पटना: जन अधिकारी पार्टी (JAP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने शराबबंदी कानून (Prohibition Law) को पूरी तरह से विफल बताया है. उन्होंने दावा किया कि नेताओं और पुलिस के संरक्षण में खुलेआम जहरीली शराब (Poisonous Liquor) बिक रही है. 65 शराब माफियाओं की सूची जारी करते उन्होंने राज्य सरकार से कार्रवाई की मांग की है.
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पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि बिहार का विपक्ष सड़कों पर क्यों नहीं उतरता हैं? सिर्फ ट्विटर पर ही क्यों सक्रिय रहता हैं, उनका चरित्र भगोड़ा है. पप्पू ने कहा कि बिहार विपक्ष का नेता शराब माफियाओं के साथ चलता है. शराब का पैसा विपक्ष के घर में जाता हैं. विपक्ष की भूमिका भी संदिग्ध है. सत्ता पक्ष से ज्यादा विपक्ष के लोग अरबों रुपये के शराब के खेल में शामिल हैं.
जाप प्रमुख ने कहा कि आने वाले दिनों में मुख्य विपक्ष के बहुत सारे लोग जल्द ही शराब के मामले में गिरफ्तार होंगे. विपक्ष कुशेश्वर स्थान में प्रचार करने जाता है, लेकिन शराब पीड़ितों से मिलने नहीं जाता हैं. बिहार का विपक्ष भगोड़ा हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरजेडी की जुबान एक है. इनका चुनाव ही शराब, जमीन और बालू माफिया के पैसा से होता है. बिहार का प्रमुख विपक्ष बीजेपी की भाषा बोलता है.
पप्पू यादव ने कहा कि बीजेपी (BJP) का चरित्र दोहरा हैं. जनता का ध्यान भटकाने के लिए गलत बयानबाजी कर रही हैं. प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से जानना चाहता हू कि विजय गुप्ता कौन हैं, जिसकी गाड़ी से आप नौतन गए थे. उन्होंने कहा कि संजय गुप्ता के मोबाइल को सर्विलांस पर लेकर मामले की जांच होनी चाहिए. बीजेपी नेता एम्बुलेंस की गाड़ी से शराब की तस्करी करते हैं. बीजेपी अगर शराबबंदी मामले पर गम्भीर है तो उसे विधानसभा का सत्र बुलाकर इसपर परिचर्चा करनी चाहिए.
पप्पू ने कहा कि जडीयू (JDU) के नेता कहते है कि शराबबंदी से कि रोड एक्सीडेंट में कमी आई हैं. मुझे इस तर्क पर हंसी आती है. हकीकत में शराब बंदी से लाखों परिवार उजड़ गए हैं. लाखों गरीब लोगों को शराब पीने के मामले में जेल भेज दिया गया है.
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जाप प्रमुख ने कहा कि अगर बिहार सरकार शराबबंदी को लेकर गम्भीर है तो सबसे पहले विधायिका की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. देसी शराब पर सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया. शराब में शामिल सभी नेताओं की भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. हमारी मांग है कि शराब पीने वाले सभी नेताओं को चुनाव से वंचित किया जाए, इसके लिए जन प्रतिनिधि कानून में बिहार सरकार संशोधन करे. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार शराब बेचने वाले सभी व्यक्ति का आधार कार्ड को निरस्त कर कार्रवाई करे.
"शराब के मामले में विधायक, सांसद, जिला परिषद अध्यक्ष, मुखिया, सरपंच की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. सभी एमपी और एमएलए अपना पैसा शराब में इन्वेस्ट किए हुए है. छोटे पुलिस पदाधिकारियों को सस्पेंड कर कार्रवाई के नाम पर सरकार खानापूर्ति कर रही है. बिहार में शराब माफिया और भू-माफिया का राज है"- पप्पू यादव, अध्यक्ष, जन अधिकारी पार्टी