पटना: पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के नाम पर प्रोविजनल जमानत पर रिहा अभियुक्त के फरार हो जाने के मामले में पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने प्रेम साहनी की याचिका पर सुनवाई (Hearing in absconding of accused released on bail) करते हुए जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने पटना के दो पूर्व एसएसपी गरिमा मलिक व उपेंद्र शर्मा को 2 फरवरी 2022 को कोर्ट में उपस्थित हो कर स्थिति स्पष्ट का निर्देश दिया. गरिमा मलिक सीआईडी (IPS Garima Malik) में डीआईजी के पद पर कार्यरत हैं जबकि उपेंद्र शर्मा डीआईजी (IPS Upendra Sharma) के पद पर कार्य कर रहे हैं.
कोर्ट ने कहा है कि यदि फिजिकल मोड कामकाज शुरू नहीं होता है, तो ये सभी अधिकारी याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी को लेकर उनके द्वारा किये गए प्रयास के संबंध हलफनामा के साथ ऑनलाइन उपस्थित होंगे. पटना के वर्तमान एसएसपी को सिर्फ अगमकुआं थाना के एसएचओ के क्रियाकलापों के विरुद्ध किये गए जांच के संबंध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.
ये भी पढ़ें: RRB-NTPC Protest: रेल ट्रैक पर उतरे हजारों छात्र, नवादा में रेल इंजन में लगाई आग, पूरे बिहार में बवाल
इसके साथ ही एसएसपी पटना को 30 अगस्त, 2020 से पदस्थापित पटना सिटी के एसडीपीओ के सम्बन्ध में भी गौर करने को कहा है कि उनके द्वारा इस मामले में कोई सक्रिय प्रयास किये गए या नहीं. कोर्ट ने इस मामले में पटना के वर्तमान एसएसपी द्वारा किये गए प्रयासों पर संतोष जाहिर किया. कोर्ट द्वारा 10 जनवरी, 2022 को दिये गए आदेश के आलोक में पटना के एसएसपी, पटना सिटी के एसडीपीओ व अगमकुआं थाना के एसएचओ सुनवाई के दौरान वर्चुअल रूप से उपस्थित रहें.
ये भी पढ़ें: 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राज्यपाल और सीएम ने देशवासियों को दी बधाई
जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने प्रेम साहनी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह आदेश को पारित किया है. इस मामले में अगमकुआं के एसएचओ को कारण बताओ भी दाखिल करने को कहा गया था. अगमकुआं एसएचओ को अपने जवाब में यह भी बताने को कहा गया था कि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं. साथ ही यह भी बताने को कहा गया था कि किन परिस्थितियों में याचिकाकर्ता ने अब तक सरेंडर नहीं किया.
याचिकाकर्ता के छोटे भाई विजय सहनी को भी नोटिस जारी किया गया था, जिसके हलफनामा के आधार पर याचिकाकर्ता को प्रोविजनल जमानत दी गई थी. पूर्व में कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगमकुआं के एसएचओ द्वारा दायर शोकॉज पूर्ण रूप से असंतोषजनक है. इसके बाद अगमकुआं थाना के एसएचओ को विगत 25 सितंबर, 2019 को भी कोर्ट में तलब किया गया था. कोर्ट 10 जनवरी, 2022 को आदेश पारित करते हुए पटना पुलिस के व्यवहार पर असंतोष व्यक्त किया था.
ये भी पढ़ें: CM से सुरक्षा की गुहार लगाने वाले स्वर्ण व्यवसायी प्रमोद पोद्दार ने उठाया हथियार, कहा- सरकार से आशा रखना बेकार
कोर्ट के आदेश के बावजूद वे मामले में अदालती आदेश का सम्मान नहीं कर रहे थे. 2 जनवरी, 2022 को योगदान दिये पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों द्वारा किये गए सराहनीय प्रयास की कोर्ट ने प्रशंसा की. कोर्ट ने कहा कि 10 जनवरी, 2022 को दिये गए आदेश की जानकारी प्राप्त होने के बाद वर्तमान एसएसपी ने फरार अभियुक्त का पता लगाने का काम किया.
कोर्ट ने यह भी कहा की ऐसा लगता है कि पटना के वर्तमान एसएसपी के योगदान करने के पूर्व याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी को लेकर कोई ठोस प्रयास नहीं किये गए नहीं तो पटना पुलिस द्वारा गिरफ्तारी को लेकर किया गया प्रयास अधिकारियों द्वारा दाखिल किया गया हलफनामा का हिस्सा होता. कोर्ट को जानकारी दी गई थी कि 18 जुलाई, 2018 से 31 दिसंबर, 2019 तक गरिमा मल्लिक पटना की एसएसपी थीं. 1 जनवरी, 2020 से 1 जनवरी, 2022 तक उपेंद्र शर्मा पटना के एसएसपी थे. याचिकाकर्ता को 18 जुलाई, 2018 को प्रोविजनल बेल दिया गया था. इस मामले पर अगली सुनवाई 2 फरवरी, 2022 को होगी.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP