पटना: बिहार में अब व्यवसायिक वाहनों की फिटनेस जांच ऑटोमेटिक मशीन (Automatic Machine) से होगी. जांच के लिए सभी जिलों में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (Automated Testing Station) खोले जाएंगे. इसके लिए बिहार परिवहन विभाग (Bihar Transport Department) द्वारा निजी क्षेत्रों से आवेदन आमंत्रित किये गए हैं. परिवहन विभाग मंत्री शीला कुमारी ने कहा कि वाहनों की फिटनेस जांच ऑटोमेटिक पद्धति से होने से सड़क दुर्घटना में कमी आएगी और पर्यावरण स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा. व्यवसायिक वाहनों की फिटनेस जांच में अनियमितता की शिकायत के बाद परिवहन विभाग का यह आदेश काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की स्थापना के लिए इच्छुक व्यक्ति या कंपनी या संघ 15 दिसंबर 2021 तक राज्य परिवहन आयुक्त कार्यालय विश्वेशरैया भवन में निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन जमा कर सकते हैं. परिवहन विभाग ने सभी जिलों में आवेदन आमंत्रित किए हैं. यह प्रयास किया जा रहा है कि सभी जिलों में फिटनेस सेंटर खुले. आवेदन प्राप्ति के 1 महीने के अंदर विशेष टीम गठित कर सभी आवेदनों की जांच की जाएगी और स्थल निरीक्षण करते हुए योग्य आवेदकों को चयनित किया जाएगा.
परिवहन सचिव ने बताया कि राज्य में बढ़ते वाहनों की संख्या एवं सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए व्यवसायिक वाहनों की फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन आवश्यक है. इस सेंटर पर वाहनों को सभी तकनीकी पहलुओं पर परखते हुए फिटनेस टेस्ट होगा. वाहन की बॉडी से लेकर सेफ्टी मेजर्स को ऑटोमेटिक ही परखा जाएगा. इससे सड़क दुर्घटना में कमी आएगी. अनफिट गाड़ियों को रोड पर चलने की अनुमति नहीं होगी, क्योंकि इन गाड़ियों से सड़क दुर्घटनाओं का काफी खतरा रहता है.
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वर्तमान में वाहनों की फिटनेस जांच मोटरयान निरीक्षक द्वारा मैनुअली किया जाता है. मोटरयान निरीक्षक जांच के दौरान मैनुअली ब्रेक, कलच, स्पीडोमीटर, विंडो ग्लास, हॉर्न, लाइट्स, वाइपर आदि को देखकर फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करते हैं, जो बहुत वैज्ञानिक नहीं है. ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन बनने के बाद इन वाहनों की ऑटोमेटिक जांच होगी. उन्होंने बताया कि ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन पूरी तरह सीसीटीवी से लैस होगा. जांच के लिए आने वाले हर वाहन पर नजर रहेगी. इंट्री पॉइंट और जांच के दौरान भी सीसीटीवी की नजर रहेगी. जिलों में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था रहेगी. किस जिले में कितने वाहनों की जांच हो रही है, मानक के अनुसार जांच हो रही है या नहीं इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी.
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि हर वाहन की एक आयु सीमा होती है. ऑटोमेटिक मशीन से जांच के बाद पता चलेगा कि वाहन चलने की स्थिति में है या नहीं, सभी मानक पूरे हैं और प्रदूषण तो अधिक नहीं फैलता है. मशीन ब्रेक से लेकर अन्य चीजें आटोमेटिक ही जांच होगी. उन्होंने कहा कि राज्य में फिटनेस सेंटर को कंप्यूटराइज्ड करने एवं ऑटोमेटिक करने से कई समस्याओं का समाधान होगा.
आवेदन का फॉर्मेट सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार की अधिसूचना संख्या 652 (अ) दिनांक 23.09.2021 परिवहन विभाग की विभागीय वेबसाइट https://state.bihar.gov.in/transport/ के नोटिफिकेशन भाग से डाउनलोड किया जा सकता है.