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Agnipath Scheme Protest: बिहार में कोचिंग सेंटरों ने हिंसा के लिए उकसाया?

अग्निपथ योजना का पूरे बिहार में विरोध (agneepath protest in bihar) हो रहा है. इसके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं इसकी जानकारी प्राप्त करने में प्रशासन जुट चुका है. आरआरबी प्रोटेस्ट से जोड़कर भी इसे देखा जा रहा है. पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि अग्निपथ भर्ती योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन करने वालों से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Patna DM Chandrashekhar Singh
Patna DM Chandrashekhar Singh
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Published : Jun 18, 2022, 3:34 PM IST

Updated : Jun 18, 2022, 5:44 PM IST

पटना : 'अग्निपथ' की आग में पूरा बिहार जल रहा (Agnipath scheme protest) है. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि ये सिर्फ छात्रों का प्रदर्शन है या फिर इसके पीछे कोई और है. इसी बीच पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह (Patna DM Chandrashekhar Singh) ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा है कि गिरफ्तार किए गए लोगों के मोबाइल उपकरणों पर कुछ कोचिंग सेंटरों के वीडियो फुटेज और व्हाट्सएप संदेश मिले है. हम उस सामग्री के आधार पर कोचिंग सेंटरों की भूमिका की जांच कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें - Bihar Bandh: तारेगना स्टेशन पर बंद समर्थकों का कब्जा, पुलिस वाहन को फूंका

'अग्निपथ' आंदोलन को कौन हवा दे रहा है? : 'अग्निपथ स्कीम' के विरोध में शुक्रवार को उपद्रवियों ने दानापुर स्टेशन पर जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की थी. प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनों को फूंक दिया था. पटना डीएम ने बताया कि इस मामले में 170 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जबकि 86 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों के मोबाइल पर कुछ कोचिंग सेंटर के वीडियो फुटेज और वाट्सएप मैसेज मिले हैं. जिसकी जांच की जा रही है. 7 कोचिंग संस्थानों के संचालक भी जिला प्रशासन के रडार पर हैं. अगर जरूरी हुआ तो हम पटना में इंटरनेट सेवाएं बंद करने से नहीं हिचकिचाएंगे. हम व्यक्तियों के साथ-साथ व्हाट्सएप ग्रुप के व्यवस्थापकों के सोशल मीडिया खातों को भी स्कैन कर रहे हैं.

''हम वीडियो फुटेज और व्हाट्सएप मैसेज के आधार पर कोचिंग सेंटरों की भूमिका की जांच कर रहे हैं. पटना में कुल 86 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. यहां के दो कोचिंग संस्थानों द्वारा लोगों को भड़काने पर उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पटना के कोचिंग सेंटरों की भी जांच चल रही है. अगर किसी भी कोचिंग सेंटर की संलिप्तता पाई गयी तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा. '' - चंद्रशेखर सिंह, डीएम, पटना

आरआरबी प्रोटेस्ट वाले अग्निपथ विरोध प्रदर्शन में शामिल! : इधर, पुलिस मुख्यालय के सूत्रों से मिली अहम जानकारी के अनुसार 'अग्निपथ' योजना को लेकर विरोध प्रदर्शन पूरी तरह से सुनियोजित साजिश थी. इस प्रदर्शन में शामिल अत्यधिक लोगों की पहचान हुई है. जानकारी के अनुसार RRB प्रोटेस्ट में शामिल अत्यधिक लोग अग्निपथ विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मोबाइल टावर के डम्प नंबरों से इसकी पुष्टि होती है.

700 नंबरों को ट्रेस करने में जुटी पुलिस : पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मोबाइल टॉवर के करीब 700 डंप डाटा लिया गया है, जो प्रदर्शन के दौरान पटना जिला में प्रदर्शन के दौरान एक्टिव था. यह 700 वैसे नंबर हैं जो RRB प्रोटेस्ट के दौरान पटना, समस्तीपुर, गया, जहानाबाद समेत दूसरे जिलों में सक्रिय था. अब इन नंबरों की जांच कर सम्बंधित मास्टरमाइंड तक पहुंचने की तैयारी में बिहार पुलिस जुटी है.

