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गायघाट बालिका गृह कांड: पटना हाई कोर्ट में सुनवाई 11 फरवरी तक टली

पटना के गायघाट स्थित उत्तर रक्षा गृह मामले में पटना हाई कोर्ट में सुनवाई (Hearing in Patna High Court) 11फरवरी 2022 तक टल गई. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ कर रही है. आज पीड़िता की ओर से एक हस्तक्षेप याचिका दायर किया गया लेकिन इसकी कॉपी राज्य सरकार को नहीं देने के कारण सुनवाई टल गई.

Patna High Court
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Published : Feb 7, 2022, 1:40 PM IST

पटना: पटना के गायघाट स्थित उत्तर रक्षा गृह (Patna Gaighat Shelter Home) मामले में पटना हाई कोर्ट में सुनवाई 11 फरवरी 2022 तक टल गई. हाई कोर्ट ने इस याचिका को पटना हाई कोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई (Patna Gaighat Shelter Home case Hearing) कर रही है.

आज पीड़िता की ओर से एक हस्तक्षेप याचिका दायर किया गया लेकिन इसकी कॉपी राज्य सरकार को नहीं देने के कारण मामले पर सुनवाई टल गई. जस्टिस आशुतोष कुमार इस मॉनिटरिंग कमेटी के अध्यक्ष हैं जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य हैं. कमेटी ने उक्त मामले में 31 जनवरी को मीडिया रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है.

ये भी पढ़ें: गायघाट बालिका गृह कांड: तेजस्वी का बड़ा आरोप- 'सत्ता के संरक्षण में हो रही हैं ऐसी घटनाएं'

इस केअर होम में 260 से भी ज्यादा महिलाएं रहती हैं. कमेटी की एक आपात बैठक बुलाई गई थी. बेसहारा महिलाओं को लेकर मीडिया में आयीं खबरों पर बैठक में चर्चा की गई. खबरों के अनुसार पीड़िता व केअर होम में रहने वाली उसकी जैसी और अन्य को दवा देकर जबरन अनैतिक कार्यों के लिए मजबूर किया जाता है. पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि केअर होम में रहने वाली पीड़िताओं को भोजन और बिस्तर की सुविधाएं भी नहीं मुहैया कराई जातीं.

ये भी पढ़ें: राबड़ी के बयान पर BJP का पलटवार, कहा- अपने बच्चों को दें अच्छे संस्कार, जनता का होगा भला

बहुत महिलाओं को गृह को छोड़ने की अनुमति भी नहीं दी जाती है. कमेटी द्वारा अन्य बातों के अलावा ऐसा देखा गया कि पीड़िता द्वारा आश्चर्यजनक खुलासा यह भी किया गया है कि अजनबियों को रिश्तेदार के रूप में आने दिया जाता है. यह इन महिलाओं के जीवन और मर्यादा को और जोखिम में डाल देता है. यह भी आश्चर्यजनक है कि पीड़िता द्वारा किये गए खुलासे के बाद भी कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुआ है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अनुपालन के संबंध में हलफनामा दायर करने को भी कहा था. इस मामले पर अब 11 फरवरी, 2022 को सुनवाई होगी.

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पटना: पटना के गायघाट स्थित उत्तर रक्षा गृह (Patna Gaighat Shelter Home) मामले में पटना हाई कोर्ट में सुनवाई 11 फरवरी 2022 तक टल गई. हाई कोर्ट ने इस याचिका को पटना हाई कोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई (Patna Gaighat Shelter Home case Hearing) कर रही है.

आज पीड़िता की ओर से एक हस्तक्षेप याचिका दायर किया गया लेकिन इसकी कॉपी राज्य सरकार को नहीं देने के कारण मामले पर सुनवाई टल गई. जस्टिस आशुतोष कुमार इस मॉनिटरिंग कमेटी के अध्यक्ष हैं जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य हैं. कमेटी ने उक्त मामले में 31 जनवरी को मीडिया रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है.

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इस केअर होम में 260 से भी ज्यादा महिलाएं रहती हैं. कमेटी की एक आपात बैठक बुलाई गई थी. बेसहारा महिलाओं को लेकर मीडिया में आयीं खबरों पर बैठक में चर्चा की गई. खबरों के अनुसार पीड़िता व केअर होम में रहने वाली उसकी जैसी और अन्य को दवा देकर जबरन अनैतिक कार्यों के लिए मजबूर किया जाता है. पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि केअर होम में रहने वाली पीड़िताओं को भोजन और बिस्तर की सुविधाएं भी नहीं मुहैया कराई जातीं.

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बहुत महिलाओं को गृह को छोड़ने की अनुमति भी नहीं दी जाती है. कमेटी द्वारा अन्य बातों के अलावा ऐसा देखा गया कि पीड़िता द्वारा आश्चर्यजनक खुलासा यह भी किया गया है कि अजनबियों को रिश्तेदार के रूप में आने दिया जाता है. यह इन महिलाओं के जीवन और मर्यादा को और जोखिम में डाल देता है. यह भी आश्चर्यजनक है कि पीड़िता द्वारा किये गए खुलासे के बाद भी कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुआ है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अनुपालन के संबंध में हलफनामा दायर करने को भी कहा था. इस मामले पर अब 11 फरवरी, 2022 को सुनवाई होगी.

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