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बिहार में यूनिवर्सिटी घोटाला को लेकर विपक्ष के निशाने पर नीतीश सरकार, निष्पक्ष जांच की मांग

पिछले एक हफ्ते से बिहार में यूनिवर्सिटी घोटाला (University Sscam in Bihar) का मामला चरम पर है. इस पूरे मामले में हालांकि सीएम नीतीश कुमार ने जांच की सिफारिश की है, लेकिन विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं है. आरजेडी और कांग्रेस ने इसको लेकर सीधे-सीधे मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है. साथ ही इस पूरे मामले को बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र (Winter Session of Bihar Legislature) में उठाने की चेतावनी भी दी है. एक रिपोर्ट

यूनिवर्सिटी घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग
यूनिवर्सिटी घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग
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Published : Nov 25, 2021, 6:47 PM IST

पटना: 29 नवंबर से बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र (Winter Session of Bihar Legislature) शुरू हो रहा है. विपक्ष ने तमाम मुद्दों के साथ बिहार में यूनिवर्सिटी घोटाला (University Sscam in Bihar) के मुद्दे को लेकर भी सरकार को घेरने की कोशिश शुरू कर दी है. मगध विश्वविद्यालय के वीसी पर भ्रष्टाचार का आरोप (Allegations of Corruption on VC of Magadh University) है. साथ ही एक अन्य वाइस चांसलर द्वारा पत्र लिखकर राजभवन को भ्रष्टाचार के बारे में सूचित करने जैसे मामलों पर सरकार की चुप्पी को लेकर विपक्ष का आरोप है कि जिस वाइस चांसलर के घर से एक करोड़ से ज्यादा की नकदी बरामद हुई है, उस वीसी पर कार्रवाई की बजाय उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है.

ये भी पढ़ें: LNMU के कुलपति एसपी सिंह की बढ़ी मुश्किलें, आरोपों की जांच कराएगी बिहार सरकार

इस पूरे मामले में एक तरफ सरकार की सहयोगी पार्टी हम ने राजभवन पर खुलकर आरोप लगा दिया है, वहीं दूसरी तरफ आरजेडी और कांग्रेस ने सरकार को घेरने की कोशिश की है. आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती. बिहार के विश्वविद्यालयों में जो घोटाले हो रहे हैं, उसकी जांच की जिम्मेदारी सरकार की ही है. ऐसे में नीतीश कुमार इस मामले से पल्ला नहीं झाड़ सकते हैं.

देखें रिपोर्ट

"कुलपतियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं, ऐसे में नीतीश कुमार की सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती. बिहार के विश्वविद्यालयों में जो घोटाले हो रहे हैं, उसकी निष्पक्ष जांच होनी ही चाहिए"- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, आरजेडी

इधर, कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि पूरे मामले की लीपापोती की कोशिश हो रही है, जो हम नहीं होने देंगे. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बिना सरकार की जानकारी के इतने बड़े मामले नहीं हो सकते हैं. यूनिवर्सिटी में टेंडर घोटाला और कुलपतियों की भूमिका को लेकर सरकार यह नहीं कह सकती है कि उन्हें नहीं कोई जानकारी नहीं है और उनकी कोई भूमिका नहीं है. प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस पूरे मामले की जांच करानी होगी, इसके लिए वे अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते. उन्होंने यह कहा कि इस पूरे मामले को लेकर हमलोग विधानमंडल सत्र में सरकार से सवाल पूछेंगे.

"यूनिवर्सिटी में टेंडर घोटाला और कुलपतियों की भूमिका को लेकर सरकार यह नहीं कह सकती है कि उन्हें नहीं कोई जानकारी नहीं है और उनकी कोई भूमिका नहीं है. इस पूरे मामले को लेकर हम विधानमंडल सत्र में भी सरकार से सवाल पूछेंगे"- प्रेमचंद्र मिश्र, एमएलसी, कांग्रेस

ये भी पढ़ें: जिस पर यूनिवर्सिटी की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी, वही क्यों 'भ्रष्टाचार की गंगोत्री' में लगाने लगे डुबकी?

