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जातीय जनगणना: नीतीश के हथियार से उन्हीं को भेदने में जुटा विपक्ष - caste census

बिहार में विपक्षी पार्टियां, खासकर राजद राज्य सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं. पहले विधायकों के साथ मारपीट की घटना को लेकर सदन में सरकार के खिलाफ जोरदार हमला किया. अब जातीय जनगणना को लेकर नीतीश कुमार पर उनके ही तीर से निशाना लगाने की जुगत भिड़ा रहे हैं.

nitish tejashwi
nitish tejashwi
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Published : Jul 30, 2021, 11:10 AM IST

पटना: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान विपक्षी पार्टियां सरकार पर हावी रहीं. चाहे वह पिछले सत्र के दौरान विधायकों के साथ सदन में मारपीट का मामला हो या अब जातीय जनगणना. विपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) को अब उन्हीं के हथियार से से घेर लिया है. अब इसके द्वारा उन पर लगातार दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) आज मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले हैं.

ये भी पढें: जातीय जनगणना पर अड़े तेजस्वी, दोपहर 1 बजे सीएम नीतीश से करेंगे मुलाकात

मानसून सत्र के शुरू होते ही विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था. सत्र के दूसरे ही दिन विपक्ष ने सरकार से 23 मार्च (बजट सत्र) की घटना पर सदन में चर्चा चाहता था. विधानसभा अध्यक्ष के चर्चा के लिए तैयार नहीं होने के बाद मंगलवार को ही विपक्ष ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया था. इसके चलते सरकार दबाव में आ गयी थी. विपक्ष सदन से बाहर रहकर ही सरकार पर लगातार हमले कर रहा था.

अगले दिन, अर्थात मानसून सत्र के तीसरे दिन कार्य मंत्रणा समिति की बैठक बुलाई हुई. इसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और सरकार की ओर से दोनों उपमुख्यमंत्री और संसदीय कार्य मंत्री मौजूद थे. उसके बाद विपक्ष के विधायक सदन में उपस्थित हो गये.

अब जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर आरजेडी ने राज्य सरकार को घेरना शुरू कर दिया. आज सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से तेजस्वी यादव की मुलाकात होगी. इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है. मानसून सत्र (Monson Session) के पहले दिन ही तेजस्वी यादव ने विधानसभा में कहा था कि विधानसभा से पहले भी दो बार जातिगत जनगणना कराए जाने का सर्व सहमति से प्रस्ताव पेश कर केंद्र सरकार को भेजा गया है. इसलिए एक बार फिर से यह प्रस्ताव विधान सभा से केंद्र सरकार को भेजा जाए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) को इस दिशा में पहल करनी चाहिए. पूरा सदन इस मुद्दे पर उनके साथ है.

इसी बीच मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के बीच बैठक होनी है. भले ही तेजस्वी कह रहे हैं कि इस मुद्दे पर पूरा सदन मुख्यमंत्री के साथ है लेकिन जानकारों के मुताबिक यह उनकी एक चाल है. इस बहाने भी वे नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. नीतीश कुमार पहले ही जातीय जनगणना के पक्ष में बयान दे चुके हैं.

जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर राजद और जेडीयू का लक्ष्य एक है. तेजस्वी इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री के साथ खड़े होने के बात कह रहे हैं लेकिन लेकिन बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं है. इसे देखते हुए ही राजद एक सोची समझी रणनीति के तहत जातिगत जनगणना का प्रस्ताव विधानसभा से पेश कर केंद्र सरकार को भेजने की जिद पर अड़ा है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली जाने वाले हैं. अगर इस दौरे पर वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से मुलाकात में इस मुद्दे को नहीं उठाते हैं तो राजद को मुख्यमंत्री के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा मिल जायेगा.

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कई बार जातीय जनगणना की मांग कर चुके हैं. हाल में भी उन्होंने कहा था कि हम लोगों का मानना है कि जनगणना जाति आधारित होना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार विधान मंडल ने 18 फरवरी 2019 को और बिहार विधानसभा ने 27 फरवरी 2020 को सर्वसम्मति से यह जातीय जनगणना का प्रस्ताव पास किया था. नीतीश कुमार ने कहा कि यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था, केंद्र सरकार को इस संबंध में पुनर्विचार करना चाहिए.

हालांकि जातीय जनगणना पर बीजेपी की अलग राय है. बीजेपी नेता कहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बने, लेकिन जातीय जनगणना ना हो. बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Minister Nityanand Rai) ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया है कि 2021 की जनगणना के साथ केंद्र सरकार केवल एससी-एसटी वर्ग के लोगों की गिनती कराने के पक्ष में है. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद बिहार में सियासत तेज है.

पटना: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान विपक्षी पार्टियां सरकार पर हावी रहीं. चाहे वह पिछले सत्र के दौरान विधायकों के साथ सदन में मारपीट का मामला हो या अब जातीय जनगणना. विपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) को अब उन्हीं के हथियार से से घेर लिया है. अब इसके द्वारा उन पर लगातार दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) आज मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले हैं.

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मानसून सत्र के शुरू होते ही विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था. सत्र के दूसरे ही दिन विपक्ष ने सरकार से 23 मार्च (बजट सत्र) की घटना पर सदन में चर्चा चाहता था. विधानसभा अध्यक्ष के चर्चा के लिए तैयार नहीं होने के बाद मंगलवार को ही विपक्ष ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया था. इसके चलते सरकार दबाव में आ गयी थी. विपक्ष सदन से बाहर रहकर ही सरकार पर लगातार हमले कर रहा था.

अगले दिन, अर्थात मानसून सत्र के तीसरे दिन कार्य मंत्रणा समिति की बैठक बुलाई हुई. इसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और सरकार की ओर से दोनों उपमुख्यमंत्री और संसदीय कार्य मंत्री मौजूद थे. उसके बाद विपक्ष के विधायक सदन में उपस्थित हो गये.

अब जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर आरजेडी ने राज्य सरकार को घेरना शुरू कर दिया. आज सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से तेजस्वी यादव की मुलाकात होगी. इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है. मानसून सत्र (Monson Session) के पहले दिन ही तेजस्वी यादव ने विधानसभा में कहा था कि विधानसभा से पहले भी दो बार जातिगत जनगणना कराए जाने का सर्व सहमति से प्रस्ताव पेश कर केंद्र सरकार को भेजा गया है. इसलिए एक बार फिर से यह प्रस्ताव विधान सभा से केंद्र सरकार को भेजा जाए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) को इस दिशा में पहल करनी चाहिए. पूरा सदन इस मुद्दे पर उनके साथ है.

इसी बीच मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के बीच बैठक होनी है. भले ही तेजस्वी कह रहे हैं कि इस मुद्दे पर पूरा सदन मुख्यमंत्री के साथ है लेकिन जानकारों के मुताबिक यह उनकी एक चाल है. इस बहाने भी वे नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. नीतीश कुमार पहले ही जातीय जनगणना के पक्ष में बयान दे चुके हैं.

जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर राजद और जेडीयू का लक्ष्य एक है. तेजस्वी इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री के साथ खड़े होने के बात कह रहे हैं लेकिन लेकिन बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं है. इसे देखते हुए ही राजद एक सोची समझी रणनीति के तहत जातिगत जनगणना का प्रस्ताव विधानसभा से पेश कर केंद्र सरकार को भेजने की जिद पर अड़ा है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली जाने वाले हैं. अगर इस दौरे पर वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से मुलाकात में इस मुद्दे को नहीं उठाते हैं तो राजद को मुख्यमंत्री के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा मिल जायेगा.

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कई बार जातीय जनगणना की मांग कर चुके हैं. हाल में भी उन्होंने कहा था कि हम लोगों का मानना है कि जनगणना जाति आधारित होना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार विधान मंडल ने 18 फरवरी 2019 को और बिहार विधानसभा ने 27 फरवरी 2020 को सर्वसम्मति से यह जातीय जनगणना का प्रस्ताव पास किया था. नीतीश कुमार ने कहा कि यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था, केंद्र सरकार को इस संबंध में पुनर्विचार करना चाहिए.

हालांकि जातीय जनगणना पर बीजेपी की अलग राय है. बीजेपी नेता कहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बने, लेकिन जातीय जनगणना ना हो. बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Minister Nityanand Rai) ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया है कि 2021 की जनगणना के साथ केंद्र सरकार केवल एससी-एसटी वर्ग के लोगों की गिनती कराने के पक्ष में है. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद बिहार में सियासत तेज है.

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