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सफदर हाशमी की पुण्यतिथि पर दी गई श्रद्धांजलि, नुक्कड़ नाटक का किया गया मंचन - etv bihar

नुक्कड़ नाटक को लोकप्रिय बनाने वाले सफदर हाशमी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान पटना में कला जागृति मंच ने पुटुर नाटक का मंचन (Putur Drama Staged) किया. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Safdar Hashmi Death Anniversary
Safdar Hashmi Death Anniversary
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Published : Jan 3, 2022, 9:13 AM IST

पटना: नुक्कड़ नाटक को लोकप्रिय बनाने वाले और समाज के अंदर कुरीतियों को नाटक के जरिए ककहरा सिखाने वाले महान नाट्यकार सफदर हाशमी (Safdar Hashmi Death Anniversary) की रविवार को पुण्यतिथि मनाई गई. ऐसे में जिले के तमाम जगहों पर सफदर हाशमी को चाहने वाले कलाकारों ने उन्हें याद किया. इस दौरान रंगभूमि गांधी मैदान मसौढ़ी में कला जागृति मंच की ओर से पुटुर नाटक का मंचन करते हुए समाज को मैसेज देने की कोशिश की गई.

ये भी पढ़ें- LNMU में लोक नाटक की प्रस्तुति, सती बिहुला और बहुरा गोढ़िन देखकर मुग्ध हुए दर्शक

कहा जाता है कि जब किसी घर में एक बेटी शिक्षित होती है, तो एक परिवार ही नहीं बल्कि समाज और गांव का नाम आगे बढ़ जाता है. बेटी पढ़ेगी तो समाज आगे बढ़ेगा, बेटी बचेगी तो समाज और परिवार जिंदा रहेगा, इन सब पर आधारित पुटूर नाटक का मंचन किया गया. नाटक के जरिए मनोरंजन करके समाज को संदेश देने की कोशिश की गई.

सफदर हाशमी की पुण्यतिथि पर दी गई श्रद्धांजलि

नुक्कड़ नाटक के जन्मदाता सफदर हाशमी की पुण्यतिथि पर गांधी मैदान मसौढ़ी में नुक्कड़ नाटक का कार्यक्रम किया गया. ऐसे मौके पर पटना और मसौढ़ी के तमाम कलाकारों ने मिलकर कार्यक्रम के जरिए समाज की कुरीतियों पर प्रहार करते हुए बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के स्लोगन के साथ समाज में मैसेज देने की कोशिश की. नुक्कड़-नाटक और गीत-संगीत मनोरंजन के साथ समाज में एक गंभीर संदेश देने की कोशिश की गई.

निर्देशक उदय शंकर और निर्माता गौतमी कुमारी ने पुटूर नाटक का मंचन किया. मौके पर कई कम्युनिस्ट के समर्थक शामिल हुए. कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में लोग भी शामिल हुए. पुरुष प्रधान देश में महिलाओं की वर्तमान स्थिति और बेटियों की स्थिति को लेकर पुटूर नाटक का मंचन किया गया. महान नाटककार सफदर हाशमी की याद में कला जागृति मंच की ओर से नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया, इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में गांधी मैदान में लोगों ने नाकट का लुत्फ उठाया.

नाटककारों ने गीत संगीत और मनोरंजन के जरिए समाज में एक तीखा प्रहार किया. बेटियों के साथ आए दिन हो रहे अत्याचार को सबके सामने रखा और सामाजिक संदेश देने की कोशिश की गई. वहीं, सफदर हाशमी के आने वाले जयंती यानी 12 अप्रैल को उनके जन्मदिवस पर सफदर हाशमी स्मृति सम्मान की घोषणा की गई. उस दिन युवा कलाकारों को उनके नाम से सम्मान दिया जाएगा.

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पटना: नुक्कड़ नाटक को लोकप्रिय बनाने वाले और समाज के अंदर कुरीतियों को नाटक के जरिए ककहरा सिखाने वाले महान नाट्यकार सफदर हाशमी (Safdar Hashmi Death Anniversary) की रविवार को पुण्यतिथि मनाई गई. ऐसे में जिले के तमाम जगहों पर सफदर हाशमी को चाहने वाले कलाकारों ने उन्हें याद किया. इस दौरान रंगभूमि गांधी मैदान मसौढ़ी में कला जागृति मंच की ओर से पुटुर नाटक का मंचन करते हुए समाज को मैसेज देने की कोशिश की गई.

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कहा जाता है कि जब किसी घर में एक बेटी शिक्षित होती है, तो एक परिवार ही नहीं बल्कि समाज और गांव का नाम आगे बढ़ जाता है. बेटी पढ़ेगी तो समाज आगे बढ़ेगा, बेटी बचेगी तो समाज और परिवार जिंदा रहेगा, इन सब पर आधारित पुटूर नाटक का मंचन किया गया. नाटक के जरिए मनोरंजन करके समाज को संदेश देने की कोशिश की गई.

सफदर हाशमी की पुण्यतिथि पर दी गई श्रद्धांजलि

नुक्कड़ नाटक के जन्मदाता सफदर हाशमी की पुण्यतिथि पर गांधी मैदान मसौढ़ी में नुक्कड़ नाटक का कार्यक्रम किया गया. ऐसे मौके पर पटना और मसौढ़ी के तमाम कलाकारों ने मिलकर कार्यक्रम के जरिए समाज की कुरीतियों पर प्रहार करते हुए बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के स्लोगन के साथ समाज में मैसेज देने की कोशिश की. नुक्कड़-नाटक और गीत-संगीत मनोरंजन के साथ समाज में एक गंभीर संदेश देने की कोशिश की गई.

निर्देशक उदय शंकर और निर्माता गौतमी कुमारी ने पुटूर नाटक का मंचन किया. मौके पर कई कम्युनिस्ट के समर्थक शामिल हुए. कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में लोग भी शामिल हुए. पुरुष प्रधान देश में महिलाओं की वर्तमान स्थिति और बेटियों की स्थिति को लेकर पुटूर नाटक का मंचन किया गया. महान नाटककार सफदर हाशमी की याद में कला जागृति मंच की ओर से नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया, इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में गांधी मैदान में लोगों ने नाकट का लुत्फ उठाया.

नाटककारों ने गीत संगीत और मनोरंजन के जरिए समाज में एक तीखा प्रहार किया. बेटियों के साथ आए दिन हो रहे अत्याचार को सबके सामने रखा और सामाजिक संदेश देने की कोशिश की गई. वहीं, सफदर हाशमी के आने वाले जयंती यानी 12 अप्रैल को उनके जन्मदिवस पर सफदर हाशमी स्मृति सम्मान की घोषणा की गई. उस दिन युवा कलाकारों को उनके नाम से सम्मान दिया जाएगा.

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