क्या है कॉल डम्प : यह एक ही मोबाइल फोन टावर से होने वाले कॉल का विवरण होता है, जिसमें शक के आधार पर पुलिस अपराधी या संदेही का नम्बर पता लगाती है. लाखों नंबर में ही एक नम्बर को ट्रेस कर जांच करती है. पुलिस के लिए कॉल डम्प की प्रक्रिया को तुक्का भी कहते हैं, जिसमें पुलिस संदेह के आधार पर जांच करती है. आमतौर पर इसमें बीस प्रतिशत मामलों में ही निशाना सटीक बैठता है. कॉल डम्प का सहारा वैसे मामलों में लिया जाता है जो ब्लाइंड केस होते हैं. इसमें सुराग नहीं मिलता है. उसमें कॉल डम्प पुलिस को मदद करती है.

RRB प्रोटेस्ट के दौरान क्या हुआ था : यहां यह बताना भी जरूरी है कि इसी साल जनवरी महीने में RRB-NTPC रिजल्ट को लेकर पूरा बिहार जल उठा था. कई जगहों पर ट्रेनों को वैसे ही फूंका गया था जिस प्रकार से अभी 'अग्निपथ स्कीम' के विरोध में जलाया गया है. उस वक्त कई कोचिंग संस्थानों की भूमिका संदिग्ध पायी गयी थी. कोचिंग संस्थानों के संचालकों से पूछताछ भी की गयी थी. पटना के मछुआ टोली, भिखना पहाड़ी और दूसरे कोचिंग के हब कहे जाने वाले इलाकों में छात्रों का गुस्सा ज्यादा दिख रहा है. अब ऐसे में एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं कहीं 'अग्निपथ' की आग के पीछे कोचिंग सेंटर तो नहीं हैं?

ये भी पढ़ें: Bihar Bandh Live : 'अग्निपथ' पर आक्रोश.. मसौढ़ी में फायरिंग, रेलवे स्टेशन को फूंका

'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज है छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.

क्या है 'अग्निपथ' योजना : आइये जानते है कि आखिर क्या है अग्निपथ योजना (what is agneepath scheme) केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत इस साल 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल किया जाना है. योजना के मुताबिक युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और उन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. अग्निवीरों की उम्र 17 से 23 वर्ष के बीच होगी और 30-40 हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा. योजना के मुताबिक भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे मौका मिलेगा और बाकी 75 फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी.

पटना : 'अग्निपथ' की आग में पूरा बिहार जल रहा (Agnipath scheme protest) है. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि ये सिर्फ छात्रों का प्रदर्शन है या फिर इसके पीछे कोई और है. इसी बीच पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह (Patna DM Chandrashekhar Singh) ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा है कि गिरफ्तार किए गए लोगों के मोबाइल उपकरणों पर कुछ कोचिंग सेंटरों के वीडियो फुटेज और व्हाट्सएप संदेश मिले है. हम उस सामग्री के आधार पर कोचिंग सेंटरों की भूमिका की जांच कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें - Bihar Bandh: तारेगना स्टेशन पर बंद समर्थकों का कब्जा, पुलिस वाहन को फूंका

'अग्निपथ' आंदोलन को कौन हवा दे रहा है? : 'अग्निपथ स्कीम' के विरोध में शुक्रवार को उपद्रवियों ने दानापुर स्टेशन पर जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की थी. प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनों को फूंक दिया था. पटना डीएम ने बताया कि इस मामले में 170 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जबकि 86 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों के मोबाइल पर कुछ कोचिंग सेंटर के वीडियो फुटेज और वाट्सएप मैसेज मिले हैं. जिसकी जांच की जा रही है. 7 कोचिंग संस्थानों के संचालक भी जिला प्रशासन के रडार पर हैं. अगर जरूरी हुआ तो हम पटना में इंटरनेट सेवाएं बंद करने से नहीं हिचकिचाएंगे. हम व्यक्तियों के साथ-साथ व्हाट्सएप ग्रुप के व्यवस्थापकों के सोशल मीडिया खातों को भी स्कैन कर रहे हैं.