दरअसल, बिहार की सियासत में विश्वविद्यालयों में सिर्फ एक राज्य के कुलपति और एक जगह से टेंडर की वजह से हो रहे घोटाले को लेकर जेडीयू और बीजेपी विपक्ष के निशाने पर हैं. विपक्ष का कहना है कि डबल इंजन सरकार में एक इंजन भ्रष्टाचार तो एक इंजन अपराध में लिप्त है. इधर शिक्षा विभाग ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि पूरे मामले में सरकार की कोई भूमिका नहीं है, क्योंकि सर्च कमेटी कुलपतियों की नियुक्ति करती है. एक तरफ बीजेपी-जेडीयू अपना पल्ला झाड़ने में लगे हैं, दूसरी तरफ विपक्ष के निशाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी नेता भी हैं. ऐसे में विधानमंडल सत्र में भी इस मामले को लेकर हंगामा होना तय है.

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पटना: 29 नवंबर से बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र (Winter Session of Bihar Legislature) शुरू हो रहा है. विपक्ष ने तमाम मुद्दों के साथ बिहार में यूनिवर्सिटी घोटाला (University Sscam in Bihar) के मुद्दे को लेकर भी सरकार को घेरने की कोशिश शुरू कर दी है. मगध विश्वविद्यालय के वीसी पर भ्रष्टाचार का आरोप (Allegations of Corruption on VC of Magadh University) है. साथ ही एक अन्य वाइस चांसलर द्वारा पत्र लिखकर राजभवन को भ्रष्टाचार के बारे में सूचित करने जैसे मामलों पर सरकार की चुप्पी को लेकर विपक्ष का आरोप है कि जिस वाइस चांसलर के घर से एक करोड़ से ज्यादा की नकदी बरामद हुई है, उस वीसी पर कार्रवाई की बजाय उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है.

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इस पूरे मामले में एक तरफ सरकार की सहयोगी पार्टी हम ने राजभवन पर खुलकर आरोप लगा दिया है, वहीं दूसरी तरफ आरजेडी और कांग्रेस ने सरकार को घेरने की कोशिश की है. आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती. बिहार के विश्वविद्यालयों में जो घोटाले हो रहे हैं, उसकी जांच की जिम्मेदारी सरकार की ही है. ऐसे में नीतीश कुमार इस मामले से पल्ला नहीं झाड़ सकते हैं.

देखें रिपोर्ट

"कुलपतियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं, ऐसे में नीतीश कुमार की सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती. बिहार के विश्वविद्यालयों में जो घोटाले हो रहे हैं, उसकी निष्पक्ष जांच होनी ही चाहिए"- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, आरजेडी

इधर, कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि पूरे मामले की लीपापोती की कोशिश हो रही है, जो हम नहीं होने देंगे. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बिना सरकार की जानकारी के इतने बड़े मामले नहीं हो सकते हैं. यूनिवर्सिटी में टेंडर घोटाला और कुलपतियों की भूमिका को लेकर सरकार यह नहीं कह सकती है कि उन्हें नहीं कोई जानकारी नहीं है और उनकी कोई भूमिका नहीं है. प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस पूरे मामले की जांच करानी होगी, इसके लिए वे अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते. उन्होंने यह कहा कि इस पूरे मामले को लेकर हमलोग विधानमंडल सत्र में सरकार से सवाल पूछेंगे.

"यूनिवर्सिटी में टेंडर घोटाला और कुलपतियों की भूमिका को लेकर सरकार यह नहीं कह सकती है कि उन्हें नहीं कोई जानकारी नहीं है और उनकी कोई भूमिका नहीं है. इस पूरे मामले को लेकर हम विधानमंडल सत्र में भी सरकार से सवाल पूछेंगे"- प्रेमचंद्र मिश्र, एमएलसी, कांग्रेस

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दरअसल, बिहार की सियासत में विश्वविद्यालयों में सिर्फ एक राज्य के कुलपति और एक जगह से टेंडर की वजह से हो रहे घोटाले को लेकर जेडीयू और बीजेपी विपक्ष के निशाने पर हैं. विपक्ष का कहना है कि डबल इंजन सरकार में एक इंजन भ्रष्टाचार तो एक इंजन अपराध में लिप्त है. इधर शिक्षा विभाग ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि पूरे मामले में सरकार की कोई भूमिका नहीं है, क्योंकि सर्च कमेटी कुलपतियों की नियुक्ति करती है. एक तरफ बीजेपी-जेडीयू अपना पल्ला झाड़ने में लगे हैं, दूसरी तरफ विपक्ष के निशाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी नेता भी हैं. ऐसे में विधानमंडल सत्र में भी इस मामले को लेकर हंगामा होना तय है.

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