पटना: 'माननीयों को सम्मान' देने के लिए बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (Department of General Adminstration) की ओर से सभी अधिकारियों को एक बार फिर से पत्र भेजा गया है. प्रधान सचिव चंचल कुमार (Principal Secretary Chanchal Kumar) ने फिर से सभी अधिकारियों को पत्र भेजकर सांसद और विधायकों को सम्मान देने (Respect MP-MLA) का निर्देश दिया है. बिहार सरकार की ओर से इससे पहले अगस्त में मुख्य सचिव ने भी पत्र भेजा था और उससे पहले संसदीय कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने भी सभी अधिकारियों को पत्र भेजा था.
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2012 से लगातार बिहार सरकार की ओर से सभी आला अधिकारियों से लेकर डीएम तक को पत्र भेजा जा रहा है, लेकिन लगातार आदेश का उल्लंघन हो रहा है. अब एक बार फिर से सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव ने माननीयों के सम्मान से संबंधित दिशा-निर्देश दिया है. सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, सभी विभागाध्यक्ष, पुलिस महानिदेशक, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी जिला पदाधिकारी को पत्र भेजा गया है.
इस पत्र में चंचल कुमार ने लिखा है, 'महाशय निर्देशानुसार उपयुक्त विषय के संदर्भ में कहना है कि जनप्रतिनिधि होने के कारण लोकतांत्रिक व्यवस्था में सांसद एवं राज्य विधान मंडल के सदस्यों का महत्वपूर्ण स्थान है. उन्हें संविधान के अधीन महत्वपूर्ण कार्य संपादित करने के क्रम में विभिन्न विभागों एवं जिला प्रशासन से व्यक्तिगत संपर्क करने अथवा पत्राचार करने की आवश्यकता होती है. उपयुक्त विषय के संदर्भ में पूर्व में भी सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र संख्या 8841 द्वारा 2012 में दिशा निर्देश दिया गया है. संसद एवं विधान मंडल के सदस्यों के साथ कार्य व्यवहार में निम्नांकित दो मूल सिद्धांतों को ध्यान में रखा जाना चाहिए.'
- सरकारी कर्मचारी और पदाधिकारी को संसद सदस्यों एवं राज्य विधान मंडल के सदस्यों के साथ विनम्रता तथा शिष्टाचार का बर्ताव करना चाहिए.
- संसद सदस्यों एवं राज्य विधान मंडल के सदस्यों की बातों को धैर्य पूर्वक सुनना एवं उन पर ध्यान पूर्वक विचार करना चाहिए.
- प्रत्येक कर्मचारी और पदाधिकारी को संसद सदस्यों को तथा राज्य विधान मंडल के सदस्यों को उनके संवैधानिक कार्यों के संपादन में यथासंभव सहायता करनी चाहिए. किंतु किसी सदस्य के अनुरोध अथवा सुझाव को मानने में असमर्थता की स्थिति में असमर्थता के कारणों को उन्हें विनम्रता पूर्वक स्पष्ट कर दिया जाना चाहिए.
- प्रत्येक कर्मचारी और पदाधिकारी को संसद सदस्यों तथा राज्य विधान मंडल के सदस्यों को उनसे मिलने के लिए आने पर आगंतुकों के स्थान पर प्राथमिकता देनी चाहिए. बिना समय लिए हुए मिलने हेतु आए सदस्य यदि अपरिहार्य कारणों से तुरंत मिलना संभव नहीं हो सके तो उन्हें विनम्रता पूर्वक स्थिति से अवगत कराया जाना चाहिए एवं उनके परामर्श से मिलने का समय निर्धारित करना चाहिए. मिलने हेतु प्रतीक्षा अवधि में सदस्यों के सुविधाजनक ढंग से बैठने हेतु स्थान सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
- संसद सदस्य तथा राज्य विधान मंडल के सदस्य के मिलने आने पर कर्मचारी और पदाधिकारी को अपने स्थान से उठकर उनका स्वागत करना चाहिए एवं उनके जाते समय भी उनके प्रति सम्मान प्रदर्शित करते हुए विदा करना चाहिए.
- विनम्र व्यवहार का अपना प्रतीकात्मक मूल्य होता है अतः कर्मचारी और अधिकारी को संसद तथा राज्य विधान मंडल के सदस्यों के साथ अपने व्यवहार में अत्यधिक सचेत एवं शिष्ट होना चाहिए.
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सामान प्रशासन विभाग द्वारा 2 जून 2012, 28 दिसंबर 2017, 25 जनवरी, 2018, 25 अगस्त, 2021 को भी पत्र भेजा गया है. वहीं संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से भी 19 फरवरी 2021 को पत्र भेजा गया था, लेकिन जनप्रतिनिधियों की ओर से लगातार शिकायत मिलने के बाद एक बार फिर से पत्र सभी अधिकारियों को भेजा गया है.