पटनाः बिहार में लोजपा ( LJP ) में मचे घमासान के बाद चिराग पासवान ( Chirag Paswan) के चाचा और सांसद पशुपति पारस ने पहली बार अपना बयान दिया है. पशुपति पारस ( Pashupati Kumar Paras ) ने कहा कि कल लिया गया फैसला मजबूरी में लिया गया फैसला है. पार्टी दिवंगत रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan ) की राह पर चलती रहेगी.
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''हमारी पार्टी में 6 सांसद हैं. 5 सांसदों की इच्छा थी की पार्टी का अस्तित्व खत्म हो रहा है, इसलिए पार्टी को बचाया जाए. मैं पार्टी तोड़ा नहीं हूं, पार्टी को बचाया हूं. चिराग पासवान से कोई शिकायत नहीं है. कोई आपत्ति नहीं है वे पार्टी में रहें. जबतक मैं जिंदा हूं, पार्टी को जिंदा रखूंगा, अभी भी ओरिजनल पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी ही है.'' - पशुपति कुमार पारस, LJP सांसद
'अकेला महसूस कर रहा हूं'
पारस ने कहा कि पार्टी में मैं अकेला महसूस कर रहा हूं. पार्टी के 99% कार्यकर्ता, सांसद, विधायक और समर्थक सभी की इच्छा थी कि हम 2014 में NDA गठबंधन का हिस्सा बनें और इस बार के विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा बने रहें, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. लोक जनशक्ति पार्टी बिखर रही थी कुछ असामाजिक तत्वों ने हमारी पार्टी में सेंध डाला और 99% कार्यकर्ताओं के भावना की अनदेखी करके गठबंधन को तोड़ दिया.
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नीतीश कुमार एक अच्छे लीडर और प्रशासक
जेडीयू के साथ जाने की बातों पर पशुपति पारस ने कहा कि मैं शुरुआत से एनडीए के साथ रहा हूं, हम एनडीए के साथ रहेंगे. उन्होंने कहा कि वह नीतीश कुमार को एक अच्छा लीडर मानते हैं, वह विकास पुरुष हैं.
पशुपति कुमार पारस की बड़ी बातें...
- दिवंगत रामविलास पासवान की राह पर चलेगी पार्टी
- पार्टी को डूबने नहीं देंगे
- पार्टी को हमने तोड़ी नहीं, बचाई है.
- कल का फैसला मजबूरी का फैसला
- सभी सांसदों के साथ बैठक में यह फैसला लिया गया.
- हमें चिराग के साथ रहने में कोई परेशानी नहीं है.
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