''हम वीडियो फुटेज और व्हाट्सएप मैसेज के आधार पर कोचिंग सेंटरों की भूमिका की जांच कर रहे हैं. पटना में कुल 86 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. यहां के दो कोचिंग संस्थानों द्वारा लोगों को भड़काने पर उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पटना के कोचिंग सेंटरों की भी जांच चल रही है. अगर किसी भी कोचिंग सेंटर की संलिप्तता पाई गयी तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा. '' - चंद्रशेखर सिंह, डीएम, पटना

आरआरबी प्रोटेस्ट वाले अग्निपथ विरोध प्रदर्शन में शामिल! : इधर, पुलिस मुख्यालय के सूत्रों से मिली अहम जानकारी के अनुसार 'अग्निपथ' योजना को लेकर विरोध प्रदर्शन पूरी तरह से सुनियोजित साजिश थी. इस प्रदर्शन में शामिल अत्यधिक लोगों की पहचान हुई है. जानकारी के अनुसार RRB प्रोटेस्ट में शामिल अत्यधिक लोग अग्निपथ विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मोबाइल टावर के डम्प नंबरों से इसकी पुष्टि होती है.

700 नंबरों को ट्रेस करने में जुटी पुलिस : पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मोबाइल टॉवर के करीब 700 डंप डाटा लिया गया है, जो प्रदर्शन के दौरान पटना जिला में प्रदर्शन के दौरान एक्टिव था. यह 700 वैसे नंबर हैं जो RRB प्रोटेस्ट के दौरान पटना, समस्तीपुर, गया, जहानाबाद समेत दूसरे जिलों में सक्रिय था. अब इन नंबरों की जांच कर सम्बंधित मास्टरमाइंड तक पहुंचने की तैयारी में बिहार पुलिस जुटी है.

क्या है कॉल डम्प : यह एक ही मोबाइल फोन टावर से होने वाले कॉल का विवरण होता है, जिसमें शक के आधार पर पुलिस अपराधी या संदेही का नम्बर पता लगाती है. लाखों नंबर में ही एक नम्बर को ट्रेस कर जांच करती है. पुलिस के लिए कॉल डम्प की प्रक्रिया को तुक्का भी कहते हैं, जिसमें पुलिस संदेह के आधार पर जांच करती है. आमतौर पर इसमें बीस प्रतिशत मामलों में ही निशाना सटीक बैठता है. कॉल डम्प का सहारा वैसे मामलों में लिया जाता है जो ब्लाइंड केस होते हैं. इसमें सुराग नहीं मिलता है. उसमें कॉल डम्प पुलिस को मदद करती है.

RRB प्रोटेस्ट के दौरान क्या हुआ था : यहां यह बताना भी जरूरी है कि इसी साल जनवरी महीने में RRB-NTPC रिजल्ट को लेकर पूरा बिहार जल उठा था. कई जगहों पर ट्रेनों को वैसे ही फूंका गया था जिस प्रकार से अभी 'अग्निपथ स्कीम' के विरोध में जलाया गया है. उस वक्त कई कोचिंग संस्थानों की भूमिका संदिग्ध पायी गयी थी. कोचिंग संस्थानों के संचालकों से पूछताछ भी की गयी थी. पटना के मछुआ टोली, भिखना पहाड़ी और दूसरे कोचिंग के हब कहे जाने वाले इलाकों में छात्रों का गुस्सा ज्यादा दिख रहा है. अब ऐसे में एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं कहीं 'अग्निपथ' की आग के पीछे कोचिंग सेंटर तो नहीं हैं?

ये भी पढ़ें: Bihar Bandh Live : 'अग्निपथ' पर आक्रोश.. मसौढ़ी में फायरिंग, रेलवे स्टेशन को फूंका

'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज है छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.

क्या है 'अग्निपथ' योजना : आइये जानते है कि आखिर क्या है अग्निपथ योजना (what is agneepath scheme) केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत इस साल 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल किया जाना है. योजना के मुताबिक युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और उन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. अग्निवीरों की उम्र 17 से 23 वर्ष के बीच होगी और 30-40 हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा. योजना के मुताबिक भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे मौका मिलेगा और बाकी 75 फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी.

Last Updated : Jun 18, 2022, 5:44 PM IST
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