पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहली बार व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं. शायद अपने राजनीतिक जीवन में नीतीश कुमार पहली बार पर्सनल अटैक कर रहे हैं. कारण जो भी हो, लेकिन नीतीश को जानने वाले बताते हैं कि 15 साल सत्ता में रहने के बाद भी अगर नीतीश कुमार को 15 साल पीछे की बात करनी पड़ रही है तो साफ है कि मामला पेचीदा है.
नीतीश कुमार के पिछले तीन दिन की रैलियों की बात की जाए तो आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर खुले तौर पर निशाना साधा है. उन्होंने बुधवार को सारण के परसा में तेजप्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय का मुद्दा उठाकर साफ कर दिया कि मामला अब सियासी नहीं व्यक्तिगत हो चुका है.
-
बिहार चुनाव में कौन है सबसे कम उम्र का उम्मीदवार? जानिए कितनी है सबसे उम्रदराज कैंडिडेड की एजhttps://t.co/fTUm3Y8b8q
— ETVBharat Bihar (@ETVBharatBR) October 23, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">बिहार चुनाव में कौन है सबसे कम उम्र का उम्मीदवार? जानिए कितनी है सबसे उम्रदराज कैंडिडेड की एजhttps://t.co/fTUm3Y8b8q
— ETVBharat Bihar (@ETVBharatBR) October 23, 2020बिहार चुनाव में कौन है सबसे कम उम्र का उम्मीदवार? जानिए कितनी है सबसे उम्रदराज कैंडिडेड की एजhttps://t.co/fTUm3Y8b8q
— ETVBharat Bihar (@ETVBharatBR) October 23, 2020
दरअसल, नीतीश कुमार परसा में तेज प्रताप यादव के ससुर और जेडीयू उम्मीदवार चंद्रिका राय के लिए प्रचार करने पहुंचे थे. इस रैली में लालू यादव जिंदाबाद के नारे लगे तो आमतौर पर शांत रहने वाले नीतीश नाराज हो गए. नाराज इतना हुए कि उन्होंने वहां पर मौजूद लोगों से कह दिया कि वोट नहीं देना है तो मत देना लेकिन हल्ला मत करो. इसके बाद नीतीश बताया कि कैसे राबड़ी देवी और उनके परिवार ने ऐश्वर्या के साथ दुर्व्यवहार किया.
इसके अगले दिन यानी गुरुवार को मुजफ्फरपुर में चुनावी सभा के दौरान नीतीश कुमार ने पति-पत्नी की सरकार कह कर 1997 की घटना का जिक्र किया. दरअसल, उस वक्त लालू यादव को चारा घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था और राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया गया.
-
बदला बिहार चुनाव का नरेटिव? रोजगार बना मुख्य मुद्दा, जानिए क्या है युवाओं की प्रतिक्रियाhttps://t.co/gnwZU6l5aC
— ETVBharat Bihar (@ETVBharatBR) October 23, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">बदला बिहार चुनाव का नरेटिव? रोजगार बना मुख्य मुद्दा, जानिए क्या है युवाओं की प्रतिक्रियाhttps://t.co/gnwZU6l5aC
— ETVBharat Bihar (@ETVBharatBR) October 23, 2020बदला बिहार चुनाव का नरेटिव? रोजगार बना मुख्य मुद्दा, जानिए क्या है युवाओं की प्रतिक्रियाhttps://t.co/gnwZU6l5aC
— ETVBharat Bihar (@ETVBharatBR) October 23, 2020
वहीं, शुक्रवार को नीतीश कुमार ने तेजस्वी पर पर्सनल हमला करते हुए पूछ दिया कि दिल्ली में कहां ठहरते हैं, ये बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान तेजस्वी यादव कहां थे, ये बिहार की जनता जाननी चाहती है. अगर दिल्ली में थे तो वो कहां ठहरे थे और क्या कर रह थे?
15 साल पीछे की बात क्यों कर रहे नीतीश?
जानकार बताते हैं कि नीतीश कुमार को पता है कि ये उनका आखिरी शॉट है. उन्हें पता है कि अगर इस बार वे चूक गए तो वापसी मुश्किल है. उन्हें पता है कि इस बार का जंग आसान नहीं है. सबसे बड़ा सवाल है कि लगभग 15 साल तक प्रदेश की कमान संभालने वाले नीतीश अतीत की खुदाई क्यों कर रहे हैं? शायद इस सवाल का जवाब नीतीश से बेहतर कोई नहीं बता सकता है.
दरअसल, बिहार चुनाव में सियासी खेल चल रहा है. एनडीए का हिस्सा रहे एलजेपी का अलग होना, इसके बावजूद बीजेपी से चिराग पासवान का एकतरफा प्रेम का इजहार करना, साथ ही तेजस्वी यादव का नीतीश पर सीधा सियासी प्रहार करना और पीएम मोदी की अनदेखी करना. जरूर ये सियासी खेल है, जिसका काट फिलहाल नीतीश के पास नहीं है.
-
पिता- एमएलसी, मां- सांसद, सालाना 8 करोड़ कमाने वाली बेटी लड़ रही विधानसभा चुनावhttps://t.co/dDI0nADiZX
— ETVBharat Bihar (@ETVBharatBR) October 23, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">पिता- एमएलसी, मां- सांसद, सालाना 8 करोड़ कमाने वाली बेटी लड़ रही विधानसभा चुनावhttps://t.co/dDI0nADiZX
— ETVBharat Bihar (@ETVBharatBR) October 23, 2020पिता- एमएलसी, मां- सांसद, सालाना 8 करोड़ कमाने वाली बेटी लड़ रही विधानसभा चुनावhttps://t.co/dDI0nADiZX
— ETVBharat Bihar (@ETVBharatBR) October 23, 2020
क्योंकि चिराग का बीजेपी का एकतरफा प्रेम नीतीश कुमार को भ्रम पैदा कर रहा है. हालांकि नीतीश कुमार जानते हैं कि चुनाव जीतने के लिए सहयोगियों का समर्थन और वोटों की जरूरत है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. दरअसल, इस बार जेडीयू को 77 सीटों पर आरजेडी से सीधी टक्कर है.
इधर चिराग ने भी इन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. ऐसे में नीतीश कुमार को बड़ी समस्या उन सीटों पर नजर आ रही जहां एनडीए के उम्मीदवार ही जेडीयू के खिलाफ दावेदारी कर रहे हैं. दरअसल, चिराग पासवान ने इन सीटों पर उन लोगों को उम्मीदवार बनाया है, जिन्हे किसी कारणवश उन्हें बीजेपी या जेडीयू से टिकट नहीं मिला, एलजेपी ने उन्हें उम्मीदवार बनाकर नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ा दी है.
तेजस्वी-चिराग ने बिगाड़ा नीतीश की सियासी रणनीति?
अब तक विकास की मुद्दे पर चुनाव लड़ने वाले नीतीश कुमार इस बार बैकफुट पर हैं. ऊपर से चिराग और तेजस्वी का दोहरा हमला उनकी सियासी रणनीति को ही बिगाड़ दिया है. बेरोजगारी के मुद्दे पर नीतीश के पास कोई जवाब नहीं है. सभी तथ्यों का जनने के बाद भी तेजस्वी और चिराग के सियासी 'खेल' में नीतीश कुमार फंस गए हैं. यही कारण है कि नीतीश 15 साल बाद भी 15 साल पीछे की बात कर रहे हैं और लालू यादव के तथाकथित 'जंगलराज' के बारे में नई पीढ़ी को बताने की अपील कर रहे हैं.