पटना: बिहार के दो विधायक आर्म्स एक्ट में कानून के शिकंजे में है. एक ओर बाहुबली विधायक अनंत सिंह जेल के अंदर हैं, तो दूसरी ओर जेडीयू विधायक मंजू वर्मा पर भी आर्म्स एक्ट का मामला चल रहा है. विपक्ष का आरोप है कि अनंत सिंह के खिलाफ स्पीडी ट्रायल चलाया जा रहा है तो वहीं मंजू वर्मा को राहत दी जा रही है.
'सबके खिलाफ समान रूप से हो कार्रवाई'
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि कानून सबके खिलाफ समान रूप से कार्रवाई करें. अनंत सिंह के खिलाफ कार्रवाई हुई और स्पीडी ट्रायल चलाया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल से जुड़े होने के कारण सरकार पूर्व मंत्री मंजू वर्मा पर मेहरबान है और लगातार उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है.
'अनंत सिंह और मंजू वर्मा को एक कैटेगरी में नहीं रखा जा सकता'
वहीं, विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने कहा कि अनंत सिंह और मंजू वर्मा को एक कैटेगरी में नहीं रखा जा सकता. बिहार में एनडीए की सरकार में कानून अपना काम करती है किसी को ना तो बचाया जाता है ना ही फंसाया जाता है.
पूर्व आईपीएस ने भी उठाए सरकार पर सवाल
पूरे मामले पर पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने भी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि अनंत सिंह के खिलाफ चल रही स्पीडी ट्रायल का हम स्वागत करते हैं. लेकिन आर्म्स एक्ट मामले में ही जेडीयू विधायक मंजू वर्मा को सरकार राहत क्यों दे रही है? इनके खिलाफ भी स्पीडी ट्रायल चलाया जाना चाहिए. उन्होंने भी आरोप लगाते हुए कहा कि एक विशेष समुदाय से ताल्लुक रखने के कारण ही मंजू वर्मा को बचाने की कोशिश की जा रही है.