियों में 88 हजार अभ्यर्थी पास किये हैं, फिर भी मात्र 50 प्रतिशत सीट पर ही दाखिला हो सका है. सिर्फ रोल नंबर को आधार मानने की वजह से ही काउंसलिंग की प्रक्रिया में ज्यादा गड़बड़ियां रही है. कोर्ट ने इन सभी शिकायतों को अत्यंत गम्भीरता पूर्वक लेते हुए कुलपति को गुरुवार को तलब किया है. इस मामले पर 28 अक्टूबर 2021 को फिर सुनवाई होगी.

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